Jabalpur Fake bishop न्यायिक हिरासत में फर्जी ईसाई धर्मगुरु को जेल भेजा गया, ईडी ने भी शिकंजा कसना शुरू किया

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Published : Sep 16, 2022, 7:44 PM IST

Jabalpur fake christian priest sent to jail

मिस्टर नटरवाल बिशप पीसी सिंह की मुसीबतें दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. EOW के विशेष न्यायाधीश ने चार दिन की रिमांड के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. दूसरी ओर ईडी ने फर्जी बिशप से संबंधित कागजात मांगते हुए उसपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. (Jabalpur Fake bishop fake christian priest)

जबलपुर। फर्जी बिशप के रूप में शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग तथा मिशनरी की सम्पत्ति का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी पीसी सिंह को EOW के विशेष न्यायाधीश ए अली ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. चार दिन की रिमांड समाप्त होने के बाद ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया था. बिशप पर ईडी ने भी अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. बिशप के संबंध में ईडी ने ईओडब्ल्यू से दस्तावेज मांगे है. (Jabalpur fake christian priest sent to jail)

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जाने पूरा मामलाः ईओडब्ल्यू की टीम ने 8 सितंबर को बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी. दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाडियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. जिस समय दबिश दी गई थी उस वक्त ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह देश से बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने बिशप को नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर 12 सिंतबर को न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्लयू ने पूछताछ के लिए बिशप को चार दिन के लिए रिमांड पर लिया था. रिमांड के दौरान उन्होंने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. इसके अलावा उन्होंने मिशन कम्पाउण्ड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. बिशप रहते हुए उन्होंने जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वंय खरीद ली. उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 99 मामले दर्ज है. सबसे अधिक 42 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए है. इसके अलावा राजस्थान में 24 प्रकरण, महाराष्ट्र में 11, पंजाब में 6, एमपी में 4, छत्तीसगढ़ में 3, दिल्ली में 3 व झारखंड में 3 प्रकरण दर्ज है. एक एजेंसी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि ईडी ने विशप पीसी सिंह से संबंधित दस्तावेज मांगे है. ईडी ने कौन से दस्तावेज मांगे है, इस संबंध में उन्होंने जानकारी देने से इंकार कर दिया. (Jabalpur priest sent to jail in judicial custody)

डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कारावासः जबलपुर से मिली एक अन्य खबर के अनुसार पक्षद्रोही होने के बावजूद भी श्रीमती बरखा दिनकर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने नाबालिग के दुराचार के मामले में आरोपी जीजा को सजा सुनाई है. न्यायालय ने आरोपी को 20 साल के कारावास तथा 15 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है. अभियोजन के अनुसार पीड़िता ने बरेला थाने में 4 फरवरी 2018 रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि जब उसकी मां भूसा भरने गांव के बाहर गई थी. तब जीजा ने उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया था. आरोपी ने इस संबंध में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी पीड़िताको दी थी. इसके बाद जीजा ने कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये थे. बहन के घर आने पर पीड़िता ने घटना की जानकारी दी थी. सुनवाई के दौरान पीड़िता बयान के लिए अदालत में नहीं आयी. न्यायालय ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को विभिन्न धारारों के तहत अधिकतम 20 साल के कारावास तथा 15 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना लगा दिया. (jabalpur 20 years imprisonment to the accused)

जिम्मेदारों को जमा करने होंगे 80 लाख रुपयेः ग्वालियर से एक अन्य मामला सामने आया है. इसमें जिला अदालत के माल खाने से 80 लाख के गहने गायब होने के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. इस आदेश के तहत अब उत्तराधिकारियों को शासन की इस गायब हुई राशि को अदा करना होगा. दरअसल 1988 में उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र के किला गेट निवासी रमेश चंद्र गोयल और उनकी पत्नी बसंती देवी गोयल के यहां डकैती डाली गई थी. जिसमें उन दोनों की हत्या कर दी गई थी. उनके घर से 80 लाख रुपए के जेवर लूट लिए गए थे. इस मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर और उनसे जेवरात भी बरामद किए गए थे. इन जेवरातों को जिला न्यायालय के माल खाने में जमा करा दिया गया था. जहां से यह रहस्यमय तरीके से गायब हो गए. इस मामले में माल थाना प्रभारी रहे 26 एडीजे भी जांच के दायरे में आ गए थे. ( Gwalior High court order Responsible will have to deposit 80 lakh rupees)

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