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भ्रष्टाचार कंट्रोल करने नपा उपाध्यक्ष का अनूठा कदम, एक पेम्पलेट के जरिए घूसखोरों के मंसूबों पर फिरने लगा पानी

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Published : May 29, 2023, 6:45 AM IST

मध्यप्रदेश के भिंड जिले में बीते दिनों नगरपालिका के नामांतरण शाखा में बाबू के रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए नगर पालिका परिषद ने अनूठा कदम उठाया है, परिषद के उपाध्यक्ष ने कार्यालयों के बाहर कुछ खास पेम्पलेट चस्पा कराए हैं.

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भ्रष्टाचार रोकने की अनुठी पहल

भिंड। सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी और आमजन को परेशान कर उनसे अवैध वसूली जैसे भ्रष्टाचारों की गाथा नई नहीं है. लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाने से घूसखोर और भ्रष्टाचारी अधिकारियों और कर्मचारियों को बढ़ावा मिलता रहा है. बीते दिनों भिंड नगर पालिका में ही नामांतरण शाखा में पदस्थ एक बाबू को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा था. इस बाबू की रंगदारी इतनी थी कि कार्रवाई करने आई टीम के साथ भी मौके पर मारपीट हो गई थी. लेकिन अब इस तरह की स्थिति ना बने और भ्रष्टाचार पर लगाम कस सके इसके लिए नगर पालिका परिषद भिंड के उपाध्यक्ष ने अपने तरीके से लोगों को सजग करने की पहल की है.

घूसखोरी की शिकायत के लिए उपलब्ध कराया नम्बर: भिंड नगर की सरकार के उपाध्यक्ष यानी नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष भानू भदौरिया ने नगर पालिका के सभी कार्यालयों के बाहर पेम्पलेट चस्पा करा दिये हैं. जिनमें रिश्वतख़ोरी की मांग करने वालों के खिलाफ शिकायत करने लिए मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराए हैं. इस पेम्पलेट में उन्होंने लिखवाया है कि नगरपालिका का कोई भी कर्मचारी यदि काम के बदले रिश्वत या अन्य किसी प्रकार की वस्तु की मांग करता है तो पेम्पलेट पर अंकित नंबरों पर संपर्क करें.

bhind Municipality unique Initiative
भिंड नपा में चस्पा किए पेम्पलेट

शिकायत मिलने पर खुद करा रहे जनता का काम: अपने इस कदम के पीछे की वजह के बारे में बताते हुए नगर पालिका उपाध्यक्ष भानु भदौरिया ने बताया कि ''भिंड नगर पालिका में कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की फिराक में आम जानता को परेशान किया जाता है. इस तरह की शिकायतें पहले सिर्फ सुनने में आती थी. लेकिन पेम्पलेट लगाए जाने के बाद आम लोगों से रुपए मांगने जैसी शिकायतें उनके पास आए दिन आ रही हैं. सबसे ज्यादा शिकायत आवास योजना से संबंधित हैं. इन शिकायत के प्राप्त होने पर वह खुद तत्काल आम लोगों के कार्यों का निराकरण कर रहे हैं. इस तरह जनता को ना सिर्फ परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा बल्कि ऐसे कर्मचारियों की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है.''

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दलाली का अड्डा बनी नगर पालिका: नगर पालिका उपाध्यक्ष ने यह बात भी स्वीकार की है कि अब तक प्राप्त शिकायतों में कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने के मामले बहुत कम हैं. जबकि ज्यादातर मामलों में दलालों द्वारा रुपए मांगने की शिकायतें ज्यादा हैं. उन्होंने बताया कि नगरपालिका के बाहर दलालों का जमावड़ा रहता है, वह लोग नगरपालिका में अपने काम कराने आने वाले लोगों को रास्ते में ही अपने झाँसे में ले लेते हैं और नगर पालिका से कार्य करवाने के नाम पर रुपए ऐंठते हैं. ऐसे में अब इन शिकायतों के आधार पर दलालों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई कराने की बात भी उन्होंने कही है.

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