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नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया, ऑपरेशन के लिए सुबह से इंतजार करती रहीं महिलाएं

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Published : Dec 14, 2019, 9:35 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 1:51 AM IST

आगर मालवा में शासकीय अस्पताल में नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से ज्यादा महिलाओं की नसबंदी की गई, लेकिन नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया.

Women lie on the ground after sterilization
नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया

आगर मालवा। सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया. यहां पर ऑपरेशन के लिए आई महिलाओं को सुबह से शाम तक सर्जन के लिए इंतजार करना पड़ा.


दरअसल शासकीय अस्पताल में महिला नबसंदी शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से ज्यादा महिलाओं की नसबंदी की गई, लेकिन इन सभी को बैड पर लिटाने की बजाय जमीन पर गद्दे बिछाकर लिटा दिया गया. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बन सकता है.

नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया


सर्जन के इंतजार में परेशान होती रहीं महिलाएं
नसबंदी ऑपरेशन के लिए इन्दौर के सर्जन शाम को अस्पताल पहुंचे. इसके लिए महिलाओं को दिनभर इंतजार करना पड़ा. स्वास्थ्य केन्द्र में हफ्ते में एक दिन नसबंदी कैंप आयोजित किया जाता है , जिसके चलते महिलाओं को परेशान होना पड़ता है.

देश में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए भले ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा परिवार नियोजन जैसी योजनाओं का संचालन किया जाता हो, लेकिन सुविधाओं के नाम पर सब शून्य नजर आता है. योजनाओं के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं दी जाती है.इस मामले पर बीएमओ डॉक्टर कुलदीप सिंह राठौर ने बताया कि अस्पताल में वार्ड की कमी है. महिलाओं की सुविधाओं के लिए रजाई और गाड़ी का इंतजाम किया गया.

Intro:आगर-मालवा। आगर जिलें के सुसनेर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाए जाने का मामला सामने आया है। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मचा हुआ है। यहां पर हर बार तो नसबंदी शिविर में महिलाओं को सर्जन के इंतजार में परेशान होना पडता था, किन्तु शनिवार को ऑपरेशन के लिए आई महिलाओं को सुबह से शाम तक तो सर्जन के लिए इंतजार करना पड़ और जब ऑपरेशन हो गया तो उसके बाद भी वे परेशान होती हुई दिखाई दी।Body:दरअसल शनिवार को शासकीय अस्पताल में महिला नबसंदी शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें 50 से भी अधिक महिलाओं की नसबंदी की गई। लेकिन इन सभी को पंगल पर लिटाने की बजाय अस्पताल प्रबधंन ने महिला वार्ड में से पलंग को हटाकर के सभी को जमीन पर ठंडे फर्श पर ही गद्दे बिछाकर के लिटा दिया गया। ऐसे में उन्है संक्रमण का खतरा बन सकता है।

सर्जन के इंतजार में परेशानी रही महिलाएं

नसबंदी ऑपरेशन के लिए इन्दौर के सर्जन एक दिन में कई केम्पो को अटेंड करते हुए सुसनेर आते है। जिसके चलते वें शाम तक अस्पताल पहुच पाते है। शनिवार को ऑपरेशन करवाने के लिए महिलाएं सुबह से ही अस्पताल पहुंच गई। लेकिन सर्जन के इंतजार में उन्हे दिनभर इंतजार करते हुएं परेशान होना पडा है। विशेषकर ऑपरेशन करने के 4 घंटे बाद उनकी छुट्टी की जाती है। जिस वजह से महिलाएं अपने ग्राम भी देर रात तक पहुचती है। कूल मिलाकर के स्वास्थ्य केन्द्र में सप्ताह में एक दिन आयोजित होने वाले नसबंदी केम्प में महिलाओ को परेशान होना पडता है।
नसबंदी के लिए शिविर में आई महिलाओं के साथ बडी संख्या में उनकी परिजन महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे। इनमें से अधिकांश सभी महिलाएं ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रो से इलाज के लिए आई थी।Conclusion:देश में बढती जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ विभाग के द्वारा परिवार नियोजन जैसी योजनाओ का संचालन भले ही किया जा रहा हो मगर नसबंदी ऑपरेशन के लिए पूरे आगर जिले में एक भी सर्जन नही है। परिवार नियोजन की योजना काे सफल बनाने के लिए विभाग कई तरह के हत्कण्डे तो अपनाता है। मगर योजना के सही क्रियान्वयन के लिए सुविधाओ के नाम पर कोई व्यवस्था नही की जाती है।

इस पर बीएमओ डॉक्टर कुलदीप सिंह राठौड़ ने यह कहते हुएं पल्ला झाड लिया है कि अस्पताल में वार्ड की कमी है। उनकी सुविधा के लिए रजाई गादी की व्यवस्था की गई है।

विजुअल- सुसनेर शासकीय असपताल का, जमीन पर लेटी महिलाएं, शिवीर में परेशानी होती महिलाएं।

बाईट- डॉक्टर कुलदीप सिंह राठोड, बीएमओ, सुसनेर।
Last Updated :Dec 15, 2019, 1:51 AM IST
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