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MP Employees Protest: 39 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सरकार पर बढ़ाया दबाव, एक दिन की छुट्टी पर हैं प्रदेश के कर्मचारी

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 3:13 PM IST

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कर्मचारियों ने अपनी 39 सूत्री मांगों को लेकर शिवराज सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रदेश के 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी एक दिन के अवकाश पर हैं. पढ़िए इनकी मुख्य मांगें...

एमपी के कर्मचारियों का विरोध
MP Employees Protest

भोपाल। आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के पहले मध्यप्रदेश के कर्मचारियों ने अपनी 39 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दवाब बढ़ा दिया है. अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी आज शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल (अवकाश) पर हैं. इसकी वजह से सरकारी दफ्तरों में आज किसी भी तरह का काम काज नहीं हो पा रहा है. दफ्तरों में अधिकारी तो पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों के अवकाश की वजह से फाइलें ही नहीं दौड़ सकीं. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक यह उनके चरणबद्ध आंदोलन का एक पड़ाव है, सरकार अब भी नहीं मानी तो आने वाले दिनों में अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

MP Employees Protest
सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप्प

इन मांगों को लेकर कर्मचारी कर रहे आंदोलन: मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी मोर्चा सहित 6 संगठनों के आह्वान पर प्रदेश भर में कर्मचारी अधिकारियों द्वारा यह प्रदर्शन किया जा रहा है. पिछले करीब 4 साल बाद प्रदेश में इतना बड़ा कर्मचारियों का यह प्रदर्शन है. इसके पहले कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकारी दफ्तरों में गेट मीटिंग कर अपनी मांगों को पूरा न किए जाने को लेकर विरोध दर्ज करा रहे थे. कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी के मुताबिक प्रदेश में करीबन 5 लाख 75 हजार कर्मचारी हैं. आज के उनके प्रदर्शन में वर्ग 3 और वर्ग 4 के अलावा राजपत्रित अधिकारी संवर्ग भी शामिल हैं. शनिवार और रविवार को अवकाश की वजह से अब सोमवार को ही सरकारी दफ्तरों में काम-काज शुरू होगा.

MP Employees Protest
भोपाल में एमपी के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

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कर्मचारी संगठन 39 मांगों को लेकर सामूहित अवकाश पर गए हैं, इसमें उनकी प्रमुख मांगे हैं -

  1. मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ते का बकाया एरिया दिया जाए.
  2. पुरानी पेंशन को फिर से बहाल किया जाए.
  3. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई राहत दी जाए.
  4. सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन भत्ता और मकान किराया भत्ता दिया जाए. पिछले 11 सालों से वाहन और मकान किराए भत्ते में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है.
  5. प्रदेश के लिपिक कर्मचारियों को 2400-2800-3200 के स्थान पर मंत्रालय के समान 2800-3600-4200 ग्रेड पे दिया जाए.
  6. कर्मचारियों की पदोन्नति करने के लिए धारा 49 को खत्म किया जाए.
  7. पेंशन के लिए अंशदाई पेंशन की गणना 25 साल किया जाए.
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