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MP Human Rights Commission: सख्त हुआ राज्य मानवाधिकार आयोग, तीन मामलों में संबंधित अफसरों से मांगी विस्तृत जांच रिपोर्ट

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Published : Jun 28, 2022, 11:29 AM IST

राजधानी भोपाल में जिला चिकित्सालय में महिला व उसके बच्चे की गर्भ में ही मृत्यु के मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने स्वास्थ आयुक्त से 3 सप्ताह में विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा छिंदवाड़ा कलेक्टर और एसपी नर्मदापुरम को भी वहां की घटनाओं पर एक माह के अंदर विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं. (MP Human Rights Commission strict) (Investigation report sought from officers)

Negligence of Bhopal jp hospital staff
सख्त हुआ राज्य मानवाधिकार आयोग

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन से जुड़े तीन मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है. भोपाल के जेपी हास्पिटल में एक गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु दोनों की मौत हो गई थी. मृतका के परिजनों ने डॉक्टर और नर्सों पर घोर लापरवाही करने के आरोप लगाये हैं. इस घटना में भोपाल के खजूरीकलां निवासी चंचल तिवारी (27) की जान चली गई. चंचल 9 माह की गर्भवती थी. उसे बीते शनिवार को ही जेपी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था.

जेपी अस्पताल स्टाफ की लापरवाही : डॉक्टरों ने उसकी सिजेरियन डिलीवरी नहीं कराई. रविवार की सुबह चंचल को तेज दर्द हुआ था, लेकिन ड्यूटी पर तैनात कोई भी डॉक्टर उसे देखने तक नहीं आया. नर्सों ने बताया कि बच्चे की मौत हो चुकी है. चंचल का दर्द बढ़ता गया, आखिर में उसकी भी मौत हो गई. इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं और जेपी हास्पिटल के अधीक्षक से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.

परिजनों को मुआवजा राशि दी या नहीं : आयोग ने कहा है कि घटना की जांच कराकर तीन सप्ताह में रिपोर्ट भेंजे. यदि मृतका के वारिसों को कोई मुआवजा राशि दी गई हो तो रिपोर्ट में उसका भी उल्लेख करें. दूसरे मामले में मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर छिंदवाड़ा से पूछा है कि एक माह में बताएं कि मृतकों के वारिसों को मुआवजा दिया या नहीं ? बता दें कि छिंदवाडा जिले के पांढुर्णा ब्लाक के तीन गांवों में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, तीन अन्य बुरी तरह झुलस गये. इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर छिंदवाडा से एक माह में जवाब मांगा है. आयोग ने कलेक्टर से पूछा है कि इस घटना को प्राकृतिक आपदा मानकर राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत मृतकों के वारिसों को मुआवजा राशि दी गई है या नहीं ?

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पुलिस हिरासत में मौत का मामला : पुलिस के अनुसार चागोबा गांव में संतोष (42), पठारा में सुमित्राबई (65) और दूधी में सुषमा भलावी (19) की बीते गुरुवार को बिजली गिरने से मौत हो गई. वहीं, महिला मजदूर कविता, मुन्नीबाई और गोपाल भलावी गंभीर रूप से झुलस गये, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तीसरे मामले में नर्मदापुरम जिले में नाबालिग बच्ची के साथ रेप के आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई. घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है. मृतक आरोपी राजा कहार (24) के परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, जिसके चलते राजा ने जहर खा लिया था, इसी कारण उसकी मौत हो गई. मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी नर्मदापुरम से एक माह में जवाब मांगा है. (MP Human Rights Commission strict) (investigation report sought from officers )

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