धार। भारतीय संस्कृति में गुरुओं का दर्जा सबसे ऊंचा माना जाता है. शिक्षक ही होते हैं, जो बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं. एक ऐसे ही शिक्षक हैं धार के रहने वाले शंकरलाल काग, जो छात्राओं के स्कूल तक लाने-पहुंचाने की व्यवस्था खुद ही करते हैं
धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र के गुलाटी गांव में स्थित शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय के प्राचार्य शंकरलाल काग खुद छात्राओं को स्कूल से लाने ले जाने का काम करते हैं.
छात्राओं को स्कूल लाने-ले जाने लिए खरीदा वाहन
शिक्षक शंकरलाल काग बताते हैं कि गुलाटी गांव से 3 किलोमीटर दूर टेमरिया गांव है. यहां पहली से चौथी कक्षा में पढ़ने के लिए छात्राएं आती हैं. छात्राएं 3 किलोमीटर चलकर जब स्कूल आती थीं, तो बहुत थक जाती थीं. इससे उनका पढ़ाई में भी मन नहीं लगता था. छात्राओं की इसी परेशानी को दूर करने के लिए मैंने खुद के खर्च पर वाहन खरीदा. प्राचार्य शंकरलाल ने कहा कि वे छात्राओं को रोजाना उनके घर से स्कूल तक लाने और स्कूल से घर तक छोड़ने का काम करते हैं.
छात्राओं को खुश देखकर मिलता है आत्मीय आनंद
उन्होंने बताया कि छात्राओं को वाहन से स्कूल लाने ले जाने का काम शुरू किया है, तब से स्कूल में आने वाली छात्राओं की संख्या भी बढ़ रही है. वहीं छात्राएं अब थकती भी नहीं हैं, जिससे उनका पढ़ाई में भी मन लगता है और वाहन में बैठकर स्कूल आने में छात्राएं बहुत खुश भी होती हैं. वहीं छात्राओं की खुशी देखकर उन्हें भी आत्मीय आनंद मिलता है.
अब नहीं आती स्कूल आने में कोई परेशानी
छात्राओं ने बताया कि पहले हमें पैदल स्कूल आना पड़ता था, जब से सर ने हमारे लिए स्कूल लाने ले जाने की सुविधा के लिए वाहन उपलब्ध कराया है, तब से हमें स्कूल आने में कोई परेशानी नहीं होती और हमें वाहन से स्कूल आने में भी बहुत मजा आता है.
ग्रामीण कर रहे शंकरलाल काग की पहल की सराहना
वहीं शिक्षक शंकरलाल काग का बच्चों के प्रति प्रेम और स्कूल वाहन की सुविधा को लेकर ग्रामीण ने बताया कि ये पहल बहुत अच्छी है. इससे छात्राओं को काफी राहत मिली है.