भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने व मतदान की तारीखों को लेकर अब उत्सुकता लोगों में बढ़ने लगी है. अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लगने की संभावना जताई जा रही है. इसके बाद सभी तरह के भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रमों पर रोक लग जाएगी. बताया जाता है कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा करने के पहले चुनाव आयोग कम से कम 10 दिन का समय लेता है और इस लिहाज से माना जा रहा है कि 10 अक्टूबर के आसपास चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. इस तरह देखा जाए तो राज्य सरकार के पास सरकारी कामकाज के लिए अब कुल मिलाकर करीब 2 माह का वक्त ही बचा है.
चुनाव आयोग ने तेज की तैयारी : चुनाव की तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग का प्रतिनिधिमंडल मध्यप्रदेश का पिछले दिनों दौरा कर चुका है. इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम के अलावा ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, शहडोल आदि संभागों के कलेक्टर कमिश्नर की बैठक कर चुका है. इस दौरान मतदान केंद्रों की स्थिति, मतदान केंद्रों पर सुविधाओं की व्यवस्था, नए मतदाता को जोड़ने को लेकर चलाए जा रहे अभियान, मृत मतदाताओं के नाम हटाने, दो जगह मतदाताओं के नाम में से एक जगह नाम हटाने, संशोधन करने और वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए स्वीप गतिविधियां चलाने के संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए जा चुके हैं.
मतदाताओं के नाम जोड़ने की मुहिम तेज : आयोग के निर्देश के बाद सभी जिलों में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं के नाम जोड़ने और मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के अभियान चलाए जा रहे हैं. आयोग अलग-अलग पार्टियों के प्रतिनिधिमंडलों से भी चर्चा कर चुका है. इसके अलावा कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है. मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 4 अक्टूबर को किया जाएगा. हालांकि मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन के मुताबिक मतदाता में नाम जुड़वाने का काम उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के पहले तक जारी रहेगा. बताया जा रहा है कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा.
ये खबरें भी पढ़ें... |
आचार संहिता के बाद ये काम होंगे प्रभावित : चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्यप्रदेश में सरकारी लोकार्पण भूमिपूजन आदि के कम पर रोक लग जाएगी. इसके अलावा सभी तरह की सरकारी भर्तियां भी रुक जाएंगी. ऐसे में मध्य प्रदेश कर्मचारी मंडल और एमपीपीएससी द्वारा कराई जा रही भर्ती प्रक्रिया चुनाव के बाद ही हो पाएगी. भले ही परीक्षाओं के रिजल्ट आ चुके हों या पदों के लिए विज्ञापन जारी हो गए हों. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा की गई तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं में राशि आवंटन भी इस दौरान नहीं हो सकेंगे. इसमें शिवराज सरकार की लाडली बहन योजना और मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना भी शामिल होगी. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही इस योजना में लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा.