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Tiger Deaths in MP: भोपाल रेंज में 40 के करीब बाघ, टाइगर मौत के मामले में भी MP नंबर 1

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Published : Apr 9, 2023, 2:29 PM IST

Updated : Apr 9, 2023, 8:30 PM IST

मध्य प्रदेश के लिए टाइगर स्टेट को लेकर खुशखबरी मिल सकती है. लेकिन दुख की बात यह है कि 2022 में 34 बाघों की मौत हो चुकी है. जिसमें सबसे ज्यादा बाघों को करंट से मारा गया है.

tiger census 2023
एमपी में 2021 में 31 बाघों की मौत

भोपाल। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मध्यप्रदेश में बाघों की मौत कर्नाटक के मुकाबले ज्यादा हुई है. 2018 में जब बाघों की गिनती हुई थी तो मध्य प्रदेश सिर्फ दो बाघों के अंतर से बाजी जीत गया था. 526 बाघ एमपी में थे तो वहीं 524 कर्नाटक में पाए गए. मध्यप्रदेश में 526 बाघ 2018 में पाए गए थे. लेकिन प्रदेश के लिए अच्छी बात यह है कि यहां पर तेन्दुओं की संख्या भी काफी ज्यादा है. विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अभी 3424 दिन हुए हैं और विभाग मानता है कि यह संख्या 4 साल में और भी बढ़ गई है.

31 tigers died in MP in 2021
बाघों के आंकड़े
31 tigers died in MP in 2021
बाघों के आंकड़े

भोपाल ऐसा शहर जहां इंसान और बाघ रहते हैं साथ: एक तरफ प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ रही है. वहीं, भोपाल इससे अछूता नहीं है. भोपाल जिले की सीमा में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक क्षेत्र में 15 से ज्यादा बाघ हैं. अब यहां 40 बाघ हो गए हैं. सरकारी और निजी संस्थानों ने इनके इलाकों पर कब्जा कर रखा है. भोपाल का मेनिट परिसर और भोज विश्वविद्यालय के साथ-साथ वाल्मी जैसे संस्थानों का एक बड़ा हिस्सा टाइगर टेरिटरी में है. इसीलिए अक्सर इन इलाकों में बाघ के दर्शन हो जाते हैं.

भोपाल में बाघ ने इंसान पर हमला नहीं किया: रिसर्च में सामने आया की बाघ और इंसानों के बीच हमले न होने के कारण, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के छात्रों ने रिसर्च में पाया की भोपाल में बाघिन और यहां के शावकों में सहनशीलता विकसित हो गई है. अब वे इंसानों के बीच खतरा महसूस नहीं करते. बाघ में एक परिवर्तन देखने को मिला है. इंसानी टकराव से बचने के लिए वह ऐसे समय निकलते हैं जब इंसानों का आवागमन कम हो जाता है. पूर्व वन अधिकारी एके खरे कहते हैं कि भोपाल में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन चिंता की बात यह है कि उनके रहवास में इंसानी दखलअंदाजी बढ़ गई है.

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बाघों की मौत के मामले में भी एमपी नंबर 1: एक तरफ मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट का दर्जा फिर से हासिल करने जा रहा है. लेकिन वहींं, दूसरी तरफ बाघों की मौत के मामले में भी मध्यप्रदेश नंबर एक है. पिछले 7 सालों में मध्यप्रदेश में 200 से ज्यादा बाघों की मौत हो चुकी है. 2021 में 31 बाघों की मौत हुई थी
जबकि 2022 में 34 बाघों की मौत हो चुकी है.

Last Updated :Apr 9, 2023, 8:30 PM IST
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