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राज्यसभा के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन ने किया नामांकन, सीएम शिवराज भी रहे मौजूद

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Published : Sep 21, 2021, 11:44 AM IST

एल मुरुगन मंगलवार को मध्य प्रदेश विधानसभा पहुंचे. यहां उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन पर्चा भरा. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहे.

L Murugan
एल मुरुगन

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने डॉ. एल मुरुगन (Dr. L Murugan) को मध्यप्रदेश से भाजपा का उम्मीदवार घोषत किया है. एल मुरुगन मंगलवार को मध्य प्रदेश विधानसभा पहुंचे. यहां उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन पर्चा भरा. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहे.

सीएम शिवराज रहे मौजूद
बता दें कि उनके नामांकन को लेकर आज कई तरह की अटकलें लगाईं जा रहीं थी, लेकिन अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया. जब केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन एमपी विधानसभा पहुंचे. यहां उन्होंने बाकायदा राज्यसभा चुनाव का नामांकन पर्चा लेकर भरा. इस दौरान मुख्यमंत्री समेत मध्य प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद रहे.

मोदी कैबिनेट में मिली थी जगह
बता दें कि डॉ. एल मुरुगन भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर (Bjp Leader) नेता हैं. हाल ही में मोदी कैबिनेट के विस्तारीकरण (Modi Cabinet Expansion) में उन्हें भारत सरकार का सूचना प्रसारण, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री (Union Cabinet State Minister Dr. L Murugan) नियुक्त किया गया है. वर्तमान में वह संसद के किसी भी सदन का हिस्सा नहीं हैं. जिसके चलते भाजपा ने मुरुगन को राज्यसभा उम्मीदवार (Rajya Sabha Candidate) घोषित किया है.

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केरल के नमक्कल पारामती में 29 मई 1977 को जन्में डॉ. एल मुरुगन भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु के अध्यक्ष हैं. मरुगन पेशे से वकील हैं. उन्होंने मद्रास विश्व विद्यालय से वकालत में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. यही नहीं मानवाधिकार कानून में डॉक्टरेट हैं. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही मुरुगन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे. वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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आपको बता दें कि थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का गवर्नर बनाए जाने के बाद राज्यसभा की एक सीट खाली हुई थी. इसके लिए कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारने के मना कर दिया था क्योंकि कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर है. राज्यसभा उम्मीदवार चुने जाने के लिए बीजेपी को 114 सदस्यों का समर्थन चाहिए था, जबकि उसके पास 125 की संख्या मौजूद है वहीं कांग्रेस के पास 95 विधायक हैं. कांग्रेस को यदि बसपा, सपा और निर्दलीय का भी समर्थन मिलता तो भी कांग्रेस बहुमत के आसपास भी पहुंचती. दूसरी तरफ केंद्र की ओर से नाम तय किए जाने के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी में कोई हलचल नहीं दिखाई दी.

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