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12वीं के छात्र ने MP शिक्षा बोर्ड को कोर्ट में घसीटा, 3 साल तक हाईकोर्ट से 'जंग' लड़कर बढ़वाए अंक

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 24, 2023, 1:15 PM IST

Updated : Nov 24, 2023, 1:27 PM IST

sagar student got new marksheet with hike marks
12वीं के छात्र को मिली बढ़े हुए अंक की मार्कशीट

MP Board Marksheet Mistake: मध्य प्रदेश के छतरपुर के एक छात्र ने कक्षा 12वीं में अंक बढ़वाने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल से लेकर हाईकोर्ट तक तीन सालों तक लड़ाई लड़ी. आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद कोर्ट ने उसके हक में फैसला सुनाया और उसे बढ़े हुए अंकों वाली मार्कशीट दी. यह छतरपुर जिले का पहला मामला होगा जब किसी छात्र ने अंक बढ़वाने के लिए इतने लंबे समय तक कोर्ट में पेशियां की हों.

छात्र को मिली बढ़े हुए अंक की मार्कशीट

छतरपुर। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग की लापरवाही अक्सर सामने आती रहती है. जिसका सीधा प्रभाव छात्र छात्राओं के भविष्य पर पड़ता है. ऐसे में जागरूक छात्र व उनके परिजन लड़ाई लड़ते हैं और सफलता भी हासिल होती है. कुछ ऐसा ही मामला छतरपुर जिले के एक छात्र के साथ देखने को मिला है. जिसने अपनी कढ़ी मेहनत व मशक्कत के साथ तीन वर्ष पूर्व 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते उसे एक विषय में कम नंबर मिले.

न्याय के लिए 3 साल भटका छात्र: छात्र को पूरा यकीन था कि वह सही है और शिक्षा विभाग ने इसमें लापरवाही की है. जिसकी उसने तीन वर्ष तक न्यायालय में लड़ाई लड़ी और अब उसे बड़े हुए अंकों वाली मार्कशीट सौंपी गई है. जानकारी के मुताबिक छतरपुर जिले में शिक्षा तंत्र की लापरवाही की ऐसी तस्वीर उजागर हुई है, जिसमें एक छात्र को न्याय पाने के लिए 3 साल तक भटकना पड़ा. दरअसल मामला जिले के बड़ामलहरा का है. यहां के निवासी गणेश कुशवाहा ने वर्ष 2020 में 12वीं की परीक्षा पास की थी. लेकिन राजनीति विज्ञान में उसे कम नम्बर मिले थे.

बोर्ड से नहीं मिला न्याय: छात्र को यह सब कुछ आश्चर्य लगा, तो उसने उक्त विषय की रीटोटलिंग के लिए आवेदन किया, लेकिन कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ. इसके बाद उसने तत्कालीन डीईओ को कॉपी जांच करने के लिए आवेदन दिया गया और डीईओ के आदेश पर जब उसकी कॉपी की जांच की गई तो उसे 32 अंक और अधिक मिले. लेकिन जब बढे़ हुए अंक का प्रतिवेदन लेकर छात्र माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल पहुंचा तो वहां उसे मान्य नहीं किया गया. छात्र को न्यायालय जाने के लिए कहा गया.

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पैसा, समय सब बर्बाद: मजबूर छात्र ने न्याय के लिए जबलपुर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 3 साल के संघर्ष के बाद अब उसे बढ़े हुए नंबरों की अंकसूची प्राप्त हुई है.जिसे पाकर छात्र खुश तो है, लेकिन दूसरी तरफ उसे इस बात का मलाल है कि न सिर्फ उसके 3 साल बर्बाद हुए, बल्कि न्याय पाने के लिए उसे दर-दर भी भटकना पड़ा. जिसमें उसका काफी पैसा भी खर्च हुआ. जिसकी भरपाई अब वह माध्यमिक शिक्षा मंडल और उसकी कॉपी की जांच करने वाली कमेटी से चाहता है. साथ ही भरपाई न होने पर उसने दोबारा से न्यायालय की शरण लेने की बात कही है.

Last Updated :Nov 24, 2023, 1:27 PM IST
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