निकाय चुनाव से पहले BJP को लगा बड़ा झटका, सिद्धार्थ मलैया के बाद आधा दर्जन समर्थकों ने दिया इस्तीफा

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Published : Jun 16, 2022, 8:26 AM IST

jayant malaiya supporters resigned from bjp

मध्यप्रदेश के दमोह में भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया (Siddhartha Malaiya resigns) के बाद अब उनके समर्थकों ने अपने त्यागपत्र भाजपा जिला अध्यक्ष को सौंप दिए हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी में उनकी उपेक्षा की जा रही है. बाहर के दलों से आए नेताओं को तरजीह दी जा रही है. अब इन इस्तीफों का सीधा असर नगरीय निकाय चुनाव में पड़ सकता है. (jayant malaiya supporters resigned from bjp)

दमोह। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के ठीक पहले भाजपा में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. दो दिन पहले जहां पूर्व वित्त मंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता जयंत मलैया की बेटे सिद्धार्थ मलैया ने एकाएक भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर लोगों को चौंका दिया था. अब उनके समर्थक भी त्यागपत्र दे रहे हैं. सिद्धार्थ के करीब आधा दर्जन समर्थकों ने इस्तीफे सौंप कर भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. यह इस्तीफे जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी को सौंपे. इनमें रमन खत्री पूर्व, पूर्व पार्षद कपिल सोनी, पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष मनीष तिवारी, पूर्व ग्रामीण मंडल उपाध्यक्ष देवेंद्र राजपूत, संतोष रोहित, मिंटू अभिलाष हजारी शामिल हैं.

दमोह में भाजपा कार्यकताओं ने दिया इस्तीफा

क्या होगा पार्टी पर असर: जिन समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं ने अपने त्यागपत्र दिए हैं, वह एक समय पार्टी के केंद्र में थे. यह वह जमीनी कार्यकर्ता हैं जो 20 वर्ष और उससे भी लंबे अंतराल से पार्टी का काम करते आ रहे थे. इन्हें प्रत्येक वार्ड एवं ग्राम पंचायतों की जानकारी तथा अच्छी पकड़ है. पूर्व वित्त मंत्री के साथ काम का गहरा अनुभव, उनके अचानक पार्टी से चले जाने का खामियाजा अब भाजपा को भुगतना पड़ सकता है. ग्रामीण अंचलों में ही नहीं बल्कि नगरीय क्षेत्र में भी भाजपा को अच्छी खासी कीमत चुकाना पड़ सकती है.

भाजपा को करना होगा डेमेज कंट्रोल: त्रिस्तरीय पंचायती राज एवं नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को डैमेज कंट्रोल करना होगा. क्योंकि मलैया समर्थक प्रत्याशी सीधे तौर पर भाजपा को टक्कर देंगे. उस पर कांग्रेस प्रत्याशी भी भाजपा प्रत्याशियों के लिए राह में रोड़ा बनेंगे. जो कार्यकर्ता अभी तक भाजपा का काम करते थे अब वही लोग मलैया समर्थकों के लिए वोट जुटाने का काम करेंगे. ऐसे में पार्टी को अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा. सबसे बड़ी बात यह है की ऐसे सैकड़ों कार्यकर्ता हैं जो गमछा तो भाजपा का डाले होंगे, लेकिन काम मलैया समर्थकों का कर रहे होंगे. भीतरघात से बचना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.

मीडिया के सामने फूटा गुस्सा: अपना इस्तीफा देने के बाद भाजपा नेताओं ने मीडिया के सामने जमकर अपना गुस्सा निकाला. भाजपा के पूर्व महामंत्री रमन खत्री ने कहा कि "बाहर के दलों से आए नेताओं को वरिष्ठ समर्पित कार्यकर्ताओं के सर पर बैठाया जा रहा है. भाजपा की जो मूल विचारधारा है उसे कुछ नेता रौंद रहे हैं. हम लोगों ने 30-30 साल तक काम किया है उसका हमें घोर उपेक्षा के रूप में सिला दिया जा रहा है. इसी उपेक्षा के चलते हमने त्यागपत्र दिया है. इस्तीफा देने वालों का कहना है कि जो व्यक्ति भ्रष्टाचार मुक्त दमोह को लेकर काम करेंगे, ऐसे में अब हम उनके साथ हैं."

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भाजपा की विचार धारा को खत्म किया जा रहा: पूर्व पार्षद कपिल सोनी ने कहा कि "आज भाजपा की मूल विचारधारा को खत्म किया जा रहा है. पार्टी की जो गतिविधियां है उसे देखकर नहीं लगता कि पार्टी अपनी मूल विचारधारा पर चल रही है." पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष मनीष तिवारी ने कहा कि "पिछले सवा साल से हम लोगों की घोर उपेक्षा हो रही थी. पार्टी की किसी बैठक में नहीं बुलाया जा रहा था. इसीलिए हमने त्यागपत्र दिया है. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या हम पांच मंडल अध्यक्षों की ही जिम्मेदारी थी कि वह भाजपा प्रत्याशी को चुनाव जिताएं. हम राहुल सिंह के टिकट देने का विरोध कर रहे थे, उसके बाद भी उन्हें टिकट दिया गया और वह चुनाव हार गए. क्या मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, जिला अध्यक्ष आदि की कोई जवाबदारी नहीं थी. क्या केवल हम पांच मंडल अध्यक्षों की जवाबदारी थी. क्या हमसे पूछ कर के राहुल सिंह को टिकट दिया गया था."

(MP Urban Body Election 2022) (Yayant Malaiya supporters resigned from bjp)

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