भोपाल। अक्टूबर महीने के खत्म होते-होते ही ठंड का आगाज होने लगा है, राजधानी में भी हल्की गुलाबी ठंड पड़ने लगी है. ठंड के मौसम में ऐसे कई मरीज होते हैं जिन्हें खास देखभाल की जरूरत पड़ती है, इसके साथ ही इस बार कोरोना महामारी के चलते ऐसे मरीजों को और ज्यादा सावधानी रखने की भी जरूरत है. ऐसे ही मरीजों में शामिल हैं दिल की बीमारी से पीड़ित मरीज. विशेषज्ञों की माने तो ठंड के सीजन में हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ने लगती है इसलिए सीजन में उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है.
विशेषज्ञ की राय, ऐसे रखें दिल का ख्याल
इस कठिन समय में दिल के मरीज अपना ख्याल कैसे रखें और क्या-क्या सावधानी बरतें, इस बारे में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ आरएस मीणा कहते हैं कि दिल के मरीजों को 3 बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले उन्हें अपनी दिनचर्या को सुधारना होगा. अभी तक मौसम ऐसा था कि कोई कभी भी जाग रहा है, सो रहा है पर अब जब धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगेगी, तो हार्ट के मरीज और खासतौर पर वह मरीज जो ज्यादा उम्र के हैं, वह तभी मॉर्निंग वॉक पर निकले जब सूरज की रोशनी आ जाए, सुबह की ठंड से बचें और ऐसी जगह मॉर्निंग वॉक करें जहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा कम से कम हो. इसके साथ ही खानपान पर विशेष ध्यान दें, ठंडी चीजों को खाने से बचें. अपनी सभी दवाइयां समय पर लें. गर्मी के वातावरण से ठंड में और ठंडे वातावरण से गर्मी में जाने से बचें.
कोरोना से बचाव बेहद जरूरी
दिल की बीमारी के मरीज कोरोना संक्रमण के हाई रिस्क जोन में आते हैं. ऐसे व्यक्ति अपना बचाव किस तरह से करें, इस बारे में डॉ आरएस मीणा सलाह देते हैं कि कोरोना संक्रमण से बचाव का सबसे जरूरी तरीका है, मास्क का सही से इस्तेमाल करना. धीरे-धीरे पब्लिक इस बात की ओर लापरवाह होती जा रही है लोग सही तरह से मास्क नहीं लगाते हैं. भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में भी यही आलम देखने को मिल रहा है पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा और कारगर तरीका यही है कि मास्क का सही इस्तेमाल करें, उसे बार-बार न छूएं और समय-समय पर उसकी सफाई का ध्यान रखें. इस तरीके से कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है.
रूटीन चेकअप के लिए आने वाले मरीजों की बढ़ी संख्या
कोरोना संक्रमण के चलते दिल की बीमारी के जो मरीज पहले अस्पतालों में नहीं जा रहे थे, वह भी अब अपना रूटीन चेकअप करवाने अस्पताल पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही टेलीमेडिसिन के जरिए भी मरीज डॉक्टर से परामर्श ले रहे हैं. शहर के निजी और शासकीय अस्पतालों में सामान्य दिनों के मुकाबले करीब 40% ज्यादा दिल के मरीज अस्पताल आ रहे हैं, वहीं अस्पताल आने से बचने के लिए टेलीमेडिसिन के जरिए सलाह लेकर सावधानी रख रहे हैं.