MP Lumpy Virus: भिंड में लंपी वायरस की दस्तक, जानिए बीमारी से निपटने के लिए प्रशासन की रणनीति

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Published : Sep 23, 2022, 12:00 PM IST

MP Lumpy Virus

देशभर में गौवंश के लिए काल बना लंपी वायरस अब मध्यप्रदेश में भी एंट्री कर चुका है. राजस्थान और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा मध्य प्रदेश के चम्बल अंचल से लगती है. सावधानियों के बाद भी भिंड जिले में लंपी वायरस की दस्तक हो चुकी है. 35-40 के से भी ज्यादा गाय इस रोग से ग्रसित हैं, एक मवेशी की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन ने वायरस से निपटने के लिए क्या प्लानिंग की है जानिए इस खास रिपोर्ट में… (MP Lumpy Virus) (Bhind Lumpy Virus) (Bhind Lumpy Virus Attack On Cows) (Bhind Lumpy Virus Treatment)

भिंड। लंपी वायरस से एहतियातन जिले में मवेशियों के परिवहन और पशु मेलों/हाट आयोजनों पर जिला कलेक्टर ने रोक लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी थी, लेकिन अब भिंड जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अलावा गोहद, मेहगांव और लहार के कई गांवों में लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश मिलने लगे हैं. जिले भर में अब तक 35 गोवंश की पहचान लम्पी वायरस के संक्रमण से हुई है. जानकारी है कि इनमे एक गौवंश की मौत भी हो चुकी है.(MP Lumpy Virus) (Bhind Lumpy Virus) (Bhind Lumpy Virus Attack On Cows) (Bhind Lumpy Virus Treatment)

Bhind Cow Lumpy Virus
भिंड में लंपी वायरस की दस्तक

अब तक मिले 35 केस, एक की मौत: लंपी का असर गोहद क्षेत्र में सबसे ज्यादा है. गोहद पशु चिकित्सालय में पदस्थ डॉ अरविंद शर्मा ने बताया कि, गोहद क्षेत्र में अब तक 20 मवेशियों को ट्रैस किया जा चुका है. प्रशासन ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भिंड नगर की श्री कृष्ण गौशाला समेत मेहगांव, गोहद और लहार में संक्रमित गायों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं. साथ ही गायों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान की भी शुरुआत कर दी है.

Bhind Cow Lumpy Virus
लंपी वायरस का इलाज

लंपी वायरस के प्रति जागरूकता: पशु चिकित्सकों का कहना है कि, इस बीमारी के लिए पशुपालकों को जागरूक होना अति आवश्यक है. जिसके लिए जिला प्रशासन लम्पी वायरस से बचाव के लिए पेंप्लेट और बैनर छपवा कर प्रत्येक विकासखंड में चस्पा कराएगी. लम्पी वायरस से ग्रस्त गोवंश को एंटीबायोटिक दवाइयां दे कर के बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन यह पशुपालकों की ज़िम्मेदारी है की वे अपने संक्रमित मवेशियों को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें. जिससे इस बीमारी के फैलाव में कमी आएगी.

बीमार जानवर में लम्पी वायरस के लक्षण: डॉक्टरों का कहना है कि लंपी वायरस से ग्रस्त जानवर की पहचान जरूरी है. इस बीमारी से ग्रसित पशु सबसे पहले चारा खाना छोड़ देता है. उसका तापमान बढ़ जाता है यानी उसे बुखार आ जाता है, यदि शरीर पर गांठे दिखाई पड़ना शुरू हो जाएं तो लम्पी वायरस की पुष्टि हो जाती है. इसके साथ ही संक्रमित पशु की आंखों से पानी आना भी शुरू हो जाएगा. ये सभी लक्षण रोग से ग्रसित होने के तीन-चार दिन में दिखाई देना शुरू हो जाते हैं. और समय पर इलाज हो जाए तो पशु पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है. जिसने तीन से चार दिन का समय लगता है.

इम्यून सिस्टम से जानवरों को वायरस से बचाव: डॉक्टरों का मानना है कि, यदि किसी किसान के पास कई जानवर हैं और एक या दो पशु लंपी वायरस से ग्रस्त हुआ है, तो जरूरी नहीं है कि सभी जानवर वायरस की चपेट में आ जाएंगे. अन्य जानवरों का अगर इम्यून सिस्टम मजबूत है तो उनमें यह वायरस नहीं पहुंचेगा या उसका असर नहीं होगा. (Bhind Lumpy Virus Treatment).

लंपी वायरस से बचाव: बीमारी से बचाव के लिए पशु के आसपास पेस्टिसाइड का छिड़काव करना चाहिए. मच्छरों और मक्खियां इनफेक्टेड जानवर में एक से दूसरे में वायरस फैलाने में बड़ी भूमिका निभाती है. जिनसे बचाव आवश्यक है ऐसे में पारम्परिक तरीके अपनाए जा सकते हैं. इनफेक्टेड जानवर के आसपास नीम का धूआं कर मच्छरों से बचाव किया जा सकता है. साथ ही फिनायल या डीडीटी का छिड़काव करना चाहिए जिससे पशु के आसपास डिसिंफेक्शन होता है. (Bhind Lumpy Virus Attack On Cows)

दूध का सेवन पूरी तरह सुरक्षित: गौवंश और भैंस प्रजाति में लंपी वायरस के फैलने के बाद कई तरह की अफ़वाहों ने लोगों में भ्रम की स्थिति बना दी है. कई जगह लोग गाय और भैंस का दूध पीना बंद कर रहे हैं. पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ. रघुवीर सिंह का कहना है कि, यह बीमारी पशुओं से इंसान में फैलने वाली नहीं है. इससे इंसान पूरी तरह सुरक्षित है. ऐसे में लंपी वायरस से ग्रस्त गाय या भैंस के दूध का सेवन भी हमारे लिए नुकसान देह नहीं है. हालांकि उस संक्रमित पशु का इलाज कराना बेहद जरूरी है.(Bhind Lumpy Virus)

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वैक्सीन के 10 हजार डोज खरीदे, 3 हजार लग चुके: भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया की लंपी डिसीज से बचाव के लिए पशु कल्याण समिति के जरिए 10 हजार वैक्सीन के डोज क्रय कर लिए गए हैं. जिनमें 3 हजार वैक्सीन मवेशियों को लगाई जा चुकी है. संदिग्ध संक्रमित पशुओं के सैंपल भेजे जाने के बाद भी उनकी रिपोर्ट प्राप्त होने में समय लग रहा है. इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि पूरे प्रदेश से सैम्पल टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं हमने बात की है जल्द ही रिपोर्ट मिलना शुरू हो जाएंगी.(MP Lumpy Virus)

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