ETV Bharat / state

Friendship Day 2023: कुंडली में दोस्ती की दिशा तय करते हैं ये खास ग्रह संयोग, जानिए ज्योतिष में दोस्ती का ग्रह-कनेक्शन

author img

By

Published : Jul 31, 2023, 8:10 AM IST

friendship and Astrology
कुंडली में दोस्ती की दिशा तय करते हैं ग्रह संयोग

Friendship and Astrology: हर जातक की कुंडली के भाव उसके जीवन की दिशा तय करते हैं. सेहत, धन, रिश्ते किस तरह के होंगे जन्म के समय ही ग्रह नक्षत्र पहले ही यह तय कर चुके हैं. लेकिन इनके साथ-साथ दोस्ती और दोस्तों का होना भी कुंडली पर ही निर्भर होता है. आइये इस फ्रेंडशिप डे पर ग्रह संयोग से जुड़ी इन बातों से समझिए ग्रह संयोग का गणित...

Friendship Day 2023: अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस यानि फ्रेंडशिप डे मनाने को लेकर इस वर्ष लोगों में काफी संशय बन हुआ है. जहां अमरीका समेत कई देशों में यह विशेष दिन 30 जुलाई को मनाया जा रहा है. वहीं भारत हमेशा की तरह इसे अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाएगा. जिसका मतलब है कि भारत में फ्रेंडशिप डे 6 अगस्त को मनाया जायेगा. इस दिन का महत्व दोस्तों से जुड़ा है. हमारे मित्र जो जीवन में बहुत मायने रखते हैं, जिनकी दोस्ती हमारे लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी सच्ची दोस्ती हम जीवनभर चाहते हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन खास मित्रगणों के पीछे भी कुछ खास ग्रह संयोग भी होते हैं जिनका कुंडली में होना सच्चे और अच्छे दोस्तों का साथ दिलाता है, या दोस्त दुश्मनी निभाता है.

कुंडली के ग्रह-संयोग बताते हैं जीवन में दोस्तों की दशा
-ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि यदि किसी जातक की कुंडली के एकादश भाव में सूर्य, चंद्रमा, बुध, बृहस्पति, और शुक्र की शुभ स्थिति हो तो व्यक्ति के जीवन में ऐसे दोस्तों का साथ मिलता है जो जीवन भर साथ रहते हैं.

-अगर कुंडली में सूर्य, चंद्रमा, बुध एकादश भाव के स्वामी हैं और वे अच्छी स्थिति में 1, 2, 4, 5, 7, 9, 10 और 11वें भाव में है या बुध शुक्र या बृहस्पति की नजर है तो जातक को जीवन में बहुत अच्छे दोस्तों का साथ मिलेगा.

-वहीं अगर कुंडली के एकादश भाव में कोई अशुभ ग्रह दसवें भाव के पास हो तब ऐसे जातक के अपने मित्र ही उसे बर्बाद कर देते हैं.

-जातक की कुंडली में एकादश भाव का स्वामी ग्रह छठवें, आठवें, या द्वादश यानी बारहवें भाव में मौजूद हो, या सूर्य द्वारा अस्त हो या किसी बीच राशि का हो तब जातक को दोस्तों से धोखा मिलता है.

-कुंडली में राहु केतु, मंगल, शनि जैसे अशुभ ग्रह दोस्तों द्वारा विश्वासघात के संकेत देते हैं, वहीं यदि चंद्र शनि से पीड़ित हो तब मित्रों और प्रेमियों की वजह से जीवन में कष्ट आने की आशंका रहती है. एकादश भाव में शनि का होना व्यापार और साझेदारी में दोस्त के द्वारा विश्वासघात करने का कारण बनता है.

-कुंडली के एकादश भाव में मंगल ग्रह का वास, गलतफहमी, कठोर वाणी और वाद-विवाद का कारण बन सकती है. इसकी वजह से जातक के रिश्तों में खटास आने की आशंका होती है.

Also Read:

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी पर आधारित है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.