छतरपुर का एक ऐसा गांव जिसकी शहीदों की आत्माएं करती है रक्षा! क्या है बेड़री गांव की कहानी?

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Published : Nov 26, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 9:02 PM IST

chhatarpur Hindi News

chhatarpur Hindi News: कहते हैं आदिवासी जल-जंगल-जमीन की लड़ाई लड़ते हैं. प्रदेश के छतरपुर जिले का बेड़री गांव, एक ऐसा गांव है जिसकी प्राकृतिक संपदा की रक्षा वहां के शहीदों की आत्माएं करती हैं, ऐसा मानना है गांव के लोगों का. बेड़री की 90 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है और यहां रहने वाले लोगों की दिनचर्या से इन्ही जंगलों एवं पहाड़ों के इर्दगिर्द घूमती है.

छतरपुर। (chhatarpur Hindi News) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले का बेड़री एक आदिवासी बाहुल्य गांव है, जिसकी रक्षा शहीदों की आत्माएं करती हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से ये बातें सहीं नहीं, ना ही ईटीवी भारत इसका समर्थन करता है, लेकिन ये मानना है गांव के लोगों का. दरअसल अंग्रेजी हुकूमत के दौरान गांव के 3 लोग शहीद हुए थे, लेकिन उनकी शहादत को उचित सम्मान नहीं मिला, अब गांव वाले मानते हैं कि उनकी आत्माएं गांव की पहाड़ी पर रहती है, इसलिए यहां खनन का काम नहीं हो पाता और यहीं आत्माएं गांव की रक्षा करती है.

छतरपुर का एक ऐसा गांव जिसकी शहीदों की आत्माएं करती है रक्षा!

अंग्रेजों से लड़ते हुए 3 लोग हुए थे शहीद

यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर है, गांव के रहने वाले परसद्दी आदिवासी और पुष्पेंद्र सिंह बताते है कि लगभग 100 साल पहले गांव में अंग्रेजी शासन में बढ़ते लगान को लेकर आदिवासियों ने एक महापंचायत लगाई थी, जिसमें गांव के आदिवासियों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए थे. तभी इस बैठक की जानकारी अंग्रेजों को लग गई. जिसके बाद अंग्रेजों ने ग्रामीणों पर हमला बोल दिया. सभा मे उपस्थित ग्रामीणों ने भी अंग्रेजों पर पलटवार किया, लेकिन ग्रामीण निहत्थे थे और अंग्रेजो के पास बंदूकें और अन्य हथियार थे. इस लड़ाई में 3 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 50 ग्रामीण घायल हुए थे.

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पहाड़ की खनन लीज (mountain mining lease in Chhatarpur) लेने वाले को होता है नुकसान !

ग्रामीणों का मानना है कि उनके शहीद पूर्वजों को सरकार की ओर से उचित सम्मान नहीं मिला. उनके पूर्वज भले ही गुमनामी में खो गए हो लेकिन उनकी आत्माएं आज भी गांव की रक्षा करती है. यही वजह की गांव के अंदर मौजूद पहाड़ पर आज तक कोई भी खनन नहीं कर सका. जबकि जिला प्रशासन ने कई बार पहाड़ की लीज दी है. उनका मानना है कि जिसने भी गांव के अंदर मौजूद पहाड़ में खनन करने की कोशिश की उसे व्यापारिक और राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा है. गांव वाले मानते हैं कि शहीदों की आत्माएं आज भी हमारे गांव की रक्षा करती हैं.

Last Updated :Nov 26, 2021, 9:02 PM IST
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