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CONGRESS MISSION 2023 : एक-दूसरे के धुर विरोधी अजय सिंह और चौधरी राकेश सिंह ने फिर की दोस्ती

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Published : May 2, 2022, 7:21 PM IST

कांग्रेस से बीजेपी और फिर बीजेपी से कांग्रेस में आए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी सियासत की मुख्य धारा में आने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं. राकेश के धुर विरोधी रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह भी उनके प्रति अब नरम हो गए हैं. दोनों के बीच हाल ही में लंबी वार्ता हुई है. माना जा रहा है कि मिशन 2023 में जुटी प्रदेश कांग्रेस सभी नेताओं को एकजुट करने के लिए लगातार मशक्कत कर रही है. एकजुट होने के निर्देश आलाकमान की ओर से दिए गए हैं. (Ajay Singh and Chaudhary Rakesh Singh meet) (CONGRESS MISSION 2023) (Rivals got friendship in Congress)

Ajay Singh and Chaudhary Rakesh Singh meet
राकेश सिंह और अजय सिंह की दोस्ती हुई

भिंड। एक समय कांग्रेस के दो चर्चित चेहरे अजय सिंह राहुल और चौधरी राकेश चतुर्वेदी के बीच मनमुटाव की वजह किसी से छिपी नहीं है. घटना नौ साल पुरानी है. विधानसभा सदन की कार्रवाई जारी थी. नेता प्रतिपक्ष थे अजय सिंह राहुल और मेहंगाव से विधायक और उप नेताप्रतिपक्ष की ज़िम्मेदारी सम्भाल रहे थे चौधरी राकेश चतुर्वेदी. उस दौरान शिवराज सरकार के तत्कालीन वित्तमंत्री राघवजी की एक सीडी सामने आई थी मामले में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शिवराज सरकार को घेरने की रणनीति बनाई. जुलाई 2013 में कांग्रेस की तरफ से विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. प्रस्ताव पर अजय सिंह बोलना शुरू कर ही रहे थे कि विपक्ष के उप नेता राकेश चतुर्वेदी ने पाला बदल लिया. उन्होंने इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा किए गए ट्वीट पर आपत्ति लेते हुए अविश्वास प्रस्ताव की हवा निकाल दी.

राकेश सिंह को बीजेपी में नहीं मिली तवज्जो : आखिरकार सदन में यह प्रस्ताव बहुमत से खारिज हो गया. तब से अजय सिंह राहुल राकेश चौधरी के विरोधी हो गए. कुछ समय बाद राकेश सिंह चतुर्वेदी कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए, लेकिन सदन में हुए वाक़ये के बाद भाजपा ने भी उन पर भरोसा नहीं किया. क़रीब 6 साल तक भाजपा में रहने के बाद भी उन्हें लूपलाइन में ही रखा गया. विधानसभा 2018 चुनाव के समय भी सुनने में आया था कि राकेश सिंह चतुर्वेदी ने टिकट के लिए कई भाजपा नेताओं, मुख्यमंत्री से मुलाक़ातें की, लेकिन उनकी बिगड़ी छवि की वजह से टिकट नहीं मिल सका. चुनाव में इस बार कांग्रेस की सरकार बनी तो फिर कमलनाथ से मिलकर राकेश सिंह चतुर्वेदी ने भाजपा को छोड़कर सत्ताधारी कांग्रेस में दोबारा एंट्री ली.

Ajay Singh and Chaudhary Rakesh Singh meet
राकेश सिंह और अजय सिंह की दोस्ती हुई

दलबदलू की छवि से उभरने का प्रयास : ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 विधायकों के इस्तीफ़े के साथ भाजपा में शामिल हुए और सत्ता कांग्रेसी से छीन कर भाजपा को सौंप दी. नतीजा प्रदेश में चम्बल अंचल समेत सभी ख़ाली हुई सीटों पर उपचुनाव हुआ राकेश सिंह का नाम भी टिकट की दौड़ में आया लेकिन डॉ गोविंद सिंह और अजय सिंह राहुल के विरोध के चलते वे कांग्रेस में भी लूप लाइन में ही रह गए. शायद कांग्रेस से भाजपा और फिर बीजेपी से कांग्रेस की दलबदलू के कारण चौधरी राकेश सिंह को सफलता हासिल नही हुई. हाल ही में भोपाल से एक तस्वीर सामने आयी जो बेहद चौकाने वाली थी. बताया गया कि अजय सिंह व चौधरी राकेश चतुर्वेदी के बीच लम्बी चर्चा हुई. इसके बाद फिर अजय सिंह द्वारा चौधरी राकेश चतुर्वेदी को मिठाई खिलाते हुए गिले-शिकवे दूर किए गए.

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मुख्यधारा में आने को परेशान राकेश सिंह : इस तस्वीर के कई मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली हाई कमान डैमेज कंट्रोल में जुटा है. इसके लिए प्रदेश के नेताओं के बीच के मनमुटाव को ख़त्म कराया जा रहा है. यह पूरी व्यवस्था फ़िलहाल आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए की जा रही है. पूर्व सीएम कमलनाथ को मिले दो पदों का विवाद चल रहा था, लेकिन उनसे एक पद हटाकर दिग्गी गुट के डॉ. गोविंद सिंह को देकर बड़ी ज़िम्मेदारी सौंप दी है. अब गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष हैं. वहीं राकेश चौधरी भी किसी बड़ी ज़िम्मेदारी की जुगत में लगे हैं. इस सम्बंध में उनसे बात की गई लेकिन उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नही दिया. (Ajay Singh and Chaudhary Rakesh Singh meet) (CONGRESS MISSION 2023) (Rivals got friendship in Congress)

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