ETV Bharat / state

6 गायों की बदौलत 6 एकड़ में जैविक खेती कर रहा किसान, जहरीली सब्जियों से मिल रही राहत

author img

By

Published : May 4, 2023, 7:25 PM IST

रासायनिक कीटनाशक और उर्वरक का उपयोग करके ही फसल का उत्पादन लिया जा सकता है इस दावे को छिंदवाड़ा जिले के कुंडाली खुर्द के किसान ने खोखला साबित करते हुए जैविक खेती के जरिए उन्नत फसल उत्पादन करने का उदाहरण पेश किया है.

organic farming in mp
जैविक खेती

जैविक खेती से किसान मालामाल

छिंदवाड़ा। परंपरागत खेती को छोड़कर लोग अब व्यावसायिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन इसी के साथ साथ सब्जी फसलों में अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशकों का भी उपयोग किया जा रहा है. खेती में रसायनिक उर्वरक के अंधाधुंध उपयोग और खेती की बढ़ती लागत को कम करने किसान एक बार फिर गौ आधारित प्राकृतिक खेती अपना रहे हैं. परासिया विकासखंड के कुंडाली खुर्द निवासी किसान केवल प्रसाद चंद्रवंशी महज छह गायों के भरोसे छह एकड़ में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं.

organic farming in mp
जैविक खेती

6 गायों की मदद से 6 एकड़ में कर रहे रासायनिक खेती: केवल प्रसाद चंद्रवंशी बीते 2 साल से गौ आधारित प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. चंद्रवंशी के पास लगभग 16 एकड़ खेत है. उन्होंने प्राकृतिक पद्धति से 1.5 एकड़ में मिर्च एवं एक एकड़ में करेला फसल लगाई गई थी. उन्होंने 12 से 13 लाख रुपए की फसल बाजार में बेची. उत्साहित होकर उन्होंने इस साल 2 एकड़ में मिर्च, 3 एकड़ में टमाटर, एक एकड़ में करेला और गिलकी की फसल तैयार की है. केवल प्रसाद चंद्रवंशी के पास 6 देशी गाय हैं, जिससे वे 6 एकड़ में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. पशु चारे के लिए उन्होंने नेपियर घास उत्पादन एवं एजोला यूनिट का निर्माण भी किया है. कीटों को रोकने के लिए प्रकाश प्रपंच के साथ खेत के चारों ओर गेंदे की फसल भी लगाई है.

organic farming in mp
जैविक खाद की तैयारी

खेत को बनाया पाठशाला: उप संचालक कृषि जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि किसान केवल चंद्रवंशी ने अपने खेत को प्राकृतिक खेती की पाठशाला बना लिया है. उनकी सफलता को देखकर अब आसपास गांवों में किसान जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने प्राकृतिक खेती पध्दति के सभी घटकों जैसे जीवामृत, घन जीवामृत, ब्रम्हास्त्र, नीम अस्त्र, अग्नि अस्त्र आदि की यूनिट अपने प्रक्षेत्र में लगाई गई है. खेत में 5 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट का निर्माण भी किया गया है. जैविक खाद के उपयोग से भूमि का स्वास्थ्य सुधार हुआ है और मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ी है.

organic farming in mp
जैविक खेती देखते अधिकारी

Also Read

किसानों को दी तकनीकी जानकारी: प्राकृतिक खेती की सफलता देखने पहुंचे किसानों को एसडीओ प्रमोद सिंह उट्टी, एसएडीओ विनायक नागदावने, बीटीएम आत्मा अमित बघेल, आरएईओ केआर मस्तकार सहित अन्य अधिकारियों ने प्राकृतिक खेती की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक खेती से तैयार अनाज या सब्जी टिकाऊ होती है. इससे मनुष्य की सेहत को नुकसान नहीं होता है. शुरूआती दौर में थोड़ी परेशानी जरूर होती है लेकिन एक दो साल अच्छी आमदनी होती है.

organic farming in mp
मिर्च की खेती
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.