भोपाल। धनतेरस के साथ शुरू हुए दीपावली (Diwali 2021) के त्योहार पर मिठाइयों की खास डिमांड रहती है. लोगों की डिमांड को देखते हुए तरह-तरह की मिठाइयां तैयार की जाती हैं. मिठाइयों की इन वैरायटी (Variety of sweets) के बीच सोने के वर्क चढ़ी मिठाई लोगों के बीच आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है. प्योर पिशोरी पिस्ता और केसर की बनी इस मिठाई की कीमत भी अपनी खासियत के मुताबिक है. करीब 250 ग्राम मिठाई की कीमत 4200 रुपये है. इसका नाम गोल्ड प्लेटर दिया गया है.
इसलिए खास है यह मिठाई
सूखे मेवों की सबसे पुरानी किस्मों में पिस्ता का नाम भी शामिल है. ऐसे ही पिशोरी पिस्ता का उपयोग करके भोपाल की एक प्रतिष्ठित मिठाई की दुकान पर इससे बनी मिठाई तैयारी की गई है. दुकान के मैनेजर विशाल गनवीर कहते हैं कि यह मिठाई पूरी तरह से पिशोरी पिस्ता से बनाई गई है. इसके बाद इसके ऊपर सोने का वर्क चढ़ाया गया है. इसके आसपास डेकोरेशन के लिए रोज ड्राई फ्रूट्स के 20 लड्डू भी रखे गए हैं.
4200 रुपए रखी गई मिठाई की कीमत
इसका कुल वजन करीबन साढ़े तीन सौ ग्राम है, जबकि यदि सिर्फ गोल्ड वर्क मिठाई (Sweet with Gold work) की बात करें, तो इसका वजन करीबन 250 ग्राम है. जिसके आठ अलग-अलग पीस हैं. इस मिठाई की आकर्षक तरीके से पैकिंग की गई है. इस तरह करीब 350 ग्रामी वजन की इस मिठाई की कीमत 4200 रुपए रखी गई है. यदि सिर्फ गोल्ड वर्क मिठाई की एक किलो की कीमत का आकलन करें तो यह करीब 16,800 रुपए किलो है. बताया जाता है कि दुकान संचालक ने इस तरह के करीब दो दर्जन गोल्डन वर्क मिठाई के पैकेट तैयार कराए हैं.
ऐसे बनाई जाती है मिठाई
इसे बनाने के लिए नाॅन स्किट को मीडियम आंच पर रखा जाता है. फिर इसमें चीनी और पानी डालकर उबाला जाता है. इसमें उबाल आने पर इसमें काजू, पिशोरी पिस्ता और केसर डाल जाता है. इस मिश्रण को कुछ समय तक चलाया जाता है. जब यह पूरी तरह से अच्छे से मिल जाता है, तो फिर इस पेस्ट को करीबन 10 से 12 मिनट तक पकाया जाता है. अब इसे बड़ी परात में घी डालकर उसमें रखा जाता है और फिर शेप दिया जाता है. इसके बाद इस पर सोने का वर्क चढ़ाकर चाकू की मदद से इसके अलग-अलग पीस किए जाते हैं.
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आयुर्वेद के हिसाब से इम्युनिटी बढ़ाता है सिल्वर और गोल्ड वर्क
माना जाता है कि मिठाइयों पर वर्क का उपयोग स्वास्थ्य को लाभ देता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ डाॅ.शशांक झा कहते हैं कि आयुर्वेद में कहा जाता है कि 'रजत भस्म दे तेज दिमाग, स्वर्ण भस्म दे सोने जैसा तन'. इन दो धातुओं को औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. स्वर्ण वर्क वाली मिठाई खाने से निश्चित रूप से इसका स्वास्थ्य लाभ होगा. देखा जाए तो राजशाही समय में सिल्वर और गोल्ड वर्क का उपयोग दो वजह से होता है. पहला एक तो खाना गर्म और नर्म रखने के लिए और दूसरा यह चेक करने के लिए कि किसी ने खाने के साथ कोई छोड़खानी तो नहीं की है.