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आरओ वाटर पाइपलाइन निर्माण कार्य में हो रहा जमकर घोटाला, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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Published : Oct 6, 2020, 1:06 PM IST

भिंड के मेहगांव कस्बे में नगर पालिका द्वारा आरओ वॉटर पाइपलाइन डेवलोपमेन्ट का काम करवाया जा रहा है, इस कार्य में जमकर घोटाले हो रहे हैं.

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आरओ वाटर पाइपलाइन निर्माण में घोटाला

भिंड। जनता की सुविधाओं के लिए सरकार विकास कार्य करवाती है, लेकिन भिंड के मेहगांव कस्बे में नगर पालिका द्वारा कराए जा रहे आरओ वॉटर पाइपलाइन डेवलोपमेन्ट वर्क में ठेकेदार टाटा कम्पनी द्वारा गुणवत्ताहीन और घटिया काम करवाया जा रहा है और प्रशासन को चुना लगाया जा रहा है. जिले में विकासकार्यों के तहत निर्माण कार्य इन दिनों जोरों पर है. मेहगांव कस्बे में भी नगर पालिका द्वारा आरओ वाटर पाइपलाइन बिछवाई जा रही है, जिसका ठेका टाटा कंपनी के पास है, लेकिन कंपनी ने खुद काम करने की बजाय पेटी कॉन्ट्रैक्टर रख लिए हैं. इसमें मुनाफाखोरी के लिए ये कॉन्ट्रैक्टर घट्टिया और गुणवत्ताहीन कार्य कर रहे हैं.

आरओ वाटर पाइपलाइन निर्माण में घोटाला

स्थानीय लोगों ने दी घटिया निर्माण की जानकारी

पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गयी सड़क पर पाइपलाइन के बाद पहले की तरह ही मरम्मत करने का क्लॉज है, लेकिन ठेकेदारों द्वारा घटिया पैचवर्क किया जा रहा है. गली में रहने वाले लोगों ने ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे काम को घटिया स्तर का काम बताया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पैचवर्क के लिए कम से कम 8 इंच का गड्डा होना चाहिए, लेकिन ठेकेदार द्वारा महज 4 इंच ही गड्डा बनाया गया है.

ठेकेदार ने एक्स्ट्रा सीमेंट मिलाकर बना लिए सैंपल

वहीं जब मौके पर मौजूद रहे पेटी कॉन्ट्रैक्टर से बात की गई तो वो कैमरे में रिकॉर्ड तस्वीरों को भी झुठलाता नजर आए और काम को 100 फीसदी उम्दा निर्माण बताया है, लेकिन उसकी बात और भ्रष्टाचार की पोल खुलने में भी ज्यादा समय नहीं लगा, मीडिया के जाते ही उसने एक्स्ट्रा सीमेंट मिलाकर सैंपल बॉक्स यानी क्यूब तैयार कर लिए, जिससे वो जांच टीम को भी धोखा दे सकें, लेकिन उसके इस कदम को मोहल्ले में रहने वालों ने ही मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया.

कलेक्टर ने तुरंत जांच के लिए किया निर्देशित

वहीं मामले के बारे में जब कलेक्टर वीरेंद्र रावत से बात की गई तो उन्होंने जांच कराने की बात कहते हुए, संबंधित अधिकारियों को भी कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया है. कलेक्टर ने कहा कि विकासकार्य में अगर कहीं भी अनियमितता पाई जाती है या कॉन्ट्रैक्ट से हटकर घटिया निर्माण मिलता है तो निश्चित तौर पर ठेका कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ऐसा नहीं है कि जब घोटाले और भ्रष्टाचार होते हैं तो उनपर किसी की नजर नहीं होती, लेकिन जब करोड़ों के प्रोजेक्ट में ऐसी स्थिति बने तो सवाल जिम्मेदार अधिकारियों पर भी उठते हैं, बरहाल टाटा कंपनी द्वारा मेहगांव के साथ ही भिंड नगर पालिका क्षेत्र में भी आरओ प्रोजेक्ट का काम कराया जा रहा है और हालात यहां भी ऐसी ही है, लेकिन अधिकारी अब भी सिर्फ जांच की बात कह रहे हैं.

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