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Bamori Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE: गुना जिले की बमोरी सीट पर क्या फिर चलेगा शिवराज के मंत्री व सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सिसोदिया का जादू

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 3:23 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 7:08 AM IST

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बमोरी में क्या फिर चलेगा शिवराज के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का जादू

LIVE Bamori, Madhya Pradesh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: मध्य प्रदेश की राजनीति में बमोरी क्षेत्र उन विधानसभा सीटों में शामिल है, जहां सिंधिया घराने का दबदबा है. यह सीट केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक और कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की है. यहां भारतीय जनता पार्टी को लेकर एक बार फिर एन्टी इनकंबेंसी जैसी स्थिति बन रही है. वहीं कांग्रेस भी अब तक दमदारी नहीं दिखा पाई है. इन हालातों में चुनाव का रुख क्या रहेगा, दोनों ही दलों के लिए क्या चुनौतियां हैं, क्या हैं क्षेत्र के समीकरण, इन्हीं बिंदुओं पर ये विशेष रिपोर्ट.

Bamori Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE। मध्य प्रदेश की राजनीति में 2020 में हुई सत्ता पलट 'आया राम, गया राम' से भी बड़ा इतिहास रच गई. कई वर्षों तक कांग्रेस के सिपहसालार बनकर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया वह चेहरा थे, जिन्होंने मध्य प्रदेश में 2018 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता दिलाई थी लेकिन मार्च 2020 में अचानक अपने 22 विधायकों के साथ जिनमें तत्कालीन सरकार के मंत्री भी शामिल थे कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. बड़े ही नाटकीय ढंग से कांग्रेस की सरकार गिरी और भारतीय जनता पार्टी दोबारा सत्ता पर काबिज हो गई जिसके परिणाम स्वरूप मध्य प्रदेश में दो दर्जन से अधिक सीटों पर उपचुनाव का सामना करना पड़ा. इनमें मध्य प्रदेश के गुना जिले में आने वाली बमोरी विधानसभा भी शामिल थी जहां से तत्कालीन मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया इस्तीफा देने के बाद भाजपा के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे और दोबारा जीत कर भाजपा सरकार में मंत्री बने.

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बमोरी सीट पर 2018 का परिणाम

बमोरी विधानसभा क्षेत्र की खासियत : सहरिया आदिवासी बहुल क्षेत्र है बमोरी. यहां इन्हीं आदिवासी वर्ग के बनाये मानचित्र आकर्षण का केंद्र होते हैं. यह क्षेत्र विकास में पिछड़ा जरूर है लेकिन आदिवासी बाजार और आदिवासी लोगों द्वारा बनाई गई चीजों का आकर्षण किसी को भी अपनी ओर खींच सकता है यहां आदिवासी पर्यटन की तमाम संभावनाएं हैं. मध्य प्रदेश निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 28 में अगर बात मतदाताओं की संख्या की जाए तो इस क्षेत्र में कुल 218158 मतदाता हैं. जिनमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 113093 है वही इस क्षेत्र में 105065 महिला वोटर हैं जबकि इस विधानसभा क्षेत्र में एक भी थर्ड जेंडर वोटर नही है. ये आंकड़े भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 2.08.2023 को जारी किए अनुसार है ये मतदाता आगामी विधानसभा चुनाव में आने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.

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बमोरी सीट पर कब कौन जीता कौन हारा

क्या है सियासी दृश्य : बमोरी विधानसभा क्षेत्र सिंधिया घराने के दबदबे वाला है. सिंधिया के समर्थक और मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का ये विधानसभा क्षेत्र है. साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद ये क्षेत्र अस्तित्व में आया. इस साल पहली बार यहां विधानसभा के चुनाव हुए सीट सत्ता के खाते में कई भाजपा के प्रत्याशी कन्हैया लाल रामेश्वर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और पहले विधायक बने. उनके सामने खड़े हुए कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह सिसोदिया को यहां हर का सामना करना पड़ा लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में हुए अब तक के चुनाव में सबसे खास बात यह रही के यहां सिर्फ विधायक बदले जबकि अब तक हुए चार विधानसभा के चुनाव में प्रतिद्वंदी चेहरे नहीं बदले गए. महेंद्र सिंह सिसोदिया 2013 में विधायक बने थे. 2008 में भी कांग्रेस से लड़कर वह विधायक और मंत्री बने और 2020 के उप चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में उतरे और तीसरी बार विधायक बने.

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बमोरी में मतदाताओं की स्थिति

ग्रामीण परेशान : बमोरी में बीते 12 वर्षों के कार्यकाल और मंत्री पद होने के बाद भी वर्तमान विधायक अपने क्षेत्र में कोई खास विकास नहीं कर सके. आज भी स्थानीय लोगों को तहसीलदार, एसडीएम से लेकर पटवारी तक से मिलने के लिए जिला मुख्यालय पर भागना पड़ता है. कहने को तो मंत्री बमोरी विधानसभा क्षेत्र से हैं लेकिन वह अपने विधानसभा मुख्यालय पर नहीं रुकते. उनका बंगला भी गुना में ही है. ऐसे में इस क्षेत्र की जनता को अपने छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम के लिए जिला मुख्यालय का रुख करना ही पड़ता है.

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बमोरी के स्थानीय मुद्दे

ये हैं दावेदार : राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो बीजेपी की ओर से मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया संभावित उम्मीदवार हैं लेकिन उनके साथ पूर्व विधायक और पूर्व नगर पालिका के अध्यक्ष राजेंद्र सलूजा भी दावेदारी में शामिल हैं. इनके अलावा भाजपा नेता आनंद रघुवंशी और पूर्व प्रत्याशी बृजमोहन सिंह आजाद के बेटे महेंद्र सिंह किरार भी लाइन में हैं. कांग्रेस से पूर्व मंत्री और विधायक रहे किशोरी लाल रामेश्वर अग्रवाल और उनके बेटे ऋषि अग्रवाल भी इस बार कांग्रेस पार्टी से टिकट की उम्मीद लगाए हुए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता समर सिंह गड़ा और मुरारी धाकड़ भी टिकट की दावेदारी में शामिल हैं.

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ये बमोरी की खासियत

विधानसभा उपचुनाव 2020 के नतीजे : साल 2020 में हुए उपचुनाव में बमोरी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से आए तत्कालीन मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा रहा था, जिन्हें एक बार फिर जनता ने 1,01,124 वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुना, वही इस सीट पर कांग्रेस ने ब्ज्प के बागी पूर्व विधायक कन्हैया लाल रामेश्वर अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था जिन्हें आधे से भी कम यानी मंत्री के मुकाबले महज 47,971 वोट हासिल हुए इनके अलावा चुनाव लड़े अन्य सभी प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई थी इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 53,153 मतों के भारी अंतर के साथ विजयी रही और महेंद्र सिंह सिसौदिया तीसरी बार विधायक बने. साल 2018 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी.

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ये हैं जातीय समीकरण

विधानसभा चुनाव 2013 के नतीजे : साल 2013 में हुए विधानसभा के चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए अहम साबित हुए जहां भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर अपने सेटिंग विधायक कन्हैयालाल रामेश्वर अग्रवाल पर भरोसा करते हुए टिकट दिया था तो वही कांग्रेस ने एक बार फिर महेंद्र सिंह सिसोदिया पर भरोसा जताया था लेकिन इस बार सिसोदिया ने अपनी पिछली हार का बदला ले लिया उन्हें जनता ने 71,804 वोट देकर पहली बार विधायक बनाया. जबकि, तत्कालीन विधायक कन्हैयालाल रामेश्वर अग्रवाल 53,243 वोट पर समेट गए इस चुनाव में जीत सिसोदिया की हुई और जीत का अंतर 18,561 मतों का रहा. 2008 में विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने ही अपने भरोसेमंद नेताओं को मैदान में उतारा था. फैसला भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गया.

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विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे : हर विधानसभा चुनाव में बमोरी विधानसभा में कुछ मुद्दे आम हैं, जिन पर वर्षों से काम नहीं हो पाया. कहने को यहां के विधायक पंचायत मंत्री हज लेकिन इस क्षेत्र में आज भी लोग ग्रामीण अंचल में जर्जर सड़कों की वजह से आवागमन की परेशानियां झेलते आ रहे हैं बमोरी विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर इलाका ग्रामीण बसाहट का है ऐसे में गांव खेड़ों में मूलभूत सुविधाएं अब भी बड़ी चुनौती है. इन सब के साथ-साथ स्थानीय तौर पर आदिवासी सहरिया जाति को वन पट्टा अधिकार देने का मुद्दा इस वर्ष भी चुनावी वादों में शामिल रहेगा. इसके साथ-साथ बीते 4 दशकों से क्षेत्र के ग्वालटोरिया पन्हेटी और छतरपुरा तालाब निर्माण की मांग बरकरार है वहीं बेरोजगारी भी चुनाव का एक अहम मुद्दा है.

Last Updated :Dec 3, 2023, 7:08 AM IST
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