ETV Bharat / state

सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्रियों पर कार्रवाई को लेकर बोले वीडी शर्मा, 'किसी को नहीं बख्शा जाएगा, कमलनाथ इस्तीफा दें'

author img

By

Published : Dec 17, 2020, 4:02 PM IST

चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. शिकायत के बाद आयकर विभाग तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर छापेमारी की थी. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कमलनाथ से विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की है.

VD Sharma asked for resignation from Kamal Nath
वीडी शर्मा

भोपाल। केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. इन लोगों की 2019 के आम चुनावों के दौरान काले धन के इस्तेमाल में कथित भूमिका सामने आई थी. मामला आयकर विभाग द्वारा पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी और इस दौरान बरामद पैसों से जुड़ा हुआ है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस मामले को लेकर कमलनाथ से विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की है.

कमलनाथ इस्तीफा दें

बीजेपी सीबीडीटी की रिपोर्ट के बाद अब मध्य प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी है. भारतीय जनता पार्टी तत्कालीन कमलनाथ सरकार और उनके करीबी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है, जिसमें तात्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी आरके मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ कमलनाथ से जुड़ी मोजर बेयर कंपनी के रतुल पुरी, के अलावा अन्य लोगों पर सख्त कार्रवाई की बात कर रही है.

बीजेपी कार्यालय

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है, कमलनाथ सरकार ने 15 माह में जो भ्रष्टाचार किए हैं. वह अब सबके सामने आने लगे हैं, किस तरीके से पैसों का लेनदेन होता था और भोपाल से दिल्ली तक करोड़ों रुपए भेजा जाता था. इसके साथ ही जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. उन पर भी सख्त कार्रवाई होना चाहिए.

किसी भी नहीं छोड़ा जाएगा

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आयकर छापे के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके करीबियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, इसके साथ ही तत्कालीन कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थकों पर कार्रवाई के सवाल को लेकर वीडी का कहना है, किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा. आपको बता दें, उस दौरान महिला एवं बाल विकास और परिवहन एवं राजस्व विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था, जिसके मंत्री सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और इमरती देवी थीं.

पढ़ेंः कमलनाथ के करीबियों से बरामद कैश मामले में EC ने FIR दर्ज करने को कहा

लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था, जिसमें करीब 281 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप थे. और सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र जारी किया है, जिसमें तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एक एसपीएस अधिकारी खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

समझें पूरा मामला

  • चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. इन पर आम चुनाव 2019 के दौरान काले धन के इस्तेमाल करने का आरोप है. शिकायत के बाद आयकर विभाग तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर छापेमारी की थी.
  • आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को इन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई शुरू करने को कहा है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को इस मामले में शामिल राज्य पुलिस अधिकारियों पर समान कार्रवाई करने को कहा है.
  • चुनाव आयोग ने कहा कि उसने यह कार्रवाई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की उस रिपोर्ट के बाद की है, जिसमें एजेंसी ने पूरे मामले को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी. सीबीडीटी ने आयकर विभाग के तलाशी अभियान की जानकारी दी थी. इसमें आम चुनाव के दौरान बेहिसाब नकदी के उपयोग की खबरें आई थीं. सीबीडीटी आयकर विभाग की प्रशासनिक ऑथोरिटी है.
  • आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट ने आयोग को कुछ निश्चित संस्थाओं और व्यक्तियों के बारे में सूचित किया था, जो किसी एक राजनीतिक पार्टी के कहने पर अनधिकृत ढंग से बड़ी मात्रा में नकद योगदान कर रहे थे. छापेमारी के दौरान इसकी पुष्टि भी हो गई थी.
  • हालांकि, चुनाव आयोग ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस का नाम बताया जा रहा है.
  • रिपोर्ट में विशेष रूप से अनधिकृत या बेहिसाब नकद लेन-देन में सार्वजनिक या सरकारी कर्मचारियों के सांठगांठ के उदाहरणों का उल्लेख है.
  • सीबीडीटी ने 28 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंपी थी. चुनाव आयोग ने इस रिपोर्ट की प्रतिलिपि मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दी है. आयोग ने राज्य के सक्षम प्राधिकारी (आर्थिक अपराध शाखा) के सामने मामला दर्ज करने को कहा है.
  • जिन तीन आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगे हैं, वे हैं- सुषोवन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार. राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा का नाम शामिल है.
  • आयकर विभाग ने पिछले साल अप्रैल में मध्य प्रदेश और दिल्ली में 52 स्थानों पर छापे मारे थे. जिनके यहां छापेमारी की गई थी, उनमें कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्वनी शर्मा और उनके साले की फर्म मोजर बेयर, उनके भतीजे रतुल पुरी और अन्य कंपनी से जुड़े अधिकारी शामिल थे.
  • सीबीडीटी ने 8 अप्रैल को एक बयान में कहा था कि छापेमारी में 14.6 करोड़ नकद बरामद किए गए थे. इसके अलावा कई डायरी और कंप्यूटर फाइलें बरामद की गईं.
  • आरोप ये भी लगा कि 20 करोड़ रुपये दिल्ली में एक पार्टी के दफ्तर ले जाने की तैयारी थी.
  • छापेमारी के दौरान 281 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी के संग्रह की सुव्यवस्थित रैकेट का भी पता चलने का दावा किया गया. इसमें राजनीति, व्यापारी और सरकारी सेवा से जुड़े तंत्र की बात कही गई थी.
  • कमलनाथ ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.