Satna School of Education शिक्षा का हॉल बेहाल जिम्मेदार बने अनजान, इस कन्या विद्यालय में 9 कमरे में बैठती हैं 13 सौ छात्राएं

author img

By

Published : Sep 4, 2022, 6:11 PM IST

Satna Government Girls Higher Secondary School

सतना जिले में शिक्षा का हॉल बेहाल है, जिले के बिरसिंहपुर कस्बे में एक ऐसा विद्यालय है जहां 10x12 के 9 कमरे में 13 सौ छात्राएं अध्ययनरत हैं (13 hundred girls sit in 9 rooms in school) विद्यालय का नाम शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय बिरसिंहपुर (Satna Government Girls Higher Secondary School) विद्यालय भवन में पर्याप्त सुविधा ना होने से छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. विद्यालय में न तो अनुकूल कमरे हैं न ही पर्याप्त शिक्षक. इसके अभाव में शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होने के साथ ही विद्यालय प्रशासन और विद्यार्थियों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है. मामले पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी अपना राग अलाप रहे हैं. (Satna School of Education)

सतना। मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बड़े दावे करती हैं, लेकिन उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. हम बात कर रहे हैं सतना जिले के शिक्षा की. यहां शिक्षा का हाल बेहाल है. प्रदेश के मुखिया शिवराज चौहान मामा का स्लोगन हैं बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ, लेकिन स्लोगन की बात बेमानी साबित हो रही है. (Satna Government Girls Higher Secondary School) (13 hundred girls sit in 9 rooms in school)

सतना शिक्षा का हॉल बेहाल जिम्मेदार बने अनजान

जमीन पर बैठकर पढ़ाई: सतना मुख्यालय से महज 35 किलोमीटर दूर बिरसिंहपुर तहसील में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है. यह विद्यालय कक्षा 1 से 12 वीं तक संचालित है. इस विद्यालय में मात्र 9 कमरों में मामा की 13 सौ भांजिया अध्यनरत हैं. कमरे का साइज 10x12 है. कमरे छोटे होने की वजह से विद्यालय की छात्राएं जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं. विद्यालय के कक्ष की कुर्सियां को बाहर रख दिया गया है. एक कक्ष में 100 से अधिक छात्राएं जमीन पर बैठकर कर शिक्षा प्राप्त करती हैं.

सतना शिक्षा का हॉल बेहाल जिम्मेदार बने अनजान

सुध लेने वाला कोई नहीं: गर्मी के दिनों में अगर बिजली बंद हो जाती हैं तो छात्राओं का कक्षा में बैठना दुश्वार हो जाता है. जिस दिन विद्यालय में पूरी छात्राएं आ जाती हैं तो उन्हें खड़े होकर पढ़ाई करनी पड़ती है. अधिकांश छात्राएं दूसरे दिन विद्यालय नहीं आ पाती. अब ऐसे में विद्यालय की छात्राओं ने भी अपनी जुबानी बताई की किस तरीके से वह विद्यालय में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

कैसे पढ़ें, कैसे बढ़ें, 6 हजार स्कूलों में एक भी टीचर नहीं

प्रसाधन की भी अव्यवस्था: विद्यालय के प्राचार्य धर्मेंद्र गुप्ता की मानें तो विद्यालय का परिसर 60 फीट लंबा और 60 फीट चौड़ा है. ये विद्यालय शहर के बीच में स्थित है. इस विद्यालय में वर्तमान में एक स्टाफ रूम है. एक प्राचार्य कक्ष हैं. 9 कमरे हैं. वर्तमान में छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण एक सेक्शन में 100 छात्राएं हैं. यहां पर प्रसाधन व्यवस्था भी दयनीय है. छात्राओं के लिए यहां पुस्तकालय भी नहीं है. इसके बाद भी एक छोटे से कमरे में लैब संचालित कर छात्राओं को शिक्षा दी जाती है.

भू-माफियाओं ने किया विद्यालय भूमि पर कब्जा: प्राचार्य ने बताया कि, जिस तरह लैब का लाभ बच्चों को मिलना चाहिए हम नहीं दे पाते. यह विद्यालय सन 2000 के आसपास यहां के स्थानीय लोगों ने चंदा करके दो मंजिला बनाया था. वेंटिलेशन नहीं होने के कारण कक्षा में बैठना मुश्किल होता है, नया भवन उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई. पूर्व कलेक्टर ने विद्यालय के लिए भूमि भी आवंटित की थी, लेकिन यहां पर कुछ स्थानीय भू-माफियाओं ने विद्यालय की भूमि पर कब्जा कर लिया है. इस वजह से विद्यालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है.

State level Teacher Award टीचर्स डे पर बेहतर कार्य करने वाले 14 शिक्षकों काे मिलेगा अवार्ड, यहां देखें लिस्ट

जिम्मेदार बने अनजान: मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ डॉ. परीक्षित राव झाड़े का कहना है कि, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरसिंहपुर का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया जाएगा. अगर जगह वहां पर उपलब्ध है तो नवीन शासकीय भवन का निर्माण जल्द ही कराया जाएगा. बहरहाल यह समस्या विद्यालय में कई वर्षों से बनी हुई है. इसकी जानकारी जिला प्रशासन को बखूबी है. जानकारी के बावजूद भी विद्यालय प्रबंधन और जिला प्रशासन अपना अलग-अलग राग अलाप रहे हैं. अब देखना यह होगा कि विद्यालय के लिए नवीन भवन निर्माण कार्य को लेकर प्रशासन कब ठोस कदम उठाता है. (Satna School of Education)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.