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छिंदवाड़ा की जंग! मध्य प्रदेश की सबसे अहम विधानसभा सीट कमलनाथ का 'गढ़', जानिए क्या है राजनीतिक समीकरण

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Published : Apr 28, 2023, 7:52 AM IST

Updated : Apr 28, 2023, 8:24 AM IST

BJP and Congress mission Chhindwara
छिंदवाड़ा की जंग

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर छिंदवाड़ा विधानसभा सीट सबसे अहम है. इस सीट के विधायक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व सीएम कमलनाथ को घेरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरी बीजेपी ने अपनी ताकत लगा दी है. 9 बार छिंदवाड़ा के सांसद रहने वाले कमलनाथ 2018 में पहली बार सीएम बनने के बाद उपचुनाव जीतकर छिंदवाड़ा से विधायक बने थे.

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में 1,33,068 पुरुष मतदाता के साथ ही 1,29,671 महिला मतदाता सहित कुल 2,62, 745 वोटर हैं. छिंदवाड़ा विधानसभा में सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला होता है. पिछले तीन चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो 2008 के चुनावों में कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को 3444 वोटों से हराया था. 2013 के चुनावों में एक बार फिर बीजेपी से चौधरी चंद्रभान सिंह और कांग्रेस से दीपक सक्सेना मैदान में थे. इस चुनाव में बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह ने बाजी मारते हुए कांग्रेस के दीपक सक्सेना को 24778 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. 2018 में एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से वही चेहरे सामने थे, लेकिन इस बार फिर बाजी पलटी और 14547 वोटों से कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को चुनाव हराया.

सीएम रहते कमलनाथ ने लड़ा था उपचुनाव: सीएम बनने के बाद कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से विधानसभा का उपचुनाव 2019 में लड़ा था. कमलनाथ के लिए दीपक सक्सेना ने यहां से इस्तीफा दिया. इस चुनाव में कमलनाथ को 1,14,459 वोट मिले थे तो वहीं बीजेपी के युवा नेता विवेक बंटी साहू को 88,622 वोट के साथ संतुष्ट होना पड़ा था, कमलनाथ ने यह चुनाव 25837 वोटों से जीता था.

कमलनाथ के प्रति विशेष लगाव: पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद रहे हैं. पिछले 43 सालों से वे छिंदवाड़ा की राजनीति कर रहे हैं. इसलिए छिंदवाड़ा में उनका राजनीतिक प्रभाव बहुत अधिक है. 2018 में उन्होंने सीएम बनने के बाद छिंदवाड़ा से 2019 में विधानसभा का चुनाव लड़ा, हालांकि छिंदवाड़ा में कमलनाथ अधिकतर लोकसभा चुनाव में ही फोकस करते थे. लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद 2018 से उन्होंने विधानसभा में फोकस किया और 2018 के चुनावों में सातों विधानसभा से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 2018 में भी छिंदवाड़ा में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर वोट डाले गए थे और 2023 में भी एक बार फिर कमलनाथ को मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस की तरफ से प्रचारित किया जा रहा है.

छिंदवाड़ा विकास मॉडल के नाम पर लड़ा गया 2018 का चुनाव: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने साल 2018 में छिंदवाड़ा जिले को विकास का मॉडल बताते हुए प्रदेश भर में चुनाव लड़ा था और उसके बाद कांग्रेस पार्टी के ही मंत्रियों ने छिंदवाड़ा जिले में ही सरकारी बजट देने का आरोप लगाते हुए कमलनाथ की सरकार से इस्तीफा देकर सरकार गिरा दी थी. एक बार फिर कमलनाथ छिंदवाड़ा विकास मॉडल को लेकर प्रदेश भर में जा रहे हैं और शिवराज सरकार पर छिंदवाड़ा के विकास के साथ भेदभाव का लगातार आरोप लगा रहे हैं. कमलनाथ का कहना है कि ''15 महीने की कांग्रेस की सरकार के दौरान छिंदवाड़ा में दिए गए विकास कार्यों के बजट में शिवराज सिंह सरकार ने कटौती कर दी है.''

कमलनाथ ने सिर्फ जनता को छला: साल 2019 में कमलनाथ के प्रतिद्वंदी रहे भाजपा के जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू का कहना है कि ''साल 2003 से छिंदवाड़ा जिले में जो भी विकास हुआ मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार की देन है. कमलनाथ जब मुख्यमंत्री बने थे तो उन 15 महीनों में छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के साथ कमलनाथ ने धोखा किया, फिर चाहे किसान कर्ज माफी हो या दूसरे काम.'' विवेक बंटी साहू का कहना है कि ''2019 में कमलनाथ ने उपचुनाव मुख्यमंत्री पद में रहते हुए लड़ा था, लेकिन उसके बाद भी करीब 88000 लोगों ने कमलनाथ के विरोध में वोट किया था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमलनाथ की स्थिति क्या है.''

छिंदवाड़ा में सीएम फेस होगा प्रमुख चुनावी मुद्दा: छिंदवाड़ा विधानसभा के लिए प्रमुख मुद्दा इस बार भी विकास ही होगा. एक तरफ जहां कांग्रेस का कहना है कि ''15 महीनों की कमलनाथ की सरकार के दौरान जो विकास काम छिंदवाड़ा में लाए गए थे उन्हें शिवराज सिंह की सरकार ने रोक दिया है और बजट में कटौती भी की है.'' वहीं बीजेपी का कहना है कि ''कमलनाथ ने सिर्फ छिंदवाड़ा की जनता को धोखे में रखकर राजनीति की है. असल विकास भाजपा की देन है.'' वहीं दूसरा मुद्दा मुख्यमंत्री का चेहरा होगा. कांग्रेस कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर वोट मांग रही है. साफ कहना है कि छिंदवाड़ा से अगर कमलनाथ सीएम बने तो एक बार फिर छिंदवाड़ा विकास की रफ़्तार से दौड़ेगा.

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दिग्गज मिलकर कमलनाथ की कर रहे घेराबंदी: BJP ने छिंदवाड़ा में कमलनाथ की घेराबन्दी करने के लिए दिग्गजों कि टीम लगा रखी है. छिंदवाड़ा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और डॉक्टर एल मुरुगन को जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार लगतार छिंदवाड़ा में दौरा कर रही हैं. 25 मार्च को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा से ही महा विजय अभियान की शुरुआत की और अब खुद प्रधानमंत्री ने भी मध्यप्रदेश के रीवा में सभा करते हुए छिंदवाड़ा को टारगेट कर यहां के विकास पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ पर हमला बोला.

कमलनाथ और विवेक साहू के बीच हो सकता है मुकाबला: कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के लिए 2019 में विधानसभा सीट से इस्तीफा देने वाले दीपक सक्सेना का कहना है कि ''छिंदवाड़ा विधानसभा से कमलनाथ ही चुनाव लड़ेंगे और सभी नेताओं ने उनसे चर्चा भी की है, क्योंकि कमलनाथ अगर खुद विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो छिंदवाड़ा जिले सहित आसपास के जिलों में भी इसका असर होगा और कांग्रेस को फायदा होगा.'' वहीं, बीजेपी की तरफ से भी विवेक बंटी साहू एक बार फिर टिकट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि उन्हें चुनाव लड़ना है तो पार्टी गाइडलाइन के हिसाब से उन्हें जिला अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना होगा. वहीं बीजेपी में जिले के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी चंद्रभान सिंह भी बीजेपी से दावेदार हैं.

Last Updated :Apr 28, 2023, 8:24 AM IST
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