MP Violence Against Men क्योंकि पुरुष भी प्रताड़ित हैं, पत्नी की यातना से तंग आए पुरुषों के लिए है ये खबर

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Published : Aug 28, 2022, 1:52 PM IST

MP Violence against men

ऐसा नहीं महिलाएं ही पुरुषों की प्रताड़ना से परेशान रहती हैं, जबकि देश और प्रदेश में ऐसे भी कई मामले और आंकड़े आए हैं, जहां महिलाएं पुरुषों को प्रताड़ित करतीं हैं. ये आंकड़ा कोई दो या चार का नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश में 56 हज़ार पुरुष औरतों की प्रताड़ना से पीड़ित हैं. ऐसे पुरुष जो पत्नियों की प्रताड़ना से पीड़ितो हो उनके लिए प्रशासन ने टोल फ्री नंबर भी जारी किया है.MP Violence against men

भोपाल। क्या आप अपनी पत्नि से परेशान हैं ? क्या घरेलू हिंसा की झूठे मामले में बुरी तरह से उलझ गए हैं आप ? या दहेज प्रताड़ना के फर्जी केस में उलझाया गया है आपको ? क्या आप भी आर्थिक रुप से बेहद सक्षम पत्नि को भरण पोषण देने में ऐसे कंगाल हो चुके हैं कि खुदकुशी करने जा रहे हैं ?. तो ये खबर आपके ही लिए है.

मध्यप्रदेश में करीब 56 हज़ार प्रताड़ित पुरुष

मध्यप्रदेश में करीब 56 हज़ार प्रताड़ित पुरुषों की संख्या है. भोपाल में प्रताड़ित पुरुषों की संख्या सात से आठ हजार है.

क्योंकि मर्द को भी दर्द होता है
महिलाओं की आवाज़ उठाने वाले देश में लाखों संगठन पहले से हैं. लेकिन अब प्रताड़ित पुरुषों की आवाज़ बनकर भाई वेलफेयर सोसायटी नामक संगठन भी मैदान में उतर चुका है. मर्द को भी दर्द होता है. संगठन की ये पंचलाईन ही पूरी कहानी बयां कर देने काफी है. लेकिन मामला केवल प्रताड़ना भर का नहीं. एनसीआरबी के डाटा के साथ संगठन बताता है कि इस संगठन की ज़रुरत समाज को अब क्यों है. इस डाटा के मुताबिक देश में हर साल घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह से 73 हजार से ज्यादा पुरुष खुदुकशी कर लेते हैं. संगठन इस आंकड़े के साथ दलील दे रहा है कि अब समाज को अपना नजरिया बदलने की ज़रुरत है. इस संगठन की सबसे बड़ी मांग पत्नियों को दिए जाने वाले गुजारे भत्ते से जुड़ी है. जिसमें कहा गया है कि 1973 में जब सीआरपीसी 125 के तहत पत्नि और बच्चों के भऱण पोषण का ये कानून लाया गया था. तो ये केवल उन पत्नियों पर था जो अपना भरण पोषण करने में असमर्थ थी. संगठन की ये दलील है कि अब तो स्त्री को भाई के बराबर संपत्ति का अधिकार है तो आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर हो चुकी स्त्री को परजीवी बनाने की व्यवस्था अब भी क्यों लागू है.

Well Fair Society
वेलफेयर सोसायटी के सदस्य
पुरुष आयोग का भी गठन हो संगठन भाई ने यूं तो लंबा मांग पत्र तैयार किया है लेकिन जो मुख्य मांगे हैं उनमें पारिवारिक मामलों में महिला के झूठे आरोपों के आधार पर अदालत पैसा उगाही का जरिया ना बनें. इसके लिए अधिकतम छै महीने तक ही भऱण पोषण दिया जाए. वो भी पति का प्रमाणित आय का बीस फीसदी या विधवा पेंशन रुपए पांच सौ रुपए के बराबर या दोगुना 1000 रुपए प्रतिमाह भरण पोषण तय किया जाए. संगठन की मांग है कि गुजारा भत्ते के मामले में पत्नि को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास होना चाहिए. ताकि पुरुषों को शोषण बच सके. संगठन ने पुरुष आयोग बनाए जाने की भी मांग की है. प्रताड़ित पुरुषों के लिए हैल्पलाईन नंबर भी भाई वेलफेयर सोसायटी ने प्रताड़ित पुरुषों की सुनवाई के लिए हैल्पलाईन नंबर भी जारी किया है. देश भर में कहीं से भी प्रताड़ित पुरुष ऑल इंडिया मैन्स हैल्प लाईन नंबर 08882498498 जारी किया है. इस नंबर पर कोई भी प्रताड़ित पुरुष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. संगठन उनकी काउंसलिंग के साथ कानूनी मदद भी करता है.

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प्रताड़ित पुरुषों ने हारकर संगठन बना लिया

ये वो पुरुष थे जो अपनी अपनी पारिवारिक कलह से तंग आए थे. प्रताड़ित थे. जिन्होने मिलकर तय किया कि अब अपने हक़ में आवाज़ उठानी है. भाई वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष जकी अहमद कहते हैं कि इसी मकसद से 2013 में भाई वेलफेयर सोसायटी की शुरुआत हुई . 2014 से संस्था ने हैल्पलाईन नंबर भी शुरु कर दिया. पीड़ित पुरुष इस नंबर पर डायल करते हैं. संगठन के पांच काउंसलर हैं जो 24X 7 काम करते हैं. संगठन की तरफ से इसके लिए कोई फीस नहीं ली जाती है. जकी कहते हैं हमारी फिक्र एक ही है कि नए लड़के जो प्रताड़ित हो रहे हैं. उनको बचाएं कि वो खुदकुशी के रास्ते तक ना जाएं. भविष्य खराब ना कर लें अपना तो जो हमारा अनुभव है हम उनके साथ बांटते हैं और उन्हें इस सबसे मुश्किल लड़ाई में जो अपनों से ही होती है साथ देते हैं.

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