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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में अब शाह के हाथ ही रहेगी चुनावी कमान, मोदी ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, 3 केंद्रीय मंत्री भी गुड बुक में

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में चुनावी कमान की जिम्मेदारी अमित शाह को सौंपी है. पीएम ने यह जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए दी है.

modi gave command of mp to amit shah
मोदी ने अमित शाह को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
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Published : Aug 4, 2023, 8:57 AM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव को अब कुछ महीने की बचे हैं और ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि किसी भी तरह की कोई गलती हो. लिहाजा केंद्र ने खुद चुनावी कमान किसी को न देकर अपने हाथ में रखी है. अमित शाह के 15 दिन में तीन दौरे इस बात के संकेत हैं कि इस बार प्रदेश में बीजेपी की तरफ से कोई गलती नहीं होना चाहिए. अब चाहे वो कोर ग्रुप के साथ बैठक हो या फिर कार्यकर्ताओं को बूस्ट अप करने की, सभी बैठकें खुद अमित शाह ले रहे हैं. खास बात ये है कि शाह ने भोपाल में जो बैठक ली थी उसमें बड़े नेताओं को बुलाकर चुनावी फीडबैक के साथ साथ इंटर्नल फीडबैक भी लिया था.

तीन केंद्रीय मंत्री मोदी और शाह की गुड बुक में: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव अभियान समिति और दो केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया गया है. अमित शाह को चुनाव में जीत चाहिए. यही वजह है कि तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनावी जिम्मेदारी दी गई है. ये माना जाता है कि तीनों केंद्रीय मंत्री मोदी और अमित शाह की गुड बुक में हैं. नरेंद्र सिंह तोमर का प्रदेश में अच्छा वर्चस्व है और खासतौर से सभी के बीच समन्वय बनाने के लिए तोमर जाने जाते हैं. 2013 में भी तोमर को चुनावी जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें पार्टी ने बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी.

गुटबाजी को लेकर भी शाह की नसीहत: प्रदेश में इस वक्त बीजेपी में गुटबाजी खुले तौर पर सामने आने लगी है. लेकिन गुटबाजी को दूर करने और नाराज लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए ऐसे लोगों को शाह के निर्देश पर चुनाव समितियों में रखा गया जो बेबाकी से अपनी बात रखते हैं और पार्टी को समय समय अपर आइना दिखाते रहते हैं.

हमेशा शाह की संभालेंगे जिम्मेदारी: अमित शाह द्वारा तीन बैठकें लेने के बाद से ही सियासी गलियारों में ये बात स्पष्ट थी कि अब मध्य प्रदेश की चुनावी कमान कोई और नहीं बल्कि हमेशा खुद ही संभालेंगे. जब अमित शाह पहली बार अचानक भोपाल आए तो किसी को भी भनक नहीं थी. एक दिन पहले पता चला और पार्टी तैयारी में लग गई. शाह ने दो घंटे तक बैठक ली, वो भी सिर्फ खास पदाधिकारियों के साथ. वहीं, दूसरी बैठक में कोर ग्रुप के सदस्य थे, बाकी कुछ लोगों से वन टू वन भी किया.

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शिवराज की लाडली बहना योजना की तारीफ की: देश के गृह मंत्री अमित शाह को जब लाडली बहना का पूरा विस्तृत आईडिया बताया गया तो केंद्र ने इसके लिए हामी भर दी थी. अब जब अमित शाह खुद बैठक लेने आए तो उन्होंने शिवराज की लाडली बहना योजना के साथ-साथ अन्य जो योजनाएं मध्य प्रदेश सरकार चला रही है उनकी जमकर तारीफ भी की.

विजय संकल्प रथ यात्रा निकालने के लिए बनाई रणनीति: अमित शाह ने पहली बैठक के दौरान निर्देश दे दिए थे कि प्रदेश में विजय संकल्प यात्रा निकालें और लोगों के बीच यह संदेश जाना चाहिए कि पीएम मोदी के साथ-साथ मध्य प्रदेश सरकार भी लोगों के लिए बहुत कुछ कर रही है. संदेश ये जाना चाहिए कि मध्यप्रदेश में हर वर्ग को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. विजय संकल्प यात्रा के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को दी जा रही है और यह सितंबर में यात्रा शुरू हो जाएगी.

भोपाल। विधानसभा चुनाव को अब कुछ महीने की बचे हैं और ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि किसी भी तरह की कोई गलती हो. लिहाजा केंद्र ने खुद चुनावी कमान किसी को न देकर अपने हाथ में रखी है. अमित शाह के 15 दिन में तीन दौरे इस बात के संकेत हैं कि इस बार प्रदेश में बीजेपी की तरफ से कोई गलती नहीं होना चाहिए. अब चाहे वो कोर ग्रुप के साथ बैठक हो या फिर कार्यकर्ताओं को बूस्ट अप करने की, सभी बैठकें खुद अमित शाह ले रहे हैं. खास बात ये है कि शाह ने भोपाल में जो बैठक ली थी उसमें बड़े नेताओं को बुलाकर चुनावी फीडबैक के साथ साथ इंटर्नल फीडबैक भी लिया था.

तीन केंद्रीय मंत्री मोदी और शाह की गुड बुक में: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव अभियान समिति और दो केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया गया है. अमित शाह को चुनाव में जीत चाहिए. यही वजह है कि तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनावी जिम्मेदारी दी गई है. ये माना जाता है कि तीनों केंद्रीय मंत्री मोदी और अमित शाह की गुड बुक में हैं. नरेंद्र सिंह तोमर का प्रदेश में अच्छा वर्चस्व है और खासतौर से सभी के बीच समन्वय बनाने के लिए तोमर जाने जाते हैं. 2013 में भी तोमर को चुनावी जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें पार्टी ने बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी.

गुटबाजी को लेकर भी शाह की नसीहत: प्रदेश में इस वक्त बीजेपी में गुटबाजी खुले तौर पर सामने आने लगी है. लेकिन गुटबाजी को दूर करने और नाराज लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए ऐसे लोगों को शाह के निर्देश पर चुनाव समितियों में रखा गया जो बेबाकी से अपनी बात रखते हैं और पार्टी को समय समय अपर आइना दिखाते रहते हैं.

हमेशा शाह की संभालेंगे जिम्मेदारी: अमित शाह द्वारा तीन बैठकें लेने के बाद से ही सियासी गलियारों में ये बात स्पष्ट थी कि अब मध्य प्रदेश की चुनावी कमान कोई और नहीं बल्कि हमेशा खुद ही संभालेंगे. जब अमित शाह पहली बार अचानक भोपाल आए तो किसी को भी भनक नहीं थी. एक दिन पहले पता चला और पार्टी तैयारी में लग गई. शाह ने दो घंटे तक बैठक ली, वो भी सिर्फ खास पदाधिकारियों के साथ. वहीं, दूसरी बैठक में कोर ग्रुप के सदस्य थे, बाकी कुछ लोगों से वन टू वन भी किया.

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