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Gwalior News: 3 मई से डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं बरकरार रखने के लिए ये निर्देश

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Published : May 2, 2023, 3:59 PM IST

मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने वाले हैं. स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा न आये इसके लिए संभागीय कमिश्नर ने डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर दिये हैं.

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3 मई से डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

3 मई से डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

ग्वालियर। शिवराज सरकार की वादाखिलाफी से नाराज मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. पहले दिन डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया. हड़ताल के दूसरे दिन डॉक्टर 2 घंटे के लिए ओपीडी बंद रखेंगे. वहीं, बिगड़े हालातों को देखकर संभागीय कमिश्नर ने ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य के सुपरिटेंडेंट और जीआरएमसी के डीन को निर्देश दिए हैं कि हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी ना उठानी पड़े इसका इंतजाम पहले ही किया जाए.

हड़ताल पर रहेंगे 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरः मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और प्रदेश सरकार के बीच डीएसीपी लागू करने और प्रशासनिक दखलअंदाजी जैसे आदेश को वापस लेने पर बात नहीं बनने के बाद मध्यप्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सा महासंघ के आह्वान पर प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं. अगर डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा सकती हैं.

डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्दः वहीं, वर्तमान हालातों के मद्देनजर ग्वालियर चंबल संभाग के गजराराजा मेडिकल कॉलेज समूह के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश संभागीय कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन को दिए हैं. निर्देश मिलते ही आनन-फानन में डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर दिए गए हैं. हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल न हों इसके इंतजाम की अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन ने कहा है कि "मरीजों को कोई परेशानी न हो इसलिए आयुष विभाग के डॉक्टरों की सूची लगाने के लिए पत्र लिखा है. इमरजेंसी, ट्रामा और आईसीयू पूरी तरह संचालित रहेगा. मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी."

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अपर मुख्य सचिव और डॉक्टर्स के बीच हुई बातचीतः वहीं, डॉक्टर 17 अप्रैल से ओपीडी में आने वाले मरीजों के पर्चों पर दवाइयों के साथ-साथ हमारी मांगें पूरी करो के मैसेज भी लिख रहे थे. बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान और डॉक्टर्स के बीच बातचीत हुई, लेकिन प्रमोशन की अवधि को लेकर बात नहीं बन सकी. साथ ही डीएसीपी को लेकर पिछली बैठक में जो आम सहमति बनी थी उसे भी डॉक्टरों ने मानने से मना कर दिया है, जिसके चलते अब प्रदेश के डॉक्टरों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है.

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