ETV Bharat / state

MP Mission 2023 क्या बीजेपी के गले की हड्डी बने सिंधिया समर्थक, पार्टी की बढ़ा रहे चुनावी चिंता

author img

By

Published : Dec 20, 2022, 4:34 PM IST

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक कई मंत्री अब अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. कोई मंत्री सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़े हैं तो कोई बयान को लेकर चर्चा में है. इस तरह से कहना गलत नहीं होगा कि सिंधिया समर्थक कहीं ना कहीं बीजेपी के गले की हड्डी बनते नजर आ रहे हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में अब पार्टी टिकट का बंटवारा कैसे करेगी यह देखने लायक होगा.

Jyotiraditya Scindia Union Minister
ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री

भोपाल। 2020 में सत्ता की सौगात लेकर बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक क्या 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गले की हड्डी बन गए हैं. ये सवाल उस सियासी जमीन पर उठा है, जहां मध्यप्रदेश में ये मंत्री अपनी ही पार्टी और सरकार का हर दिन इम्तेहान ले रहे हैं. सिंधिया समर्थक एक मंत्री अपनी ही सरकार में जनता की आवाज बने अघोषित आंदोलन छेड़े हैं, तो किसी मंत्री के कारनामें पार्टी के दामन पर दाग बने हैं. सवाल ये चुनावी साल में क्या नई और पुरानी भाजपा के बीच लकीर और बढ़ेगी. क्या नई और पुरानी बीजेपी के बीच तैयार हो रहा है दंगल का नया मैदान.

बीजेपी का नया संकट सिंधिया समर्थक मंत्री: अब उन मंत्रियों पर नजर दौड़ाइए, सिंधिया समर्थक वो मंत्री जिन्हें पूरी आन बान शान से बीजेपी में बुलाया गया. मान सम्मान से मंत्री पद दिलाया गया. उनके कारनामें बीजेपी की किस तरह मुसीबत बढ़ा रहे हैं ये जान लीजिए. हाल ही में सिंधिया समर्थक मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव से ताल्लुक रखता वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में मंत्री भर नहीं थे, बाकी मंत्री से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और संगठन सरकार की साख पर बट्टा लगाने के पूरे इंतज़ाम कर दिए गए थे. जो वीडियो वायरल हुआ उसका जवाब देते अब तक मंत्री जी ने भी मुंह नहीं खोला कि दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो सके. सिंधिया समर्थक मंत्रियों में टाप टू मंत्रियों में शामिल मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के चर्चे उन्हें दान में मिली पचास करोड़ की जमीन को लेकर है. जमीन दान में बताई गई और ससुराल पक्ष से मिली है, ऐसा बताया गया तो कहा जा रहा है कि मंत्री जी को शादी के इतने साल बाद दहेज लेने की नौबत क्यों आई. सिंधिया भक्त मंत्रियो में गिने जाने वाले मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तो दो कदम आगे हैं. जनाब अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते चप्पल छोड़े बैठे हैं. मंत्री जी के इलाके की सड़कें खुद उनकी ही सरकार में नहीं बना पाई है. अब मंत्री ने जी ने प्रण लिया है कि जब तक चप्पल नहीं पहनेंगे कि जब तक सड़क नहीं बन जाती. अब उनका ये स्टंट जनता को रास आए या नहीं लेकिन एक संदेश तो दे गया कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों की अपनी ही सरकार में सुनवाई नहीं है. एक विधायक ऐसे भी हैं जो अपने नए-नए जाति प्रमाण पत्र के साथ सियासी तापमान बढ़ाते रहे. जनाब ने चुनाव के हिसाब से जाति बदली है. भले अपनी विधायकी पर लटकी तलवार फिलहाल टल गई हो, लेकिन पार्टी की साख को तो सिंधिया समर्थक नेता जी बट्टा लगा गए.

Pradyuman Singh Tomar against  government
सरकार के खिलाफ प्रद्युम्न सिंह तोमर

MP Mission 2023 सिंधिया समर्थक पढ़ रहे हैं संगठन का पाठ, टिकट को लेकर सभी बेचैन

टीआई को हटवाने धऱने पर बैठी पूर्व मंत्री: मंत्री नहीं पर मंत्री की हैसियत वाली सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी तो अपने विधानसभा क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में आरोपियों के मकान तोड़ने के साथ उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रही थी. डिमांड ये भी थी कि टीआई को हटाया जाए. स्थिति ये बनी कि केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के आश्वासन देने के बाद इमरती देवी का धरना खत्म हुआ. हैरानी की बात ये भी कि अपनी ही सरकार में टीआई के निलंबन की मांग को लेकर एक पूर्व मंत्री को धरने पर बैठना पड़ा. सिंधिया समर्थक मंत्री अपने बयानों से भी बवाल मचाए हुए हैं. कुछ दिन पहले मंत्री ओपीएस भदौरिया का बयान सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था, जिसमें वो केवल एक समाज का राज लाने की बात कर रहे थे. इस पर ब्राह्मण समाज ने कड़ा एतराज भी जताया था. सिंधिया समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का मुख्य सचिव को निरंकुश बताकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करता वो बयान भी याद ही होगा आपको. जिसमें बाद में यू टर्न लेते हुए उन्होंने कहा था कि सीएम साहब से बात हो गई है अब कोई शिकायत नहीं.

चुनाव के पहले कच्चे चिट्ठे क्या दबाव की सियासत: क्या वजह है कि पिछले कुछ महीनों से सिंधिया समर्थक मंत्रियों की कार्यशैली, बयान कारनामें सरकार पर खड़े किए जाते सवाल सबकुछ सुर्खियों में है. क्या कई मंत्रियों के मामले साशय उजागर किए जा रहे हैं. ये तय रणनीति के तहत किया जा रहा है कि टिकट बंटवारे के पहले ही ये नेता आईना ठीक तरीके से देख लें. क्या मजबूत संगठन वाली बीजेपी इस ढंग से इन मंत्रियों पर लगाम कस रही है. क्या इसी आईने में इन्हें टिकट बंटवारे के समय दरकिनार किया जाएगा.

scindia supporters statement
समर्थकों के बीच सिंधिया

MP Mission 2023 सिंधिया समर्थकों को टिकट का भय, कैसे मिलेगा, कांग्रेस बोली-जनता करेगी गद्दारों का हिसाब

समय रहते सबक लें सिंधिया समर्थक: वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं सिंधिया समर्थक मंत्री भी जानते हैं कि बीजेपी का अनुशासन क्या है. पार्टी से ज्यादा इम्तेहान उनका हैं. चुनौती उनकी है कि वो कैसे बीजेपी में खुद को बचाए बनाए रखते हैं. उन संस्कारों के साथ जो बीजेपी को बाकी हर सियासी दल से अलग करते हैं. मजबूरी पार्टी की कहीं से नहीं है मुश्किल हर उस कार्यकर्ता की है जो पार्टी से खुद को बड़ा समझने की भूल करेगा. सिंधिया पहले दिन से पानी में शक्कर की तरह पार्टी में घुल मिल गए हैं. उनके समर्थकों को भी जल्द से जल्द ये सबक सीख लेना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.