सागर। सागर स्थित लोक शिक्षण संचालक ने दमोह के गंगा जमुना स्कूल के मामले में पहले मान्यता निलंबन के लिए नोटिस दिया हो, लेकिन लगातार हंगामा के चलते आज लोक शिक्षण संयुक्त संचालक ने गंगा जमुना स्कूल में पायी गई कमियों के आधार पर मान्यता समाप्त करने नोटिस जारी किया गया है. स्कूल प्रबंधन से तीन दिन में जबाब मांगा गया है. जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने की स्थिति में गंगा जमुना स्कूल की मान्यता समाप्त की जा सकती है.
क्या है मामला: पिछले दिनों बोर्ड परीक्षा के परिणाम में स्कूल की मैरिट सूची में स्थान पाने वाली छात्राओं को हिजाब में दिखाए जाने के मामले में गंगा जमुना स्कूल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. सागर संभाग के लोक शिक्षण संयुक्त संचालक मनीष वर्मा ने दमोह के गंगा जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को पिछले दिनों जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के निरीक्षण में पायी गयी. कमियों के आधार पर मान्यता निरस्त करने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एमपी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम-2017 और मान्यता संशोधन नियम-2020 के नियम 5 एवं 9 के तहत स्कूल द्वारा पालन नहीं किए जाने के मामले में मान्यता नियम-11 (2) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
स्कूल में मिली ये अव्यवस्थाएं: लोक शिक्षण संयुक्त संचालक के नोटिस में कहा गया है कि विद्यालय में लाइब्रेरी की व्यवस्था नहीं है. भौतिक शास्त्र और रसायन शास्त्र के प्रयोग शाला में पुराना फर्नीचर और दोनों प्रयोगशाला में प्रायोगिक सामग्री नहीं पायी गयी. स्कूल में दर्ज 1208 विद्यार्थियों के हिसाब से अलग-अलग शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं पायी गयी. कम्प्यूटर लैब में तय संख्या में कम्प्यूटर नहीं पाये गये. स्कूल की कक्षाओं में बैठक व्यवस्था के लिए पर्याप्त फर्नीचर नहीं पाया गया. मान्यता नियमों के तहत खेल मैदान और खेल सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था नहीं पायी गयी. गंगा-जमुना स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के परिवहन के लिए वाहन, रखरखाव के लिए पर्याप्त स्थान जैसे दिशाा निर्देशों का पालन नहीं किया गया. हाईकोर्ट के आदेश 4 दिसम्बर 2020 के परिपालन में ऑनलाईन आवेदन क्रमांक डीपीआई -2111125 अनुसार कक्षा 9 वीं और 11 वीं में 40-40 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या मान से 12 जनवरी 2021 को मान्यता प्रदान की गई थी. जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के निरीक्षण में सत्र 2022-23 में विद्यालय में तय संख्या से अधिक विद्यार्थी दर्ज पाए गए.
मान्यता नियम 11 के तहत नोटिस: मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग भोपाल के सदस्यों ने 2 जून को निरीक्षण में पाठ्यक्रम से हटकर उर्दू साहित्य की पुस्तकें पायी गयी है. जबकि मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 के नियम 5 (5) (ख) में प्रावधान है कि “शाला पुस्तकालय में कोई ऐसी पुस्तक या अन्य रूपों का साहित्य अंतर्विष्ट नहीं होगा, जो साम्प्रदायिक विवाद या जातिवाद या धर्म, क्षेत्र या भाषा आदि के आधार पर भेदभाव का समर्थन अथवा प्रचार करें. शाला पुस्तकालय में भारत या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित पुस्तक को नहीं रखा जाएगा.“ गंगा जमना स्कूल दमोह की मध्यप्रदेश माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 11 के तहत मान्यता क्यों नहीं निरस्त की जाए. स्कूल के लिए नोटिस का जवाब तीन दिन में देने को कहा गया है.