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नगर निगम परिषद की बैठक में हंगामा, सदन में पक्ष-विपक्ष ने खींची एक दूसरे की टांग, निगम कर्मचारियों ने की नारेबाजी

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Published : Jan 21, 2023, 3:28 PM IST

भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गई. विंड एनर्जी के मामले को लेकर बैठक शुरू होने के पहले ही महापौर ने अपनी बात रखी, तो कांग्रेस पार्षदों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. इस मामले को एजेंडे से हटाते हुए नवीनीकरण ऊर्जा के अधिकारियों की एक टीम बनाकर इसमें जानकारी हासिल करने की बात कही गई है. नगर निगम मुख्यालय के बाहर दैनिक वेतन भोगियों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की.

Bhopal Nagar nigam
भोपाल परिषद की बैठक में हंगामा

भोपाल परिषद की बैठक में हंगामा

भोपाल। नगर निगम परिषद की बैठक राजधानी के आईएसबीटी स्थित निगम मुख्यालय में शुरू हुई. विंड एनर्जी के नीमच स्थित प्लांट पर हंगामे की आसार को देखते हुए इस पूरे मामले को शांत करने की कोशिश की गई. इसके लिए बैठक शुरू होने से पहले ही महापौर मालती राय ने अपनी बात रखी और कहा कि, विंड एनर्जी प्रोजेक्ट में निगम को फायदा ही होगा, लेकिन कांग्रेस के विरोध और अन्य बातों को लेकर विरोध सामने आता रहा. इसके बाद निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इसके लिए नवीनीकरण ऊर्जा के अधिकारियों की एक टीम आकर निरीक्षण करेगी. इसके बाद ही आगे की प्रोसेस हो पाएगी. इस जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा कर दिया.उनका कहना था कि फिलहाल तो यह मामला टाल दिया गया है लेकिन आगे विंड एनर्जी की प्रोसेस जारी रहेगी या नहीं यह क्लियर नहीं है.

पत्रकारों ने जताई आपत्ति: पार्षदों के परिजनों का पत्रकार दीर्घा में बैठने पर कुछ देर के लिए परिषद में विरोध हुआ. पत्रकार दीर्घा में पार्षदों के परिजनों और सहयोगी के बैठने के कारण मीडिया को जगह नहीं मिलने पर पत्रकारों ने इस पर आपत्ति ली. इसको लेकर आसंदी से निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने निर्देश देते हुए कहा कि अगली बैठक में पत्रकार और पार्षदों के परिजनों के बैठने या सहयोगीयों के बैठने की अलग से व्यवस्था की जाएगी. अवैध टावरों को लेकर भी कांग्रेस पार्षद अजीजुद्दीन में अपनी बात रखी है. उनका कहना था कि शहर में 500 से 600 के बीच अवैध टावर लग चुके हैं. जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत है. इस पर निगम अध्यक्ष ने आसंदी से निर्देश देते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो इसकी शिकायत लोकायुक्त में भी की जाएगी.

सदन में पक्ष-विपक्ष ने खींची एक दूसरे की टांग

विकास कार्यों में खर्च की मांगी जानकारी: नगर निगम परिषद की बैठक में भोपाल में शिक्षा उपकर का भी मामला उठा. कांग्रेस विधायक गुड्डू चौहान ने प्रश्न प्रस्तुत करते हुए कहा कि भोपाल के किन वार्डो में शिक्षा का उपकर, कितनी राशि से वार्ड में विकास कार्य के लिए खर्च किया जा रहा है. इस संबंध में जानकारी दी जाए, क्योंकि इसकी जानकारी किसी के पास होती ही नहीं है. जबकि नगर निगम की भूमि जो ग्लू फैक्ट्री लगाने के लिए लीज पर दी गई थी. उसका कार्य कब परिवर्तन किया गया. इस बारे में भी जानकारी गिरजा खटीक ने मांगी. उनका कहना था कि नियम को तोड़ मरोड़ कर यहां पर कई शोरूम विकसित कर दिए हैं.

यह रखे गए प्रश्न: वार्ड 23 की लईका रफीक कुरैशी ने प्रश्न रखा कि नगर निगम के अंतर्गत वर्ष दो 2018,19 में सीवेज नेटवर्क फैलाने हेतु केंद्र और राज्य सरकार से निगम को कितनी राशि प्राप्त हुई. वार्ड 35 की पार्षद शिरीन खान ने नगर निगम भोपाल के अंतर्गत विधानसभा स्ट्रीट लाइटों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी और वर्ष 2020 और 21, 22 में विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइटों के बिल ,भुगतान, पेनल्टी के संबंध में जानकारी मांगी.

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निगम कर्मचारियों ने की नारेबाजी

पीएफ की मांगी जानकारी: नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जैकी ने नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों का कितना पीएफ काटा जाता है और कितने वर्षों से काटा जाता है और कौन से खाते में जमा किया जाता है या नहीं. तथा एलआईसी की किश्त कितने वर्ष एवं माह से नहीं भरी गई इस संबंध में जानकारी मांगी. वार्ड 43 की पार्षद नसीम गफूर ने 2019 से अब तक नगर निगम भोपाल द्वारा कितने चलित हाथ ठेले, गुमठियां, अतिक्रमण के संबंधित सामग्री जब्त की गई. किस सक्षम अधिकारी द्वारा के स्तर पर इसे नीलाम किया गया इसकी सूची मांगी. वार्ड 78 के पार्षद मोहम्मद रियाज ने नगर निगम सीमा अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड, BDA कॉलोनी जो निगम के अधीन आती है उन से कितनी राशि प्राप्त हुई जिसको पटल पर रखने की मांग की. वार्ड 42 के पार्षद अजीजुद्दीन ने नगर निगम की सार्वजनिक कार्य में ली जाने वाली चल मशीनों के संबंध में जानकारी मांगी. लालघाटी स्थित शादी हॉल की संख्या तथा सीवेज के संबंध में भी जानकारी मांगी. वार्ड 8 की पार्षद रेहाना सुल्तान ने डीजल से संबंधित अनियमितताओं के कारण पूर्व आयुक्त महोदय द्वारा हटाए जाने के पश्चात पुनः एक ही अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर पाने के नियम सरकुलेशन के संबंध में जानकारी मांगी.

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बाहर भी हंगामा: इधर नगर निगम में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर शामिल दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने नगर निगम मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि पिछले कई महीनों से इन्हें तनख्वाह नहीं मिली है और जब भी तनखा मिलती है 2 से 4 महीने के अंतराल के बाद ही मिलती है ।ऐसे में शहर को स्वच्छ बनाने के लिए किए जाने वाले प्रयास कैसे कारगर होंगे.

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