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Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस की नाराजगी, शोभा ओझा बोलीं- मोदी सरकार ने फिर दिया धोखा

देश में जब से महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिली है और बिल लोकसभा में पेश हुआ है, तब से ही इस पर राजनीति गरमाई हुई है. केंद्र सरकार ने जनगणना के बाद महिला आरक्षण बिल पास होने की बात कही है, जिसको लेकर विपक्ष ने नाराजगी जताई है. वहीं कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने मोदी सरकार को घेरा है.

Women Reservation Bill
शोभा ओझा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 19, 2023, 8:46 PM IST

भोपाल। महिला आरक्षण बिल को बीते दिन कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. जिसके बाद मंगलवार को विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया. इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ ही राजनीति शुरु हो गई है. एमपी में कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने महिला आरक्षण बिल पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि मोदी सरकार को घेरा है. शोभा ओझा ने कहा "बिल लागू न हो पाना महिलाओं के साथ भाजपा और मोदी सरकार द्वारा किया गया विश्वासघात है. 33 प्रतिशत आरक्षण की राह देखते-देखते महिलाएं थक गई हैं, उनके सामने फिर एक अंधेरा छा गया है."

शोभा ओझा ने पुरानी सरकारों की दिलाई याद: शोभा ओझा ने कहा "देश की महिलाओं के साथ एक बार फिर विश्वासघात हुआ है. उन्हें फिर एक जुमला दे दिया गया है. 33 प्रतिशत आरक्षण की राह ताकते-ताकते इस देश की महिलाएं थक गई हैं." शोभा ओझा ने महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द लागू नहीं किए जाने पर बीजेपी सरकार को घेरा है. शोभा ओझा ने कांग्रेस की पुरानी सरकारों की याद दिलाते हुए कहा कि राजीव गांधी ने महिला सशक्तिकरण का सपना देखा था. जिसके लिए सोनिया गांधी सतत लड़ती रहीं.

  • महिला आरक्षण बिल अभी लागू नहीं करना महिलाओं के साथ भाजपा और मोदी सरकार द्वारा किया गया विश्वासघात है!

    तैंतीस प्रतिशत आरक्षण की राह देखते देखते महिलाएं थक गई हैं, उनके सामने फिर एक अंधेरा छा गया है। pic.twitter.com/L4gw4vRtFc

    — Shobha Oza (@Shobha_Oza) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साल 2010 में राज्यसभा में सोनिया ने पास कराया था यह बिल: वर्ष 2010 में जिस महिला आरक्षण बिल को यूपीए की सरकार ने राज्यसभा में पास करा दिया था, उसे वह लोकसभा में पास नहीं करा पाई थीं, क्योंकि कांग्रेस अकेली पड़ गई थी और भाजपा ने उसका साथ नहीं दिया था. वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने इस देश की महिलाओं से वादा किया था कि यदि पूर्ण बहुमत आया तो वह महिला आरक्षण बिल पास करेंगे, पर वह भी जुमला था. वर्ष 2019 में उन्होंने फिर वादा किया कि यदि पूर्ण बहुमत आया तो हम इस कार्यकाल में महिला आरक्षण बिल पास करेंगे. वर्ष 2023 में आज जब यह बिल लोकसभा में पेश हुआ है, तो एक और अड़ंगा लगा दिया गया है. कहा जा रहा है कि जनगणना के बाद ही यह बिल पास होगा.

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मोदी सरकार ने फिर किया विश्वासघात: कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने कहा कि "जनगणना जो वर्ष 2021 में होना थी, वह आज तक नहीं हुई. फिर एक तारीख...तारीख पर तारीख. देश की महिलाओं के साथ एक और विश्वासघात हो गया है. पीएम मोदी ने एक और जुमला दे दिया है. आखिर कब वह तारीख आएगी, जब जनगणना होगी और कब महिलाओं को महिला आरक्षण बिल का लाभ मिलेगा. कोई नहीं जानता. दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजीव गांधी का सपना न जाने कब पूरा होगा. कब इस देश की महिलाओं को ताकत मिलेगी. आज जब यह बिल पेश हुआ है, यदि अभी यह लागू होता तो इस देश की महिलाएं सशक्त होती, पर फिर एक अंधेरा सामने है. महिलाओं के साथ एक बहुत बड़ा विश्वासघात भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी ने कर दिया है.

भोपाल। महिला आरक्षण बिल को बीते दिन कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. जिसके बाद मंगलवार को विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया. इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ ही राजनीति शुरु हो गई है. एमपी में कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने महिला आरक्षण बिल पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि मोदी सरकार को घेरा है. शोभा ओझा ने कहा "बिल लागू न हो पाना महिलाओं के साथ भाजपा और मोदी सरकार द्वारा किया गया विश्वासघात है. 33 प्रतिशत आरक्षण की राह देखते-देखते महिलाएं थक गई हैं, उनके सामने फिर एक अंधेरा छा गया है."

शोभा ओझा ने पुरानी सरकारों की दिलाई याद: शोभा ओझा ने कहा "देश की महिलाओं के साथ एक बार फिर विश्वासघात हुआ है. उन्हें फिर एक जुमला दे दिया गया है. 33 प्रतिशत आरक्षण की राह ताकते-ताकते इस देश की महिलाएं थक गई हैं." शोभा ओझा ने महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द लागू नहीं किए जाने पर बीजेपी सरकार को घेरा है. शोभा ओझा ने कांग्रेस की पुरानी सरकारों की याद दिलाते हुए कहा कि राजीव गांधी ने महिला सशक्तिकरण का सपना देखा था. जिसके लिए सोनिया गांधी सतत लड़ती रहीं.

  • महिला आरक्षण बिल अभी लागू नहीं करना महिलाओं के साथ भाजपा और मोदी सरकार द्वारा किया गया विश्वासघात है!

    तैंतीस प्रतिशत आरक्षण की राह देखते देखते महिलाएं थक गई हैं, उनके सामने फिर एक अंधेरा छा गया है। pic.twitter.com/L4gw4vRtFc

    — Shobha Oza (@Shobha_Oza) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साल 2010 में राज्यसभा में सोनिया ने पास कराया था यह बिल: वर्ष 2010 में जिस महिला आरक्षण बिल को यूपीए की सरकार ने राज्यसभा में पास करा दिया था, उसे वह लोकसभा में पास नहीं करा पाई थीं, क्योंकि कांग्रेस अकेली पड़ गई थी और भाजपा ने उसका साथ नहीं दिया था. वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने इस देश की महिलाओं से वादा किया था कि यदि पूर्ण बहुमत आया तो वह महिला आरक्षण बिल पास करेंगे, पर वह भी जुमला था. वर्ष 2019 में उन्होंने फिर वादा किया कि यदि पूर्ण बहुमत आया तो हम इस कार्यकाल में महिला आरक्षण बिल पास करेंगे. वर्ष 2023 में आज जब यह बिल लोकसभा में पेश हुआ है, तो एक और अड़ंगा लगा दिया गया है. कहा जा रहा है कि जनगणना के बाद ही यह बिल पास होगा.

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मोदी सरकार ने फिर किया विश्वासघात: कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने कहा कि "जनगणना जो वर्ष 2021 में होना थी, वह आज तक नहीं हुई. फिर एक तारीख...तारीख पर तारीख. देश की महिलाओं के साथ एक और विश्वासघात हो गया है. पीएम मोदी ने एक और जुमला दे दिया है. आखिर कब वह तारीख आएगी, जब जनगणना होगी और कब महिलाओं को महिला आरक्षण बिल का लाभ मिलेगा. कोई नहीं जानता. दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजीव गांधी का सपना न जाने कब पूरा होगा. कब इस देश की महिलाओं को ताकत मिलेगी. आज जब यह बिल पेश हुआ है, यदि अभी यह लागू होता तो इस देश की महिलाएं सशक्त होती, पर फिर एक अंधेरा सामने है. महिलाओं के साथ एक बहुत बड़ा विश्वासघात भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी ने कर दिया है.

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