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...तो इस वजह से हो रही है West MP में भारी बारिश, अगस्त के तीसरे हफ्ते में फिर दिख सकता है ऐसा ही मंजर

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Published : Aug 4, 2021, 9:52 PM IST

एमपी में लगातार हो रही तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है. एमपी के पश्चिमी इलाकों कम वायुदाब होने के चलते हालात बद से बदतर हुए हैं. वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त के तीसरे हफ्ते में हिंद महासागर में आ रहे ऑसिलेशन से मध्य एमपी में तेज बारिश होगी.

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एमपी में भारी बारिश

हैदराबाद। बीते पांच दिनों से पश्चिमी मध्य प्रदेश (West Madhya Pradesh) में जोरदार बारिश हो रही है. आलम यह है कि कई इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इतनी बारिश होने का बड़ा कारण कम वायुदाब (low-pressure area) का बनना है. लगातार हो रही बारिश को देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) को एक से तीन अगस्त तक एमपी के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी करना पड़ा. बीते 24 घंटे में मंगलवार सुबह तक प्रदेश के कई भागों में 200 एमएम से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. वहीं शिवपुरी और गुना में 470 एमएम बारिश दर्ज हुई है.

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एमपी में जल प्रलय से मची त्राही-त्राही.

पांच अगस्त तक होगी तेज बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को वायुदाब कमजोर पड़ गया, जिससे प्रदेश में बारिश की रफ्तार बीते दिनों के मुकाबले कम रही है. हालांकि प्रदेश में 5 अगस्त तक कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश और कुछ में भारी बारिश होने का अनुमान है. इसे देखते हुए पश्चिमी मध्य प्रदेश में ओरेंज अलर्ट (orange alert) जारी कर दिया गया है.

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बाढ़ में फंसे लोगों को देवदूत बनकर निकाल रही सेना.

हिंद महासागर में आ सकता है ऑसिलेशन
वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी मध्य प्रदेश से बारिश उतरने के बाद अगस्त के मध्य तक उत्तर और मध्य एमपी में जोरदार बारिश होगी. बताया जा रहा है कि अगस्त के तीसरे हफ्ते तक हिंद महासागर में मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (Madden–Julian Oscillation) आ सकता है, जिससे और जोरदार बारिश होगी. हालांकि वर्तमान पूर्वानुमान के अनुसार बुधवार से बारिश सामान्य होती जाएगी, जो लगभग 50-80 एमएम के बीच रहेगी.

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पश्चिमी एमपी के कुछ इलाकों में 800 एमएम दर्ज की गई बारिश.

बारिश से जनजीवन प्रभावित
मध्यप्रदेश के इलाकों में हुई भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. ग्वालियर, भिंड, गुना, मुरैना जिलों में भारी बारिश से करीब 240 गांव बाढ़ से घिरे हैं. इन इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना मोर्चा संभाले हुए हैं. यहां से अभी तक करीब 5850 लोगों को रेस्क्यु कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं 1400 लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यु किए जाने का प्रयास किया जा रहा है.

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एमपी में बाढ़ से तीन पुल बह गए.

एमपी में बारिश से 11 लोगों की हुई मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंबल संभाग बाढ़ से अधिक प्रभावित हुआ है. वहीं शिवपुरी में सोमवार सुबह से ही मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रभावित रही. अब तक प्रदेश में बारिश के कारण 11 लोगों की मौत हुई है. वहीं इस मानसून सीजन में अब तक बिजली गिरने से 58 लोगों की जानें गई हैं, जबकि 24 लोग घायल हुए हैं.

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एमपी में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट किया जारी.

चार हजार लोगों का किया रेस्क्यू
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे 4 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है. लोगों को राहत कैंपों में पहुंचा दिया गया है, जहां लोगों के खाने की व्यवस्था कर दी गई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद नुकसान का सर्वे शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए एसडीईआरएफ (SDERF) की 70 टीमें और तीन एनडीईआरएफ (NDERF) की टीमें लगी हैं. वहीं सेना भी अपनी ड्यूटी निभा रही है. इससे पहले भारतीय वायु सेना ने चोपर से लोगों का रेस्क्यू किया था.

दतिया में बाढ़ से दो पुल बहे.

मध्य प्रदेश में बारिश और बिजली गिरने से अब तक 69 की मौत, 1171 ग्राम प्रभावित

बता दें कि इस बार मानसून 10 जून को आया था, जो सामान्य वर्षों के मुकाबले 10 दिन पहले था. पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य वर्षों में होने वाली 424 एमएम बारिश से कहीं ज्यादा तीन अगस्त तक 520 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है, जबकि अभी मानसून चल रहा है.

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