सीएम शिवराज ने प्रदेश के शिक्षकों से किया संवाद, कहा- नई शिक्षा नीति से होंगे महत्वपूर्ण परिवर्तन

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Published : Sep 6, 2020, 7:22 AM IST

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के शिक्षकों के साथ सीधा संवाद किया है. इस दौरान सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य को बेहतर बनाने के लिए शीघ्र ही ठोस कदम उठाए जाएंगे.

भोपाल। केंद्र सरकार के द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति एवं स्कूलों की फीस के संबंध में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के शिक्षकों के साथ सीधा संवाद किया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर भी शिक्षकों से चर्चा की है. इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत मौजूद रहे. इस दौरान सीएम ने कोरोना संकट काल के दौरान प्रदेश में 'हमारा घर हमारा विद्यालय' जैसे कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षकों की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा है कि निश्चित रूप से ये संकट काल के दौरान बहुत ही सराहनीय कार्य शिक्षकों के द्वारा किया गया है.

सीएम ने प्रदेश के शिक्षकों से किया संवाद

इस दौरान उन्होंने शिक्षकों से संवाद करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य को बेहतर बनाने के लिए शीघ्र ही ठोस कदम उठाए जाएंगे. शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य पूर्ण हों और विद्यार्थी शिक्षा हासिल करने के बाद रोजगार के लिए तैयार हो जाएं, इस दृष्टि से नई शिक्षा नीति के मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास होंगे. शिक्षा जगत का परिदृश्य सकारात्मक रूप से परिवर्तित करने के प्रयास होंगे.

नई शिक्षा नीति के मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास किए जाएंगे. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मैप के अंतर्गत भी शिक्षा के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श कर क्रियान्वयन की तैयारी की गई है.

व्यवसायिक शिक्षा कक्षा छठवीं से प्रारंभ होगी जो विद्यार्थियों के लिए जीवन भर उपयोगी सिद्ध होगी. नए विद्यालयों के प्रारंभ करने के बारे में भी विचार-विमर्श कर ऐसा प्रयास किया जाएगा कि 10-12 ग्रामों के बीच एक विद्यालय हो, जहां आने-जाने के लिए बस सुविधा उपलब्ध होगी.

लाइब्रेरी के साथ ही दक्ष शिक्षक, संगीत, नृत्य, योग और भारतीय संस्कार की शिक्षा देंगे. विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो, बेरोजगारी दूर हो ये प्रयास रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें साकार किया जाएगा.

शिक्षकों का मान सम्मान बढ़ाने के प्रयास-

सीएम ने कहा कि शिक्षकों का मान सम्मान बढ़ाने के प्रयास होंगे. शिक्षकों का शोषण न हो, इसके साथ ही निजी विद्यालय द्वारा शिक्षण शुल्क के संबंध में सुधार के लिए कानूनी प्रावधान किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने डॉक्टर राधाकृष्णन के चरणों में प्रणाम करते हुए राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय पुरस्कार पाने वाले सभी शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं.

शासकीय विद्यालयों में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर परिणाम-

सीएम ने कहा कि वो स्वयं एक सरकारी विद्यालय में पढ़ चुके हैं. प्राथमिक स्तर पर प्राप्त शिक्षा पूरे जीवन में उपयोगी होती है. मुख्यमंत्री ने अपने शिक्षक रतनचंद जैन का भी स्मरण किया. सीएम ने कहा कि शिक्षा के तीन प्रमुख उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार हैं. जिन्हें दिलवाने में शासकीय विद्यालय भी काफी सफल रहे हैं. अनेक शासकीय विद्यालयों में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं. इसके लिए ये संस्थाएं बधाई की पात्र हैं.

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