World AIDS Day 2021: भिंड में 150 HIV पॉजिटिव महिलाओं से बच्चे में नहीं फैला संक्रमण, ग्वालियर में भी बदली तस्वीर

author img

By

Published : Dec 1, 2021, 6:29 PM IST

World AIDS Day 2021

World AIDS Day 2021: एमपी के कई जिलों में एड्स मरीजों (MP AIDS Patient) को लेकर तस्वीर बदली है. भिंड के स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता फैलाने के साथ-साथ जहां गर्भवती महिलाओं से उनके बच्चों में संक्रमण फैलने से रोका, वहीं ग्वालियर में एड्स मरीजों (Gwalior AIDS Patient ) की संख्या में कमी आई है.

भिंड/ ग्वालियर। World AIDS Day 2021: एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका फिलहाल कोई इलाज नहीं है और ये एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन एड्स एचआईवी पॉजिटिव लोगों के छूने से नहीं फैलती है. इस बीमारी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है, जिसे दूर करने और जागरूकता के लिए विश्व एड्स दिवस हर साल मनाया जाता है. एमपी के भिंड ज़िले में भी कई मरीज एड्स जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. एड्स दिवस विशेष पर आपको बताते हैं कि किस तरह भिंड ने इन मरीजों के इलाज और गर्भवती महिलाओं से बच्चे में इसे फैलने से रोकने में मिसाल पेश की है. वहीं ग्वालियर से राहत वाली खबर ये है कि जिले में एड्स के मरीजों की संख्या कम हुई है.

विश्व एड्स दिवस



AIDS के प्रति जागरूकता ज़रूरी (AIDS awareness important)
भिंड ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि एड्स के प्रति लोगों की धारणा गलत हो जाती है, इसके लिए जागरूकता ज़रूरी है. सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एचआईवी-एड्स के प्रति जागरूकता के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. जिसमें लोगों को बताया जाता है कि किस तरह सावधानियां बरत कर इस बीमारी से बचा जा सकता है. इस बीमारी से बचाव ही सबसे बेहतर तरीका है.

हर गर्भवती का कराया जाता है HIV Test

सीएमएचओ डॉ मिश्रा के मुताबिक, एड्स को फैलने से रोकने के लिए सावधानी ही एक मात्र उपाय है. भिंड जिले में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि कोई भी स्वास्थ्यकर्मी या अन्य व्यक्ति किसी HIV पॉजिटिव मरीज से संक्रमित न हो, इसके लिए गर्भवती महिलाओं का भी प्रसव से पहले HIV टेस्ट कराया जाता है. ये सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ही नहीं बल्कि होने वाले बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है, क्योंकि अगर कोई प्रसूता HIV पॉजिटिव है तो उसके होने वाले बच्चे को संक्रमण न हो जाये इस बात की पूरी तैयारी पहले से व्यवस्थित की जाती है और सुरक्षित प्रसव कराया जाता है.

Betul Major Road Accident दर्दनाक हादसे में 6 की मौत 16 घायल, सीएम ने दिए मदद के निर्देश

करीब 150 HIV गर्भवतियों के बच्चों को नहीं होने दिया संक्रमित
इस सब में एक खास बात यह भी है कि भिंड ज़िले में स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता की मिसाल पेश की है, जहां एक HIV पॉज़िटिव मरीज के पास लोग जाने से भी डरते हैं, वहीं भिंड ज़िला अस्पताल में डॉक्टर्स अब तक करीब 100 से 150 HIV पॉज़िटिव गर्भवती महिलाओं (MP HIV positive Pregnant Lady) का सुरक्षित प्रसव करा चुके हैं. पहले से सावधानी और तैयारी के साथ प्रसव कराने से उनके बच्चों को संक्रमित होने से बचाने में भी कामयाबी मिली है. इस बात की जानकारी खुद CMHO ने बातचीत के दौरान दी है.

सात साल में 700 मरीज (Bhind AIDS Patient )
HIV एड्स बीमारी का अब तक कोई इलाज या वैक्सीन नहीं बनी है, ऐसे में संक्रमण से होने वाले खतरे और परेशानियों के लिए विशेष दवाएं मरीजों को दी जाती हैं. ज़िले में वर्तमान में 742 मरीज HIV ग्रसित हैं जिन्हें पहले इलाज के लिए जिले से बाहर ग्वालियर जाना पड़ता था, लेकिन अब भिंड ज़िला अस्पताल में ही DRD होने से इनके इलाज और दवाओं की व्यवस्था हो चुकी है. जहां इनकी पहचान गोपनीय रखकर इलाज में सहायता, समय-समय पर कॉउंसलिंग और दवाएं और शासन की योजनाओं का लाभ मुहैया कराया जाता है.

World AIDS Day 2021
AIDS के प्रति जागरूकता ज़रूरी
सावधानी ही संक्रमण के फैलाव से बचने का एक मात्र तरीका
डॉ अजीत मिश्रा कहते हैं कि एड्स यानी HIV संक्रमण फैलने के सिर्फ चार कारण होते हैं- जिनमें सबसे प्रमुख असुरक्षित यौन संबंध, दूसरा संक्रमित ब्लड चढ़ाना, तीसरा संक्रमित बायो मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आना. इन सभी से बचाव और सावधानी रख कर HIV के संक्रमण से बचा जा सकता है.
विश्व एड्स दिवस

ग्वालियर में घटे एचआईवी के मरीज (Gwalior AIDS Patient )

विश्व एड्स दिवस पर ग्वालियर के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. जिले में एचआईवी से पीड़ित रोगियों की संख्या लगातार घट रही है. साल 2020 में जहां 491 एचआईवी संक्रमित मिले थे, वहीं इस साल इनकी संख्या 322 पर आ गई है. यानी पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 169 रोगी कम मिले हैं. दूसरी तरफ एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से शिशु को होने वाला संक्रमण जीरो पर आ गया है. पिछले 4 साल में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है. इसकी दो वजह है पहली लोगों में एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ी है, वहीं दूसरी अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय की आरटीआई सेंटर में वायरल लोड टेस्टिंग के परिणाम बेहतर आए हैं. और दवा की गुणवत्ता भी सुधरी है जिस कारण और मरीजों को दिन में सिर्फ एक टेबलेट ही खानी होती है. एआरटी सेंटर के मुताबिक वर्तमान में 160 बच्चे ऐसे हैं जो गर्भवती मां से संक्रमित हुए है, लेकिन यह सभी 4 साल पहले के हैं.


जिले में एड्स मरीजों की संख्या

  • साल 2018 में 258 पुरुष और 170 महिलाओं के साथ ही 19 मेल चाइल्ड और 10 फीमेल चाइल्ड को मिलाकर 485 मामले सामने आएं.
  • साल 2019 में 327 पुरुष और 171 महिलाओं के साथ ही 15 मील चाइल्ड और 6 फीमेल चाइल्ड को मिलाकर 522 मामले सामने आएं.
  • साल 2020 में 301 पुरुष और 166 महिलाओं के साथ ही 16 मेल चाइल्ड और 5 फीमेल चाइल्ड को मिलाकर 491 मामले सामने आएं.
  • साल 2021 में 202 पुरुष 106 महिलाओं के साथ ही 9 मेल चाइल्ड और 5 फीमेल चाइल्ड को मिलाकर 322 मामले सामने आएं.

    नियमित दवा खाने से होता है लाभ
    गौरतलब है कि साल 2010 में जयारोग्य अस्पताल समूह में यह आर्टी सेंटर की शुरुआत हुई थी, उसके बाद से सेंटर में अब तक 5800 मरीज दर्ज है. इनमें 3000 मरीज ऐसे हैं जो नियमित दवा का सेवन कर रहे हैं और काउंसलिंग के लिए आते हैं. हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बताना चाहते हैं यदि मरीज नियमित दवा का सेवन कर रहा है तो अच्छा और खुशहाल जीवन जी सकता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.