MP: जहरीली शराब में फंसे तो फांसी, सरकार ने कोरोना काल में की बम्पर कमाई, अब हेरिटेज ब्रांड भी बेचेगी

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Published : Aug 10, 2021, 10:10 PM IST

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मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी संशोधन विधेयक 2021 को हरी झंडी दे दी है. विधेयक में हुए संशोधन के बाद अब राज्य सरकार अपने ब्रांड नेम के साथ हेरीटेज शराब भी बेच सकेगी. नए एक्ट के मुताबिक जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और मौत की सजा होगी.

भोपाल। जहरीली शराब से होने वाली मौत की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी संशोधन विधेयक 2021 को हरी झंडी दे दी है. विधेयक में हुए संशोधन के बाद अब राज्य सरकार अपने ब्रांड नेम के साथ हेरीटेज शराब भी बेच सकेगी. नए एक्ट के मुताबिक जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और मौत की सजा होगी. खास बात यह है कि प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल में शराब की बिक्री से ही बम्पर रेवेन्यू कमाया है.

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MP: जहरीली शराब में फंसे तो फांसी,


शराब माफिया सुन लें...'फंसे तो फांसी'
- मध्यप्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021 के मुताबिक- अब जहरीली शराब बेचने और उसे पीने से होने वाली मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और फांसी की सजा होगी.

- विधेयक में आबकारी अधिनियम की धारा 49 क में नए खंड जोड़े गए हैं. इसके मुताबिक यदि शराब उपयोग के लायक नहीं पाई जाती है तब भी आरोपी को छह माह से लेकर 6 साल तक की सजा होगी. इसके साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी भरना होगा.
- ऐसी मिलावटी या जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो आरोपी को 8 साल तक की सजा और 2 लाख रुपए के जुमाने का प्रावधान किया गया है. खास बात यह है कि सजा 2 साल से कम नहीं होगी.
- शराब पीने से यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख का जुर्माना.
- आरोपी यदि फिर इसी तरह का अपराध करता है तो आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामले में जुर्माना राशि 20 लाख रुपए से कम नहीं होगा।

सरकार बेचेगी हेरीटेज शराब
मध्यप्रदेश में देसी मदिरा और विदेशी मदिरा के साथ अब हेरिटेज श्रेणी भी जोड़ी गई है. इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा है कि इसके जरिए सरकार प्रदेश में उत्पादित स्वदेशी मदिरा के ब्रांड को भी प्रोत्साहित करेगी. हालांकि हेरिटेज शराब ब्रांड का कॉन्सेप्ट दूसरे राज्यों में भी है. अब दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश सरकार भी हेरीटेज शराब अपने ब्रांड नेम के साथ बेचेगी. इसके जहां प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा, वहीं महुआ से होने वाली आदिवासियों की आय भी बढ़ेगी.

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महामारी में खूब बिकी शराब

मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2019-20 की तुलना में साल 2020-21 में शराब बिक्री से 26.14 फीसदी रेवेन्यू इकट्ठा किया है. इसके अलावा पेट्रोल- डीजल की बिक्री से भी सरकार के खजाने में 22.39 प्रतिशत ज्यादा राजस्व आया है. प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में कांग्रेस विधायक मेवाराम जाट ने इस संबंध में सवाल पूछा था जिसका जवाब देते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी.

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शराब और पेट्रोल से ऐसे बढ़ा रेवेन्यू

- साल 2020-21 के दौरान शराब पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) के तौर पर राजस्व का संग्रह पिछले साल (2019-20) की तुलना में 26.14 फीसद बढ़ा है. यह बढ़कर 1183.58 करोड़ रुपये रहा जबकि 2019-20 में यह 938.28 करोड़ और 2018-19 में 632.27 करोड़ रुपए था.

- देवड़ा ने बताया कि पेट्रोल बिक्री से वैट के रूप में रेवेन्यू 2019-20 में 4263.42 करोड़ रुपए था. 2020-21 में यह 22.39 प्रतिशत बढ़कर 5217.79 करोड़ रुपए हो गया. साल 2018-19 में पेट्रोल पर लगे वैट के जरिए मिलने वाले राजस्व से 3779.06 करोड़ रुपए सरकार को मिले थे.

- प्रदेश सरकार ने 2020-21 में डीजल पर लगे वैट के माध्यम से 6690 करोड़ जमा किए हैं जो 2019-20 में 5773.65 करोड़ रुपये से 15.88 प्रतिशत अधिक है जबकि 2018-19 में डीजल बिक्री से सरकार को 5256.89 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था.

- वित्तमंत्री ने सदन को यह भी बताया कि प्रदेश सरकार पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वैट, 4.5 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर और टोटल टर्नओवर पर 1 प्रतिशत सेस (उपकर) वसूल रही है. इसी तरह डीजल पर 23 प्रतिशत वैट मतलब तीन रुपये प्रति लीटर ज्यादा कर और टर्न ओवर पर

एक प्रतिशत उपकर वसूल रही है.

- वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में दुकानों पर शराब की बिक्री पर 10 प्रतिशत वैट, रेस्तरां और बार में शराब की बिक्री पर 18 प्रतिशत वैट है.

बीजेपी का जवाब, कांग्रेस ने बढ़ाया वैट

एक सवाल पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने यह भी कहा कि बीजेपी की सरकार ने पेट्रोल पर वैट पहले 31 प्रतिशत से घटाकर 28 फीसदी किया था, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इसे बढ़ाकर 33 फीसदी कर दिया है. इसी तरह भाजपा सरकार में डीजल पर वैट 22 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था जिसे पूर्व की कमलनाथ सरकार ने बढ़ाकर 23 प्रतिशत कर दिया.

जीएसटी चोरी पर जुर्माना भरने के बाद ही होगा अपील का अधिकार

सरकार ने साफ किया है कि जीएसटी चोरी के मामले में जुर्माना भरने के बाद ही अपील करने का अधिकार होगा. इससे पहले जुर्माना आदेश जारी होने के बाद ही अपील की जा सकती थी. मंगलवार को मध्यप्रदेश विधानसभा से पास किए गए 'मध्यप्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2021' के बाद अब अपील के पहले जुर्माने की 25 फीसदी राशि जमा करनी होगी. राज्य सरकार ने विधेयक की कई धाराओं में संशोधन किया है. विधेयक की धारा 107 में संशोधन करते हुए जुर्माने के 25 फीसदी के बराबर राशि के भुगतान करने के प्रावधान को जोड़ा गया है. धारा 129 में संशोधन करते हुए प्रावधान किया गया है कि जब्त किए गए माल पर लगाए गए जुर्माने की राशि यदि 15 दिन के अंदर जमा करने में असफल रहते हैं तो जुर्माना राशि वसूलने के लिए जब्त किए गए माल को बेचा या नीलाम किया जा सकेगा, हालांकि लगाया गया जुर्माना अगर एक लाख रुपए से कम हो तो उसका भुगतान कर माल को छुडाया जा सकेगा. इसके साथ ही अधिकारी को यह अधिकार भी दिया गया है कि यदि जब्त किया गया माल जल्द खराब हो सकता है या फिर खतरनाक है तो उसे 15 दिन की समय सीमा के पहले भी बेचा जा सकेगा.

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