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MP Budget Session: विधानसभा में विशेषाधिकार पर दंगल! स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, कार्य मंत्री पर किताब फेंकने का आरोप

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Published : Mar 4, 2023, 4:04 PM IST

mp assembly speaker girish gautam
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम

मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान हंगामे के बीच कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ उन पर किताब फेंकने के आरोप लगाए हैं. ऐसे में साफ है कि बजट सत्र में आगे भी हंगामा जारी रहेगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र फिलहाल 13 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. इससे पहले सत्र के दौरान कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. इस पर 14 दिन में फैसला लिया जाना है. ऐसा मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास में दूसरी बार होगा. अब देखना ये होगा कि इसे अमान्य किया जाता है या फिर मान्य. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ विधानसभा के प्रमुख सचिव को विशेषाधिकार हनन की सूचना भी दी है.

स्पीकर सत्ता पक्ष के दबाव में कार्यवाही कर रहे: शुक्रवार को बजट सत्र कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने आसंदी को घेरकर हंगामा किया. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस में आरोप लगाया गया है कि स्पीकर सत्ता पक्ष के दबाव में कार्यवाही कर रहे हैं. इसी के तहत कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बिना किसी वैध कारण के तानाशाहीपूर्ण तरीके से पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है. कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, 'हम सभी लोग नियम-प्रकिया जानते हैं. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, जब अध्यक्ष के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है. अध्यक्ष को नैतिकता के आधार पर काम करना चाहिए.'

संसदीय कार्य मंत्री पर आरोप: नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर किताब फेंककर मारने का आरोप लगाया है. सत्र की कार्यवाही के दौरान जब गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा था, तभी ये आरोप लगाया गया. गोविंद सिंह ने कहा, "मैं सदन में स्पीकर से पूछ रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब कराएंगे? इस बीच संसदीय कार्य मंत्री ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी तरफ जोर से फेंकी. इसकी वजह से हम मिश्रा के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे. इस तरह का व्यवहार करने वाले मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है." वहीं, नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "मैंने किताब नहीं मारी, मैं चपरासी को हटा रहा था."

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10 फीसदी विधायक मान्य करेंगे तो होगी चर्चा: स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मिलने के 14 दिन में उसे स्वीकार कर सदन में मान्य-अमान्य करने के लिए पेश किया जाता है. सदन में जब अविश्वास प्रस्ताव पेश होता है तो उस समय विधानसभा अध्यक्ष बैठक की अध्यक्षता नहीं कर सकता. अध्यक्षता के लिए किसी भी विधायक को आसंदी पर बैठाया जा सकता है और मान्य-अमान्य के लिए 10 फीसदी विधायकों की सदन में खड़े होकर सहमति जरूरी होता है. जब सदन में 10 फीसदी विधायक उसे मान्य करते हैं तो 10 के अंदर उस पर चर्चा कराना होता है. इस चर्चा में सभी विधायकों को मौका भी नहीं दिया जाता. सदन में प्रस्ताव पर मतदान की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष को भी वोटिंग का अधिकार होता है.

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