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जनता की जान से खेल रही सियासत! आवाम के लिए कोरोना गाइडलाइन, 'खास' तो संक्रमण फैलाने में मस्त

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Published : Jan 7, 2022, 10:52 AM IST

भले ही कोरोना की तीसरी लहर मुहाने पर है. सियासत अपनी ही चाल में चल रही है. जिसका खामियाजा आने वाले समय में आवाम को उठाना पड़ेगा. कोरोना गाइडलाइन भले ही जारी (Public Forced to Follow Corona Guidelines) की गई है, पर ये सिर्फ आम आदमी के लिए है, खास आदमी के लिए (Politicians Break corona Protocols in MP) तो इसके मायने ही शून्य हैं.

Public Forced to Follow Corona Guidelines
जनता की जान से खेल रही सियासत!

भोपाल। एक बार फिर कोरोना महामारी महिसासुर की तरह सीना ताने खड़ा है. इससे बचने का सावधानी ही सबसे सटीक उपाय है, बस इसी सावधानी को सरकार बतौर नियम लागू करवा रही है. पर ये नियम आम के लिए आम और खास के लिए खास है. जिन नियम-कानून का पालन कराने के लिए उसकी पूरी गाइडलाइन (Public Forced to Follow Corona Guidelines) जारी की गई है, उसे सिर्फ आम आदमी पर ही क्यों थोपा जा रहा है, क्या कोरोना सिर्फ आम आदमी को ही संक्रमित करता है, ये नेताओं के पास नहीं जाता है. राजनीतिक कार्यक्रमों और रैलियों के नाम पर भीड़ जुटाने (Politicians Break corona Protocols in MP) में न सत्ता पक्ष पीछे है और न ही विपक्ष.

जनता की जान से खेल रही सियासत!

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सियासी जमीन चमकाने में भूल जाते हैं संक्रमण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने के अलावा इस राज्य से उस राज्य का दौरा कर रहे हैं, चुनावी राज्यों में कई कार्यक्रमों में भी भाग ले चुके हैं. प्रधानमंत्री के दीर्घायु व यशस्वी जीवन के लिए महामृत्यंजय मंत्र का जाप किये. सीएम की मौजूदगी में आयोजित इन सभी कार्यक्रमों में खुलेआम कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ीं और शासन से प्रशासन तक किसी के भी कानों पर जूं तक नहीं रेंगा. गृह मंत्री मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाने की बात करते हैं, सीएम सावधानी बरतने की अपील करते हैं और फिर ये सब भूलकर सियासी जमीन चमकाने में लग जाते हैं.

  • यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी कोटि-कोटि जनता के हृदय में बसते हैं, देश के मुकुटमणि हैं। पूरी दुनिया में भारत का मान, सम्मान, स्वाभिमान उन्होंने बढ़ाया है। वैभवशाली, गौरवशाली और संपन्न भारत का निर्माण कर रहे हैं। #LongLivePMModi https://t.co/7kzvtlCv6A pic.twitter.com/82uhwnmR3G

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

PM की दीर्घायु के लिए आवाम की जान से खिलवाड़

पंजाब में जाम में फंसे पीएम मोदी के काफिले को वापस लौटना पड़ा था, जिसे भुनाने के लिए मध्यप्रदेश बीजेपी भी आग में कूद गई. मुख्यमंत्री लाव लश्कर के साथ सैकड़ों की संख्या में गुफा मंदिर पहुंचे. औपचारिकता के रूप में बीजेपी नेताओं और पंडितों को मास्क पहना दिया गया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग हवा हवाई ही रही. कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ी, पर सबने अपनी आंखों पर पट्टी लगा रखी थी. कोरोना संक्रमण से बेखबर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित बीजेपी विधायक और अन्य नेता सिर्फ मोदी के दीर्घायु की कामना कर रहे थे.

कोरोना गाइडलाइन का मजाक बना रहे नेता

इसी तरह का नजारा बाबा महाकाल के दरबार में भी दिखा, जहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाई. प्रदेश अध्यक्ष मास्क नहीं पहने थे, उनके साथ खड़े उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी बिना मास्क पहने भगवान भोलेनाथ से पीएम मोदी की दीर्घायु की कामना कर रहे थे, लेकिन प्रदेश की जनता की किसी को परवाह नहीं है. बीजेपी हो या कांग्रेस किसी भी नेता के बिना मास्क के दिखने पर भी अधिकारी अनदेखा कर देते हैं. भोपाल के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह का चालान काटने की बात खुद कलेक्टर और एसीपी ने कही थी, लेकिन रसूख के आगे प्रशासन की एक न चली और कह दिया कि वह कुछ खा रहे थे, इसीलिए मास्क निकाले थे.

कोरोना संक्रमण फैलाने में विपक्ष भी नहीं पीछे

विपक्षी पार्टी कांग्रेस 14 जनवरी को प्रियंका गांधी के महत्वपूर्ण कैंपेन लड़की हूं लड़ सकती हूं का विस्तार करेगी. इससे पहले यूपी के बरेली जिले में आयोजित कांग्रेस की गर्ल्स मैराथन में उमड़ी भीड़ सबने देखी है. चुनावी राज्यों और उससे सटे राज्यों में सत्ता और संगठन में बैठे लोगों का कोरोना के बढ़ते संक्रमण से कोई लेना देना नहीं है. तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद भी सियासी आयोजनों में भीड़ कम होने के बजाय भाड़े पर बुलाकर बढ़ाई जा रही है. जोकि जनता को जोखिम में डालने से कम नहीं है.

Public Forced to Follow Corona Guidelines
जनता की जान से खेल रही सियासत!

सिर्फ जनता के लिए ही कोरोना गाइडलाइन?

सीएम शिवराज सिंह रोजाना कोरोना की समीक्षा करते हैं, लेकिन सिर्फ जनता को ही ज्ञान देकर कोरम पूरा कर लेते हैं. पिछले साल कोरोना संक्रमण के लिए सरकार को जिम्मेदार माना गया था. क्योंकि कोरोना की डेडली लहर की वैज्ञानिक चेतावनी के बावजूद शिवराज सरकार और मोदी सरकार ने अपने कार्यक्रमों पर रोक लगाने की बजाय बदस्तूर जारी रखा, जिसके चलते कोरोना विस्फोट हुआ और हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए. अभी हाल ही में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में कई प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन यह सिर्फ आम जनता के लिए लगता है.

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