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डूब प्रभावितों को कब मिलेगा आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ,नहीं तो करेंगे इच्छा मृत्यु की मांग

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Published : Sep 11, 2020, 2:50 PM IST

Demand for model rehabilitation policy
आदर्श पुनर्वास नीति की लाभ की मांग

धार में सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर से डूब प्रभावित रहवासी पिछले 56 दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं. प्रभाविता का आरोप है कि, गांव में 400 परिवार निवास करते थे. जिसमें से 13 परिवार को छोड़कर सभी को आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ मिल चुका है. प्रभावित की मांग है कि या तो हमें शासन की योजना का लाभ मिले, या फिर सरकार इच्छा मृत्यु की की इजाजत दे.

धार। सरदार सरोवर बांध (Sardar Sarovar Dam) के बैक वाटर से डूब प्रभावित धार जिले में एक बार फिर हालात बिगड़ने लगे हैं. ग्राम कड़माल के 13 परिवार के 40 से अधिक सदस्य पिछले 56 दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं. इन परिवारों को अभी तक सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावितों के लिए जारी कि गई, आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभ नहीं मिल पाए हैं. अगले 3 से 4 दिनों में सरदार सरोवर बांध का बैक वाटर लेवल 136 मीटर अधिक पहुंच जाएगा. जिसके बाद पानी लोगों के घरों तक पहुंच जाएगा. कई सालों से रहवासी सरकार से पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभों की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको उचित मुआवजा, भूखंड और अनुदान राशि का लाभ नहीं मिला है.

आदर्श पुनर्वास नीति की लाभ की मांग

नहीं मिला आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ

सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के कारण धार जिले के 76 डूब प्रभावित हैं. अनशन पर बैठी सुमन राजोरा ने बताया कि, पिछले 12 महीनों से वह मुआवजे की मांग को लेकर सरकारी दफ्तरों और एनवीडीए ( नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण) कार्यालय के चक्कर काट रही है. एनवीडीए के अधिकारी और सर्वे टीम उन्हें बार- बार जल्द ही मुआवजा मिल जाने का वाद करते हैं, लेकिन अभी तक उन्हें आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाला मुआवजा, भूखंड और अनुदान राशि नहीं मिली है. जिससे अब वह बढ़ते नर्मदा के बैक वाटर में डूबने को मजबूर है. वो चाहती है या तो सरकार उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा और पुनर्वास स्थल पर भूखंड जारी करें या फिर हम लोग डूब जल समाधि लेंगे.

400 परिवार को मिला लाभ हम 13 परिवार को छोड़ा

वहीं भगवान राजौरा बताते हैं कि ग्राम कड़माल में 400 परिवार निवास करते थे. जिनमें से हम 13 अनशन कारी परिवार के लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोगों को सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित मानकर सरकार ने उन्हें आदर्श पुनर्वास नीति (Model rehabilitation policy) के तहत मिलने वाले लाभ दिए है, लेकिन हमें अभी तक आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित रखा गया है. लाभ नहीं मिलने पर हम अनशन करने को मजबूर है. हम चाहते हैं कि या तो सरकार हमें जल्द से जल्द सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित मानकर आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभ दे. फिर हम सब 13 परिवार के लोगों एक साथ खड़ा करके गोली मार दे.

शिवराज सरकार पर विधायक का आरोप

कमलनाथ सरकार में एनवीडीए मंत्री रहे और कुक्षी विधानसभा के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र सिंह हनी बघेल(Congress MLA Surendra Singh Honey Baghel) डूब प्रभावितों को लेकर कहा कि उनकी विधानसभा कुक्षी के कई गांव सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित है. कड़माल के साथ कई अन्य गांव में लोग अनशन कर रहे हैं. जब वह नर्मदा विकास प्राधिकरण विभाग के मंत्री थे तब उन्होंने डूब प्रभावित गांव के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभ डूब प्रभावितों को देने के लिए कई योजना बनाई गई. उस योजनाओं पर काम करने के लिये प्रस्ताव बनाएं, लेकिन जब से मध्यप्रदेश में फिर से शिवराज सरकार बनी है, तब से सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावितों को मिलने वाले लाभ पर रोक लगा दी है. उनका कहना है कि शिवराज सरकार इससे पहले भी डूब प्रभावितों की अनदेखी कर चुकी है. इसके बावजूद भी में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से डूब प्रभावितों को जल्द से जल्द पुनर्वास नीति का लाभ देने की मांग करूंगा.

जल्द मिलेगा डूब डूब प्रभावितों को लाभ

कुक्षी अनुविभागीय अधिकारी विवेक कुमार ने बताया कि जल्द ही कड़माल के अनशन पर बैठे 13 परिवार के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा. हमारे सर्वे टीम लगातार डूब प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रही है. जिन-जिन लोगों को डूब प्रभावित होने के बाद भी आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिला है. उन्हें जल्द ही आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा और जल्द ही जिन जिन गांव में अनशन चल रहा है उन्हें समाप्त करवा जायेगा.

सरदार सरोवर बांध पर एक नजर

सरदार पटेल ने नर्मदा नदी पर बांध बनाने की पहल 1945 में की थी. जिसके बाद सरदार सरोवर बांध की नीव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 5 अप्रैल 1961 में रखी. बांध की ऊंचाई 138 मीटर और लंबाई 110 मीटर है. सरदार सरोवर बांध में 30 गेट हैं. सरदार सरोवर बांध में 4.37 मिलियन जल ग्रहण की क्षमता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 121 मीटर से बढ़ाकर 138 मीटर तक किए जाने की अनुमति दी. जिसका कार्य सितंबर 2017 तक पूरा किया जाना तय किया गया. सरदार सरोवर बांध को 138 मीटर तक भरे जाने के चलते मध्यप्रदेश के 192 गांव और एक कस्बा धरमपुरी के लगभग 40 हजार परिवार सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर से डूब प्रभावित हुए. जिनकी आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर समय-समय पर आंदोलन किए ओर केंद्र और प्रदेश सरकार से डूब प्रभावितों के हक कि लड़ाई लड़ी.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2017 तक सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित गांव को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने के साथ उसे खाली कराने का निर्देश दिया और यह काम पूरा होने के बाद बांध में 138 मीटर तक जल भरे जाने सुनिश्चित किया गया. सरदार सरोवर बांध में पिछले मानसून में 138 मीटर तक पानी भरा गया, जिसके चलते मध्यप्रदेश के धार,बड़वानी, खरगोन, अलीराजपुर झाबुआ के कई गांव सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर की जद में आए. वहीं आज भी हजारों डूब प्रभावितों को आदर्श पुर्नवास नीति के तहत मिलने वाले लाभों का इंतजार है.

31 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने सरदार सरोवर बांध को 131 मीटर तक भरे जाने का आदेश जारी किया. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार को 2019 तक प्रभावित सभी लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति का लाभ देने का आदेश जारी किया, लेकिन आज भी सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के सैकड़ों परिवार को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ नहीं मिला है. जिससे अब वह डूब क्षेत्र में रहने को मजबूर है.

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