ETV Bharat / state

खर्चों में कमी के लिए विभागों को मर्ज करेगी शिवराज सरकार, जल्द होगा अंतिम फैसला

author img

By

Published : Sep 1, 2021, 9:20 AM IST

cm shivraj singh chouhan
सीएम शिवराज सिंह चौहान

प्रदेश में एक समान और अनुपयोगी विभागों को बंद करने या फिर मर्ज करने को लेकर पिछले करीब तीन सालों से विचार चल रहा है. लेकिन अब इस दिशा में शिवराज सरकार ने कार्य तेज कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार विभागों को मर्ज करने की प्लानिंग शुरू करने जा रहा है.

भोपाल। राजधानी में सड़क (Road) और पार्कों (Park) को लेकर लोगों को अलग-अलग विभागों (Department) के चक्कर नहीं काटने होंगे. राजधानी परियोजना (Capital project) के तहत प्रदेश (MP) के करीब आधा दर्जन विभागों को मर्ज किए जाने पर विचार किया जा रहा है. इसको लेकर मंत्री समूह की बैठक में भी निर्णय लिया गया था, लेकिन शासन स्तर पर इसको लेकर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है.

इन विभागों को किया जा सकता है मर्ज
एक समान और अनुपयोगी विभागों को बंद करने या फिर मर्ज करने को लेकर पिछले करीब तीन सालों से विचार चल रहा है. पिछली कमलनाथ सरकार (kamal nath government) में इसको लेकर सुगबुगाहट हुई थी, और हाल के महीनों में कुई मंत्री समूह की बैठक में भी प्रदेश के करीब आधा दर्जन विभागों को मर्ज करने का निर्णय लिया गया था.

चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग हो सकता है मर्ज
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग (medical education department) और स्वास्थ्य विभाग (Health department) को मर्ज किए जाने का विचार चल रहा है. चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल काॅलेज और उनसे संबंधित हाॅस्पिटल आते हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग में बाकी सभी अस्पताल आते हैं. अभी दोनों विभागों के अलग-अलग मंत्री हैं. मर्ज होने के बाद विभाग में दो आयुक्त होंगे.

बेहतर हो सकेगा उपयोग
दोनों विभाग के अस्पतालों में मरीजों का इलाज होता है, लेकिन व्यवस्थाएं अलग-अलग हैं. जांच का शुल्क भी अलग-अलग है. प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के निर्णय लेने में समस्या आती है, जो दूर होगी, रेफरल व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी. सभी स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में एक हो सकेगा. साथ ही केन्द्र से मिलने वाली राशि का बेहतर उपयोग हो सकेगा.

ये विभाग भी हो सकते हैं मर्ज
इसके अलावा, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों को मर्ज करने का भी विचार किया जा रहा है. प्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 20 जिलों में 10 हजार 506 स्कूल संचालित हैं. वहीं संविदा और अध्यापक संवर्ग की नियुक्ति का अधिकार नगरीय निकायों के पास है.

क्या होगा फायदा
इनके मर्ज होने से प्रशासनिक गतिविधियां आसान होगी. स्टूडेंट्स के लिए चलाई जा रही योजनाओं का क्रियांवयन आसान होगा. टीचर्स को अपनी समस्याओं को लेकर अगल-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने होंगे.

पशुपालन विभाग, डेयरी विभाग मर्ज करने पर विचार
प्रदेश में जन शिकायत निवारण विभाग पहले से चल रहा था, बाद में सीएम हेल्पलाइन शुरू किया जा चुका है। दोनों का नेचर एक जैसा है, लिहाजा जन शिकायत विभाग को लोक सेवा प्रबंधन में मर्ज करने का विचार किया जा रहा है. वहीं पशुपालन विभाग, कृषि और डेयरी यह सभी विभाग सीधे तौर से किसानों से जुड़े है, लेकिन इनके विभाह अलग-अलग हैं.

पशुपालन और डेयरी सहकारिता और पशुपालन विभाग से जुड़ा होने की वजह से किसानों को अपनी समस्याओं को लेकर दो विभागों के बीच चक्कर लगाना होते हैं. विभाग मर्ज होने से किसानों को एक ही तरह की योजनाओं के लिए दो विभाग नहीं जाने होंगे.

खर्चों में आएगी कमी
माना जा रहा है कि विभागों के मर्ज होने से स्थापना खर्चों में कमी आएगी. देखा जाए तो विभागों को मर्ज करने की कवायद पिछले तीन सालों से चल रही है. 2018 में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए थे. बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया. आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के तहत गठित किए गए मंत्री समूह ने राजस्व जुटाने और खर्चे कम करने के लिए एक समान विभागों को मर्ज करने का निर्णया लिया था.

MP Cabinet Meeting: बिजली कटौती संभालेगी सरकार, बच्चों को साक्षर बनाने के लिए खर्च होंगे 111 करोड़ रुपए

क्या कहते हैं मंत्री
उधर, विभागों को मर्ज करने को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) के मुताबिक इसको लेकर मंत्री समूह ने निर्णय लिया था. अभी शासन स्तर पर इसको लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है. जल्द ही इसपर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. विभागों को मर्ज करने के पीछे मंशा यही है कि खर्चों में कमी लाई जाए, साथ ही व्यवस्थाएं बेहतर हों.

वहीं विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठनों के मुताबिक, कुछ विभागों को मर्ज करने का विचार चल रहा है. इससे निश्चित रूप से कर्मचारियों और विभाग की योजनाओं से लाभांवित होने वाले लोगों को फायदा मिलेगा, लेकिन विभागों को मर्ज करने के दौरान सरकार को कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.