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आईटी दस्तावेजों में दिग्गजों के नाम आने के बाद सियासी उथल-पुथल ! EOW दर्ज कर सकती है FIR

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Published : Dec 21, 2020, 7:01 AM IST

Updated : Dec 21, 2020, 11:44 AM IST

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के इस्तेमाल मामले में CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) की रिपोर्ट आने के बाद अब इस मामले में आज ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज कर सकती है. मामला दर्ज होने के बाद प्रदेश के कई नेता, मंत्री और विधायकों से पूछताछ हो सकती है.

EOW
ईओडब्ल्यू

भोपाल। मध्य प्रदेश पोल कैश मामले में आज ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज कर सकती है. इस मामले से जुड़े दस्तावेज ईओडब्ल्यू की टीम के पास पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ईओडब्ल्यू इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी. मामला दर्ज होने के बाद प्रदेश के कई नेता, मंत्री और विधायकों से पूछताछ हो सकती है.

लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां पड़े छापों के मामले में आयकर विभाग की एक सूची सामने आई थी. इस सूची में 64 विधायकों के नाम और उनके आगे राशि लिखी हुई है. इसके अलावा कई विभागों के नाम भी इस लिस्ट में लिखे हुए हैं, लेकिन विभागों के मंत्रियों के नाम सूची में शामिल नहीं है. इसके अलावा कई कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी इस सूची में शामिल है. जिनसे पैसे लिए गए था तो वहीं 3 आईपीएस अधिकारियों के नाम के सामने 25-25 लाख रुपए लिखा हुआ था.

दिग्विजय सिंह कई नेताओं से हो सकती है पूछताछ

माना जा रहा है कि पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू जांच दर्ज करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कई नेता मंत्रियों और विधायकों से पूछताछ कर सकती है. आयकर विभाग की जो सूची सामने आई है इस सूची में दिग्विजय सिंह समेत 64 नेता, मंत्री और विधायकों के नाम शामिल है. इन नामों के आगे राशि भी लिखी हुई है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दिग्विजय सिंह समेत इन सभी नेताओं को लेन-देन का हिसाब किताब देना होगा.

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क्या है मामला

साल 2019 लोकसभा चुनाव के समय दिल्ली की इनकम टैक्स विभाग की टीम ने मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान कई दस्तावेज और फाइलें जब्त की गई थी. आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने इन दस्तावेजों की जांच कर एक रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी है. चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक जांच दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अब यह दस्तावेज ईओडब्ल्यू की टीम के पास पहुंच चुके हैं और माना जा रहा है कि आज को ईओडब्ल्यू की टीम इस मामले में प्राथमिक जांच दर्ज कर सकती है.

आयकर विभाग ने 14 करोड रुपए की बेहिसाब नकदी, डायरियां, कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थीं. इन्ही दस्तावेजों में करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब दर्ज था. दस्तावेजों में यह प्रमाण भी मिला कि 20 करोड़ रुपये की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजी गई. इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन का पुख्ता प्रमाण आयकर विभाग को मिला है. यह रुपए अलग-अलग कारोबारी नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों से एकत्र किया गया था और हवाला के जरिए दिल्ली तुगलक रोड स्थित राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय भेजा गया.

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पोल कैश मामले पर दिग्विजय का बयान

पोल कैश माला सामने आने के बाद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर मेरा नाम आया है तो जांच करा लें हम किसी भी जांच से डरते नहीं हैं.

निष्पक्ष होगी मामले की जांच

जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था कि सभी बिंदु जांच के विषय है. जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है. जांच निष्पक्ष होगी. अगर इसमें कोई दोषी पाया जाता है, तो उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.

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कानून करेगा अपना काम

वहीं पोल कैश मामले में सीएम शिवराज ने कहा था कि मैं एक ही बात कहता हूं कि कानून अपना काम करेगा.

Last Updated : Dec 21, 2020, 11:44 AM IST
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