भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में शुक्रवार को सीएम हाउस के बाहर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (digvijay singh protest in bhopal) धरने पर बैठ गए. करीब ढाई घंटे बाद सीएम हाउस की ओर से बिना किसी लिखित आश्वासन के दिग्विजय सिंह धरने से उठ भी गए. जबकि कुछ समय पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज से स्टेट हैंगर पर मुलाकात की थी.
धरने पर क्यों बैठे दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह डूब प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj meeting digvijay singh in bhopal) से मिलना चाह रहे थे. सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज ने किसानों से मुलाकात का 21 जनवरी का समय दिया था, लेकिन 20 जनवरी को पता चला कि मुख्यमंत्री व्यस्त हैं. उन्होंने मिलने से मना कर दिया. इससे खफा होकर किसानों के साथ धरना दिया.
क्या रहा दिन भर का घटनाक्रम, समझें
धरना देने के लिए दिग्विजय सिंह किसानों के साथ लगभग 10 बजे के आसपास निकले. सुबह जब 10:30 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला दिग्विजय सिंह के सामने से गुजरा, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम को रोकने की कोशिश की. पुलिस ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को रोका. इसी बीच दिग्विजय सिंह सीएम शिवराज से मिलने के लिए कार पर बैठ गए, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आगे जाने से रोका. बाद में 11:15 बजे दिग्विजय सिंह सीएम हाउस की तरफ रवाना हुए और दूरदर्शन चौराहे पर लगी बैरिकेडिंग के पास धरने पर बैठ गए.
कमलनाथ से मिले सीएम शिवराज
एक ओर जहां सीएम शिवराज (kamalnath and shivraj meeting in bhopal) कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को मिलने का समय नहीं दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर वह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से 15-15 मिनट स्टेट हैंगर पर खड़े होकर बात कर रहे हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्टेट हैंगर पर हुई इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यहां दोनों की धरने और किसानों को लेकर बात भी हुई.
दो फाड़ तो नहीं हो रही कांग्रेस !
बकौल कमलनाथ, सीएम शिवराज सिंह चौहान से दिग्विजय सिंह के धरने को लेकर चर्चा हुई, लेकिन धरना स्थल पर आने पर हकीकत पता चली. कमलनाथ का यह बयान कांग्रेस की अंतर्कलह को प्रदर्शित करता है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से 15 मिनट की चर्चा और दिग्विजय सिंह को समय न देने से लग रहा है कि प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति दो फाड़ होती नजर आ रही है.