ETV Bharat / state

यूं ही नहीं 'विकास पुरूष' कहलाते थे माधवराव सिंधिया, दिल में बसता था ग्वालियर, मौत पर थम गया था शहर

author img

By

Published : Mar 10, 2023, 11:11 AM IST

Updated : Mar 10, 2023, 12:13 PM IST

पूरे देश भर में ग्वालियर रियासत और राजघराना हमेशा चर्चाओं में रहता है और जब भी ग्वालियर की चर्चा होती है तो विकास पुरुष कहे जाने वाले स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को जरूर याद किया जाता है. आज स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती है और इस मौके पर हर कोई याद कर रहा है. स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को विकास पुरुष कहा जाता था, उन्होंने मध्यप्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर में विकास की ऐसी कई नींव रखी है जिससे ग्वालियर की पहचान देश में ही नहीं बल्कि विश्व भर में होती है. जानिए विकास पुरुष माधवराव सिंधिया के बारे में..

Madhavrao Scindia Jayanti
माधवराव सिंधिया जयंती

ग्वालियर। सिंधिया राज परिवार की सबसे चर्चित कांग्रेस नेता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की आज जयंती है और आज उनकी जयंती मनाने के लिए हर कोई बेताब है. आम लोगों के साथ-साथ भले ही कांग्रेस के नेता के साथ ही, आज विपक्षी पार्टी के नेता भी उनकी जयंती पर उन्हें नमन करने के लिए पहुंच रहे हैं. क्या आप जानते हैं माधवराव सिंधिया ऐसे विकास पुरुष कहलाते थे कि उन्हें सिर्फ ग्वालियर की चिंता रहती थी. यही कारण है कि अंचल में उद्योग से लेकर शहरी विकास में माधवराव सिंधिया की अहम भूमिका मानी जाती है. स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की पहल पर ही अंचल में बड़ी-बड़ी उद्योग स्थापित हुए।शिक्षा के क्षेत्र में बड़े इंस्टिट्यूट ग्वालियर में स्थापित है, ग्वालियर में आज मालनपुर और बामौर जैसे बड़े उद्योग केंद्र स्थापित है, इसके साथ ही जिले में शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने ऐसी अलख जगाई के आज ग्वालियर पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में जाना जाता है. ग्वालियर में IIITM, IITTM, IHM, LNUIP जैसे बड़े संस्थान यहां स्थापित है, लेकिन एक रात अंचल वासियों के लिए ऐसी काली रात बनकर आई कि सब कुछ उसने पूरे अंचल को शांत कर दिया, वह रात 30 सितंबर 2001 की है, जब विकास पुरुष स्वर्गीय माधवराव सिंधिया एक विमान हादसे में जान गवा बैठे.

madhavrao scindia
माधवराव सिंधिया की 78वीं जयंती

कानपुर की यात्रा अंतिम यात्रा: बताते हैं कि 30 सितंबर को कांग्रेस की कानपुर में एक बड़ी रैली थी इस रैली को संबोधित करने के लिए दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जाना था, लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के कारण माधवराव सिंधिया को जाने के लिए तैयार किया. उसके बाद स्वर्गीय माधवराव सिंधिया रैली को संबोधित करने के लिए कानपुर के लिए रवाना हो गए, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह उनकी यात्रा अंतिम यात्रा है. इस यात्रा के दौरान उनका विमान क्रैश हो गया और उनकी जान चली गई. उनकी मौत की खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई और ग्वालियर चंबल अंचल सन्नाटे में तब्दील हो गया, हर कोई बस यही पूछ रहा था कि माधव को क्या हुआ, कोई तो बताए. थोड़ी देर बाद यह खबर सन्नाटे में तब्दील हो गई और पूरा अंचल शोक में डूब गया.

इन खबरों पर भी एक नजर:

अंतिम यात्रा में उमड़ी थी भीड़: 30 सितंबर घटना के बाद ग्वालियर शहर के 90 फीसदी घरों में शाम को चूल्हा नहीं जला था और घर-घर में शोक था. लगभग हर किसी की आंखें नम थी,दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी और ठेला वाले अपले ठेले को लेकर घर की तरफ रवाना हो गए. ऐसा लग रहा था कि मानो ग्वालियर पूरी तरह शांत हो चुका है. उनकी मौत इतनी भयानक हुई थी कि शरीर के अलग-अलग से हिस्से कई जगह पर गिरे हुए थे, जब उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ग्वालियर लाया गया तो इतनी भीड़ हो गई थी कि सड़कों पर जगह नहीं थी. देश में यह पहला मौका था जब इतना जन समूह किसी नेता की अंतिम यात्रा में उमड़ा हो.

माधवराव सिंधिया के राजनीतिक सफर: अगर माधवराव सिंधिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो 1969 में जब उनकी मां राजमाता विजय राजे जनसंघ में आई तो उनके साथ ही विदेश में पढ़ाई कर लौटे माधवराव सिंधिया ने भी जनसंघ ज्वाइन कर ली, लेकिन 1971 के चुनाव में जब देश में चारों तरफ इंदिरा गांधी की लहर थी तो उन्होंने को कोंग्रेस दामन थाम लिया. उस समय 26 साल की उम्र में गुना संसदीय सीट में पहली बार चुनाव जीतकर माधवराव सिंधिया सांसद बन गये, उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. स्वर्गीय माधवराव सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट से 4 बार चुनाव लड़ा, उन्होंने 1971 में पहली बार चुनाव जीता, इसके बाद वह एक भी चुनाव नहीं हारे. वे लगातार दो बार लोकसभा से सांसद रहे, 1984 में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को ग्वालियर से करारी हार दी थी, माधवराव सिंधिया छह बार कांग्रेस, एक बार निर्दलीय, एक बार जनसंघ और एक बार मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस पार्टी से सांसद रहे.

Last Updated : Mar 10, 2023, 12:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.