भोपाल। आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का उपचार करने वाले प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने समय पर भुगतान नहीं होने से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका आरोप है कि 3 से 15 महीने तक का भुगतान रुकने से निजी अस्पताल संचालकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. इससे उन्हें अस्पताल के संचालन में काफी परेशानी आ रही है. यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने 15 अप्रैल से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं करने का ऐलान किया है.
इलाज बंद करने की दी चेतावनी: आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं करने की घोषणा के साथ एसोसिएशन के पदाधिकारी बड़ी संख्या में राजधानी के आयुष्मान भारत के दफ्तर पहुंचे. यहां ज्ञापन सौंपकर उन्होंने जल्द मांगों का निराकरण करने की मांग की. पदाधिकारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. इनका कहना है कि अगर 15 अप्रैल तक भुगतान नहीं होता है, तो वह शाम 5:00 बजे के बाद आयुष्मान कार्ड से इलाज बंद कर देंगे. इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
इतना भुगतान बाकी: भोपाल के निजी अस्पतालों के पदाधिकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में नर्सिंग स्टाफ के साथ महिला चिकित्सक भी शामिल हुईं. एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें तो 3 से लेकर 15 महीने तक का भुगतान अभी बाकी है. डॉ. जिशान अहमद ने बताया कि भोपाल के 100 करोड़ और पूरे मध्यप्रदेश में 600 करोड़ रूपए का भुगतान होना शेष है.
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डॉक्टर झेल रहे आर्थिक संकट: भुगतान नहीं होने से अस्पताल के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. इससे आगे सेवाएं देना संभव नहीं है. डॉ. जिशान अहमद ने साफ कर दिया है कि सरकार अगर 31 मार्च 2023 तक पेमेंट नहीं करती है तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे. आपको बता दे कि भुगतान नहीं होने से आर्थिक संकट झेल रहे रीवा जिले के सभी निजी चिकित्सालयों ने 10 अप्रैल से आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर दिया गया है.