कैसे होगा ‘डेंगू पर प्रहार’ ? जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट और विधायक के घर के पास पनप रहे मच्छर, जल निकाली तक की व्यवस्था नहीं

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Published : Sep 23, 2021, 5:53 PM IST

‘डेंगू पर प्रहार’ अभियान की शुरुआत

भिंड में मौसमी बीमारी डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए ‘डेंगू पर प्रहार’ अभियान का शुभारंभ हुआ. ईटीवी भारत की टीम ने जब इसका रिएलिटी चैक किया, तो कई हैरान करने वाले खुलासे हुए. रिपोर्ट पढ़ें...

भिंड। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में डेंगू-मलेरिया (Dengue-Malaria) के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच भिंड में ‘डेंगू पर प्रहार’ अभियान का शुभारंभ हुआ. जिसको लेकर ETV भारत ने रिएलिटी चैक किया. इस दौरान कई हैरान करने वाले खुलासे हुए. दरअसल भिंड के भीम नगर इलाके से कलेक्टर, विधायक और मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने एक रथ रवाना किया था. इस रथ के जरिए डेंगू से बचाव और जागरूकता के लिए लोगों को प्रेरित किया जाना था. लेकिन यह अभियान महज कागजी खानापूर्ति बनकर रह गया. जिसकी हकीकत जिला अस्पताल परिसर, कलेक्ट्रेट परिसर और भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह के घर की तस्वीरें बयां कर रही है. ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट पढ़ें.

जिला अस्पताल में जल निकासी की व्यवस्था नहीं

इस अभियान की कारगरता जानने के लिए ETV भारत जब भिंड जिला अस्पताल पहुंचा तो पूरे जिला अस्पताल परिसर में जगह-जगह जल भराव की स्थिति देखने को मिली. पानी में कीड़े रेंगते हुई दिखाए दिए, कई जगह गन्दगी भी पड़ी हुई थी. यह सभी जानते हैं कि डेंगू के मच्छर साफ पानी या बरसात के रुके पानी में ही पनपते हैं, ऐसे में जिला अस्पताल में डेंगू की पैदाइश की संभावना अत्यधिक है.

जिला अस्पताल परिसर में रह रहे एक कर्मचारी के बेटे राहुल सिंह कुशवाह ने बताया कि उन्हें इस परिसर में रहते 30 साल से ज्यादा समय बीत चुका है. इतने सालों में यहां जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हुई. जिसकी वजह से हर जगह गन्दगी और मच्छर पनप रहे हैं.

जिला अस्पताल में जलभराव
जिला अस्पताल में जलभराव

विधायक के वॉर्ड में बीमार हो रहे लोग

इसके बाद ईटीवी भारत की टीम शहर के वॉर्ड क्रमांक-30 में पहुंची. इसी वार्ड में भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह निवास करते हैं. उनके घर के आस-पास ही कई झुग्गी-झोपड़ियां और गरीब परिवारों की बस्ती है. लेकिन बड़ी बात यह है की पूरे वॉर्ड में न तो सफाई नजर आती है, न जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था.

लोगों ने खुद बनाई नाली
लोगों ने खुद बनाई नाली

हर गली में 20-30 लोग बीमार

स्थानीय लोगों ने बताया कि साल के ज्यादातर महीने वॉर्ड में गन्दगी और कीचड़ जमा रहता है. गली में नाली ना होने से जल निकासी के लिए लोगों ने खुद ही एक नाली बनकर व्यवस्था की है. लेकिन उसमें भी पानी रुका रहता है. जिसकी वजह से चारों तरफ मच्छर पनपते रहते हैं. लोगों ने बताया कि स्थानीय विधायक संजीव सिंह कुशवाह का घर पास होने के बावजूद वह कभी-कभार दौरा करने आते हैं. स्थानीय रहवासियों ने बताया कि वॉर्ड नंबर-30 में सालों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए किसी तरह की कोई दवा का छिड़काव नहीं कराया गया है. यही वजह है की किसी भी गली में चले जाएं हर जगह 20-30 लोग बीमार मिल जाएंगे.

स्थानीय इलाकों में बारिश का पानी भरा
स्थानीय इलाकों में बारिश का पानी भरा

कलेक्ट्रेट में जल भराव से पनप रहे मच्छर

विधायक के वॉर्ड के बाद ईटीवी भारत की टीम सीधे जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. यहां भी पार्किंग से लेकर जिला निर्वाचन कार्यालय तक जल भराव की स्थिति थी. यहां आने-जाने वाले लोग भी इसी गंदगी और ठहरे हुए पानी से गुजरने को मजबूर थे. पानी की निकासी ना होने से मच्छर भी पैदा हो रहे थे. यही हाल जिला माइनिंग विभाग के पास बने महिला बाल विकास विभाग के गोडाउन कार्यालय के बाहर भी नजर आया. यहा तो पानी में रेंगते छोटे-छोटे मच्छर भी कैमरे में कैद हुए. ऐसे में न सिर्फ कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद कार्यालयों के कर्मचारी डेंगू के खतरे में हैं बल्कि इन कार्यालयों तक अपना काम लेकर पहुंचने वाले लोगों पर भी डेंगू का खतरा नजर आ रहा है.

कलेक्टर कार्यालय के बाहर भी पानी भारी
कलेक्टर कार्यालय के बाहर भी पानी भारी

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सवाल किया तो तिलमिलाए CMHO

तमाम जगहों का जायजा लेने के बाद आखिर में ईटीवी भारत की टीम ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अजीत मिश्रा से फोन पर सम्पर्क किया. इस दौरान उनका कहना था कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 'डेंगू पर प्रहार' अभियान के लिए 4 टीम लगाई गई हैं, जो सभी वार्डों में एंटी-डेंगू लारवा की दवा का छिड़काव कर रहीं है. लेकिन जब वॉर्ड नंबर-30 और कलेक्ट्रेट कार्यालय के हालात को लेकर उनसे सवाल किया गया, तो सीएमएचओ तिलमिला गए.

उन्होंने कहा कि जल भराव बारिश में होगा ही, पूरे भिंड में आपको जल निकासी की व्यवस्था दिख रही है फिर जिला अस्पताल को ही क्यों टार्गेट कर रहे हैं. CMHO ने आगे कहा कि हमारे पास चार लड़के हैं, जिन्हें मलेरिया के लिए लगा रखा है. एचआर की कमी हैं तो तेजी से काम कैसे कराएं और पब्लिक को जागरूक होना पड़ेगा. सरकारी अमला कहां तक काम करेगा. इस दौरान डॉ.अजीत मिश्रा ने हर रविवार को विशेष जागरूकता अभियान भी चलाने की बात कही.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
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