MP Conversion Case मिशनरी छात्रावासों की जांच में सामने आए धर्मांतरण के मामले,10 लोगों के खिलाफ FIR

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Published : Nov 14, 2022, 1:31 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 5:50 PM IST

MP Damoh  FIR against 10 people conversion
MP Damoh 10 लोगों के खिलाफ धर्मांतरण की FIR ()

बाल संरक्षण अधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President Children Commission) प्रियंक कानूनगो दमोह पहुंचे. यहां उन्होंने ईसाई मिशनरियों की प्रमुख संस्थाओं की जांच की तथा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने पर 10 लोगों के विरुद्ध धर्मांतरण संबंधी एफआईआर (FIR against 10 people conversion) पुलिस में दर्ज कराई. लंबे समय से बाल संरक्षण आयोग को ईसाई मिशनरियों के अजय लाल, राजकमल डेविड लाल, विवर्त लाल, जेके हेनरी सहित विभिन्न लोगों द्वारा संचालित बाल छात्रावासों में अनियमितताओं एवं बच्चों का धर्मांतरण कराए जाने की सूचना मिल रही थी.

दमोह। धर्मांतरण संबंधी लगातार शिकायतें मिलने पर बाल संरक्षण अधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो दमोह पहुंचे थे. यहां उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस बल को साथ लेकर ईसाई मिशनरी संस्थानों और छात्रावासों की जांच की. इस दौरान मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन द्वारा संचालित बालक छात्रावास पहुंचने पर कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोकते हुए गेट में ताला डाल दिया. जिसके बाद उन्होंने ताला तुड़वा कर छात्रावास में अंदर जाकर जांच की. जांच में पाया गया कि यह छात्रावास रजिस्टर्ड नहीं नहीं है. इसके अलावा यहां सरकार के तय किए नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा.

MP Damoh 10 लोगों के खिलाफ धर्मांतरण की FIR

शटर खुलवाया तो मिले 84 बच्चे : छात्रावास में बच्चे न मिलने पर उन्होंने पास ही लगे एक शटर को खुलवाया, जिसमें 84 बच्चे अनधिकृत रूप से पाए गए. इनमें एक मुस्लिम बच्चा एवं 45 हिंदू बच्चे शामिल थे. इनमें डिंडोरी से लाया गया 17 साल का एक किशोर भी शामिल है. जिसका ब्रेनवाश कर उसे पादरी बनने की शिक्षा दी जा रही थी. आयोग के अध्यक्ष ने मामले में बाल तस्करी की भी आशंका जताई.उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भी जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि इस सभी फर्जीवाड़े में शासकीय कर्मचारी भी संलिप्त होने की आशंका जाहिर की. कानूनगो ने कहा कि इतने लंबे समय से ईसाई मिशनरी का यह अवैध छात्रावास चल रहा है और प्रशासन को उसकी जानकारी तक नहीं है ऐसा अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है.

फोन छुड़ाकर जांच के लिए दिए : जांच के दौरान जब आयोग के अध्यक्ष आधारशिला संस्थान पहुंचे तो वहां पर छात्रावास के वॉर्डन पाटिल ने फूलमालाओं से स्वागत करने के लिए हाथ बढ़ाया तो उन्होंने जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि यह मेरा गोपनीय निरीक्षण था, आपको इस बात की जानकारी कैसे लगी कि मैं यहां पर आ रहा हूं ? आयोग के अध्यक्ष ने पाटिल का मोबाइल फोन ले लिया तथा जांच के लिए पुलिस को सौंप दिया है.इसी तरह स्थानीय बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रेक्षा पाठक का फोन भी उन्होंने लेकर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके साथ ही कानूनगो ने निर्देश दिए हैं कि दोनों फोन की सीडीआर निकलवा कर उनकी जांच की जाए कि कब-कब क्या और किससे बातचीत हुई है तथा इनके किन अधिकारियों से संपर्क हैं.

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दस लोगों के खिलाफ एफआईआर : ईसाई मिशनरी संस्थानों की जांच के बाद आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो देहात थाना पहुंचे तथा वहां पर उन्होंने सीआईसीएम के प्रमुख अजय लाल, एमआईसीएस के प्रमुख राजकमल डेविड लाल, विवर्त लाल, शीला लाल, जेके हेनरी, विवेक लाल, मंजुला वर्नवास, सानित लाल, एंजिला लाल, अर्निस्ट के विरुद्ध धर्मांतरण तथा चाइल्ड ट्रैफेकिंग सहित विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कराया. जिसके बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

Last Updated :Nov 14, 2022, 5:50 PM IST
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