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फूलबाग में पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का धरना-प्रदर्शन, 27 फीसदी आरक्षण की मांग

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Published : Feb 25, 2019, 12:00 AM IST

ग्वालियर चंबल में एक बार आरक्षण की मांग तेज हो गई है, इस बार ये मांग पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने की है, उनकी मांग है कि देश में समुदाय के अनुपात के हिसाब से आरक्षण और राजनीति में सहभागिता होनी चाहिए. साथ ही 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग नहीं मानी गई तो चुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.

धरना प्रदर्शन

ग्वालियर। अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के संयुक्त बैनर तले ग्वालियर के फूल बाग में विशाल धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पिछड़ा वर्ग से जुड़े नेताओं ने कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण चाहिए, अगर सरकार ऐसा करने में नाकाम रही तो चुनाव में इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे.

पिछड़ा वर्ग का 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर धरना प्रदर्शन


दरअसल, सवर्ण समाज को 10 फीसदी आरक्षण देने के बाद अब पिछड़ा वर्ग भी 27 फीसदी आरक्षण की मांग पुरजोर तरीके से उठाने लगा है. पिछड़ा वर्ग के धरना प्रदर्शन में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए. इस दौरान धरने का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने कहा कि हमें राजनीतिक दलों के भरोसे नहीं बैठना चाहिए, जितनी जिसकी हिस्सेदारी, उतनी सत्ता में उसकी भागीदारी का नियम लागू होना चाहिए.

पिछड़ा वर्ग की ने मांग की है कि देश में पिछड़े समुदाय के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद मंडल कमीशन की सिफारिशें अभी तक मध्यप्रदेश में लागू नहीं की गई हैं. यहां ओबीसी को सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है. सरकार को इसे हर हाल में बढ़ाकर 27 फीसदी करना होगा. अन्यथा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा. ग्वालियर में हुए इस सम्मेलन में कांग्रेस-बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े कई नेता भी पिछड़ा वर्ग के मंच पर दिखाई दिए.

Intro: ग्वालियर
अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के संयुक्त बैनर तले रविवार को तीसरा धरना का फूल बाग पर आयोजन किया गया। जिसमें पिछड़ा वर्ग से जुड़े नेताओं ने कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में 27 फ़ीसदी आरक्षण चाहिए यदि सरकार ऐसा करने में नाकाम रही तो उसे चुनाव में इसके दुष्परिणाम भोगने होंगे।


Body:दरअसल सवर्ण समाज को मिले 10 फीसदी आरक्षण के बाद अब पिछड़ा वर्ग भी देश के दूसरे हिस्सों की तरह मध्यप्रदेश में 27 फ़ीसदी आरक्षण की मांग पुरजोर तरीके से उठाने लगा है। रविवार को लक्ष्मी बाई समाधि के सामने मैदान में पिछड़ा वर्ग समाज का धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इन नेताओं का कहना था कि हमें राजनीतिक दलों के भरोसे नहीं बैठना चाहिए जितनी जिसकी हिस्सेदारी उतनी सत्ता में उसकी भागीदारी का नियम लागू होना चाहिए।


Conclusion:पिछड़ा वर्ग की मांग है कि पिछड़े वर्ग की संख्या देश में सबसे ज्यादा है बावजूद इसके मंडल कमीशन की सिफारिशें अभी तक मध्य प्रदेश में लागू नहीं की गई है। यहां सिर्फ ओबीसी को 14 फ़ीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। सरकार को हर हालत में चुनाव से पहले इसे बढ़ाकर 27 फ़ीसदी करना होगा। अन्यथा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे। खास बात यह है कि पिछड़ा वर्ग के इस सम्मेलन में कांग्रेस भाजपा और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े कई नेता एक साथ मंच पर मौजूद थे ।लेकिन वहां बिछाई गई कुर्सियों में 40 फ़ीसदी कुर्सियां खाली रही।
बाइट रामबरन सिंह नेता पिछड़ा वर्ग मेहगांव भिंड
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