MP Guna हाईप्रोफाइल ट्रिपल मर्डर में आरोपी की मां को भी उम्रकैद, 3 नाबालिग की हत्या कर शव जलाए थे

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Published : Nov 30, 2022, 4:03 PM IST

Mother of minor accused life imprisonment

गुना के हाईप्रोफाइल ट्रिपल मर्डर मामले में (Guna high profile triple murder) आरोपी की मां को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Mother of minor accused life imprisonment) गई है. पांच साल पहले तीन नाबालिगों का मर्डर किया गया था. महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर उसके तीन नाबालिग दोस्तों की एक के बाद एक हत्या कर शव जलाए थे. आरोपी पूनम दूबे उर्फ़ पक्का को कोर्ट ने तीनों हत्याओं का दोषी मानकर अलग-अलग फैसला देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. महिला के बेटे को पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है.

गुना। साल 2017 के मई माह में पुलिस थाना कैंट में सिंचाई विभाग में पदस्थ अंतरसिंह मीना ने अपने बेटे हेमंत मीना (17) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि हेमंत 18 मई को रात 8 बजे उससे 40 हजार रुपए लेकर सेकेंड हैंड मोटर साइकिल खरीदने की कहकर अपने दोस्त के साथ घर से निकला. जो अभी तक नहीं आया है. अंतरसिंह की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी.

महिला को बचाने हाईप्रोफाइल लोग हो गए थे सक्रिय : पुलिस शुरू में इसे सामान्य केस मानकर चली. तत्कालीन टीआई आशीष सप्रे ने आरोपी किशोर और उसकी मां पूर्णिमा अग्रवाल उर्फ़ पूनम दूबे उर्फ़ पक्का को पूछताछ के लिए थाने बुलाया. इसके बाद हाईप्रोफाइल लोगों से संबंधों के लिए चर्चित पूनम के बचाव में कई लोगों के फोन घनघनाने लगे. इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी के दो दोस्त भी लापता हैं. सभी एंगल से जांच में जुटी पुलिस तब चौंकन्नी हुई, जब हेमंत की फिरौती का फोन आया. दरअसल, हेमंत से उसके नाबालिग दोस्त महिला के बेटे ने ही दगा किया.

रुपए लूटकर की हत्या : मां पूनम और एक अन्य नाबालिग साथी की मदद से हेमंत से 40 हजार रुपये छीन लिए गए और उसकी गला और हाथ काटकर हत्या कर दी. सबूत मिटाने के लिए शव को जला दिया. इसके बाद पूनम ने उसके दोनों दोस्तों को लालच दिया कि किसी को कुछ नहीं बताना. फिरौती की रकम में से तुम्हारा भी हिस्सा रहेगा. मृतक हेमंत का मोबाइल उसके दोस्त नाबालिग को दिया और उससे कहा कि गुना से दूर इंदौर जाकर अंतर सिंह को धमकी देना कि तुम्हारा बेटा हमारे कब्जे में है. उससे 50 लाख की फिरौती की बात करना. ताकि पुलिस का ध्यान गुना से हटकर इंदौर पर चला जाए.

Mother of minor accused life imprisonment
कोर्ट ने नाबालिग आरोपी की मां को भी सुनाई उम्रकैद की सजा

इंदौर से कराया फोन, हिस्सा मांगा तो मार दिया : इंदौर जाकर नाबालिग ने हेमंत के फोन से 50 लाख की फिरौती मांगी तो पिता ने मैसेज से हां कर दी. पिता पुलिस के पास पहुंचा तो लोकेशन ट्रैस पर पुलिस उसे लेकर इंदौर पहुंच गई. इसी बीच आरोपी के दोनों नाबालिग दोस्त गुना आ गए. दोनों फिरौती में से अपना हिस्सा मांगा, नहीं तो सारी कहानी पुलिस को बताने की धमकी दी. इसके बाद पूनम, उसका बेटा और एक अन्य दोस्त को प्लानिंग के तहत एक्टिवा पर बिठाकर नेगमा के जंगल में ले गए. वहां एक नाबालिग दोस्त की भी हत्या कर उसके शव को जला दिया. चूंकि दूसरा नाबालिग दोस्त दो हत्याओं के बारे में जान चुका था, इसलिए उसे भी रास्ते से हटाने के लिए मार डाला.

पूनम और उसके बेटे पर गहराया शक : इन तीन हत्याओं के केस के विवेचक रहे टीआई आशीष सप्रे के मुताबिक पूनम उसका बेटा और नाबालिग दोस्त बेहद शातिर तरीके से पुलिस को गुमराह कर रहे थे. लेकिन जब दोनों नाबालिग के अधजले शव पटेल नगर रेलवे पुलिया के नीचे मिले और लाश के पर्स में पाटनीपुरा इंदौर का बस टिकट मिला. पुलिस को हेमंत के मोबाइल की लास्ट कॉल लोकेशन भी इंदौर मिली. हेमंत के अपहरण के केस में शामिल होने की शंका हुई तो वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पूनम पक्का और उसके बेटे को संदिग्ध मानकर जांच को आगे बढ़ाया. आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो इन लोगों ने तीनों की एक के बाद एक हत्या करना कबूल कर लिया. पूनम, उसके पुत्र और नाबालिग दोस्त को आरोपी बनाया गया. इन्होंने कबूल किया कि हेमंत जिस दिन लापता हुआ था, उसी दिन 40 हजार रुपए छीन लिए थे.

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पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी : इस प्रकरण में तत्कालीन कैंट थाना प्रभारी आशीष सप्रे के नेतृत्व में पुलिस टीम में शामिल सदस्यों ने बारीकी से विवेचना की. कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए महत्वपूर्ण वैज्ञानिक, परिस्थितजन्य और भौतिक साक्ष्य इकट्ठा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया. पीड़ित पक्ष के फरियादी और गवाहों ने भी पुलिस विवेचना के दौरान सहायता की. साथ ही कोर्ट में भी निडर होकर गवाही दी. इस दौरान कोर्ट में शासन की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने अभियोजन की कहानी को पुख्ता तौर पर साबित करने में जिरह करते समय कोई कोताही नहीं बरती. इसके चलते नाबालिग आरोपी के बाद आरोपी पूनम पक्का को भी आजीवन कारावास की सजा हुई.

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