Burhanpur Hospital Fund Scam: कबाड़ से खुला कोरोना काल में 12 करोड़ की बंदरबांट का राज, 13 गिरफ्तार

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Published : Jul 27, 2022, 7:13 AM IST

Updated : Jul 28, 2022, 8:55 AM IST

Burhanpur Hospital Fund Scam

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में कोरोना काल में दिये गये फंड की रकम का जिला अस्पताल द्वारा गबन किये जाने का खुलासा हुआ है. इसमें अस्पताल के चिकित्सक, यू ट्यूबर पत्रकार, नेता और दूसरे अन्य कर्मचारी शामिल थे जिन्होंने फर्जी कंपनियां बनाई थी. इन लोगों ने कोरोना महमारी के लिए आई रकम और रोगी कल्याण समिति के पैसे को अपने बैंक खातों में जमा करवा लिया. (Burhanpur Hospital Fund Scam)

बुरहानपुर। कोरोना महामारी की पिछली दो लहरों में सरकारी अमले ने किस तरह मरीज की सुविधाओं के लिए मिली राशि की बंदरबांट की, इसका खुलासा मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में हुआ है. यहां करोड़ों रुपए का गबन हुआ, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से लेकर नेता और पत्रकार भी शामिल रहे हैं.

कबाड़ बेचे जाने के दौरान लोगों की शिकायत से हुआ खुलासा :राज्य में कोरोना महामारी की दो लहरों ने जमकर कहर बरपाया था और सैकड़ों लोगों ने जान तक गंवाई थी. एक तरफ जहां लोग जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो दूसरी ओर बुरहानपुर में पैसा हजम करने की कोशिशें हो रही थी. इस बात का खुलासा किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं किया है बल्कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा कबाड़ बेचे जाने पर लोगों द्वारा की गई शिकायत ने सारा राज खोलकर रख दिया है.

कबाड़ बेचते समय उजागर हुआ घोटाला: इस घोटाले का राज उजागर होने की कहानी बड़ी रोचक है, जिला अस्पताल प्रबंधन ने पलंग, पंखे, टेबल, कुर्सी और कूलर सहित बड़ी तादाद में सामान को कबाड़ के तौर पर बेचा, जिसे कुछ लोगों ने देखा तो इसकी शिकायत पुलिस तक कर दी. मामला बढ़ा तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश सिसोदिया ने पुलिस में शिकायत की जिस पर मामला दर्ज हुआ.

ऐसे हुआ 12 करोड़ रुपये का घोटाला: यह बात सामने आई है कि लगभग 12 करोड़ का घोटाला हुआ था और इसके लिए कई रास्ते अपनाए गए. बैंक खाते खुलवाए गए और कोरोना महमारी के लिए आई रकम और रोगी कल्याण समिति के पैसे को कर्मचारियों ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया, इसमें चिकित्सक, यू ट्यूबर पत्रकार, नेता और दूसरे अन्य कर्मचारी शामिल थे जिन्होंने फर्जी कंपनियां बनाई थी.

आखिर कैसे हुआ इतना बड़ा घोटाला: बुरहानपुर में इस साल 2022 में मई के महीने में कुछ सामान कबाड़ में बिकने के लिए आया. ये सामान पंखा, कूलर समेत छोटे छोटे सामान थे जिसे बेचने के लिए भेजा गया. लोगों की जब सामान पर नजर पड़ी की यह अस्पताल से आया है तो उन्होने कबाड़ी वाले से पूछा. इसकी जानकारी पुलिस को दी. बाद में पता चला कि सिविल सर्जन और RMO ने मिलकर ये सब किया है और सामान बेच रहे हैं. इस मामले में CMHO की शिकायत पर FIR हुई. जब जांच शुरु हुई और पूछताछ में परत दर परत मामला खुला तो सबके होश उड़ गए. खुलासा हुआ कि ना सिर्फ अस्पताल के सामान बल्की दोनों अधिकारियों ने फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर कोरोना काल में आए अलग अलग फंड के पैसे उसमें ट्रांसफर किए और उसका दुरुपयोग भी किया. इसके साथ ही 12 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ.

16 लोगों को आरोपी बनाया गया : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है, इनमें से 13 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं तीन फरार हैं. इसके अलावा पुलिस ने पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति और नकदी जप्त भी कर ली है. (Burhanpur Hospital Fund Scam)(Burhanpur hospital scam during corona period)(Burhanpur 12 crore rupees Scam)

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Last Updated :Jul 28, 2022, 8:55 AM IST
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