ग्वालियर में कमीशन के फेर में फंसे एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, कलेक्टर के बंगले पर किया था ठेकेदार ने काम

ग्वालियर में कमीशन के फेर में फंसे एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, कलेक्टर के बंगले पर किया था ठेकेदार ने काम
ग्वालियर में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को पन्द्रह हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया.कलेक्टर के सरकारी आवास में हुए काम के एवज में अधिकारी ने ठेकेदार से सत्तर हजार रुपये की मांग की थी.
ग्वालियर। लोक निर्माण विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता को पन्द्रह हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया. बिजली ठेकेदार महेंद्र सिंह बैस ने एक दिन पहले ही लोकायुक्त पुलिस में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता के खिलाफ सत्तर हजार रुपये की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. जबकि चार दिन पहले ही बिजली ठेकेदार 55000 रुपये की रिश्वत कार्यपालन यंत्री को बतौर कमीशन दे चुका था.
कलेक्टर आवास में हुआ था काम: ठेकेदार महेंद्र सिंह बैस ने भिंड कलेक्टर के सरकारी आवास में बिजली संबंधी कार्य किया था. इसमें करीब पौने तीन लाख रुपये का बिल उन्होंने पीडब्ल्यूडी में लगाया था लेकिन कार्यपालन यंत्री गुप्ता उसके बिल को पास करने के ऐवज में 25 फ़ीसदी कमीशन मांग रहे थे.
कितनी रिश्वत की मांग की थी: कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता ने इस पूरे मामले में 2 लाख 72 हजार रुपए के बिल के ऐवज में 70000 रुपए की रिश्वत मांगी थी. 15000 की शेष रकम देने के लिए ठेकेदार को इंजीनियर ने मेला ग्राउंड परिसर में बुलाया था. जहां पहले से ही मौजूद लोकायुक्त पुलिस ने कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता को 15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया.
क्या कहना है ठेकेदार का: ठेकेदार महेंद्र सिंह बैस का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे की बीमारी का हवाला देकर रिश्वत के पैसों में कुछ कमी करने की मांग की थी लेकिन कार्यपालन यंत्री 70000 रुपए से कम नहीं कर रहे थे. लिहाजा उसने लोकायुक्त पुलिस में इंजीनियर पीके गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
