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Jabalpur ayushman scheme frauds एसआईटी ने किया बड़ा खुलासा, आयुष्मान योजना के तहत दो हजार से ज्यादा मरीजों का हुआ फर्जी इलाज

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Published : Sep 15, 2022, 6:40 PM IST

Updated : Sep 15, 2022, 9:53 PM IST

एक ओर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार प्रधानमंत्री की आयुष्मान भारत योजना को साकार करने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही है. वहीं उनके डॉक्टर उनकी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. जबलपुर के बंटी बबली डॉक्टर दम्पति ने तो इस योजना में फर्जीवाड़ा करके सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगा डाली है. एसआईटी की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. (Jabalpur ayushman scheme frauds)

Jabalpur ayushman scheme frauds
जबलपुर एसआईटी ने किया बड़ा खुलासा

जबलपुर। शहर के राइट टाउन स्थित सेंट्रल किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़े के मामले में जाँच में जुटी एसआईटी ने चौंकाने वाले खुलासे किए है. बताया जा रहा है कि करीब दो हजार मरीजों का फर्जी इलाज कर योजना के नाम पर सरकार के खजाने को लूटा जा रहा था. अब एसआइटी ने मरीजों का इलाज करने डॉक्टरों से भी पूंछतांछ की है. इस नए खुलासे के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले बंटी बबली डॉक्टर दंपत्ति की मुश्किलें और भी बढ़ गई है. (Mp Jabalpur SIT made a big disclosure)

जाने पूरा घटनाक्रमः पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. दुहिता पाठक और उनके पति डॉ. अश्विनी पाठक को होटल में अस्पताल चलाने के अपराध में गिरफ्तार किया था. डॉ. अश्विनी पाठक वेगा होटल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने के नाम पर साधारण सर्दी बुखार वाले मरीजों को भर्ती करते थे. उनकी फर्जी रिपोर्ट बनाकर आयुष्मान योजना की राशि हड़प रहे थे. इस खुलासे के बाद पुलिस ने होटल को सील कर दिया था. वहां भर्ती मरीजों की फाइल्स जब्त करते हुए जांच शुरू की थी. पुलिस के साथ-साथ आयुष्मान विभाग भी जांच में जुटा हुआ है. पुलिस ने आरोपी डॉक्टर दंपति के साथ हॉस्पिटल के मैनेजर और कम्प्यूटर ऑपरेटर को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके बाद पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने पूरे मामले पर एक एसआईटी गठित की और मामले की जांच उसे सौंप दी थी. (Jabalpur two thousand patients got fake treatment)

एसआईटी ने किया बड़ा खुलासा

एसआईटी की जांच ने चौंकायाः इस पूरे मामले में जाँच में जुटी एसआईटी द्वारा दस्तावेज खँगाले जाने पर चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं. जाँच के दौरान एसआईटी द्वारा अस्पताल के कम्प्यूटर व मेडिकल स्टोर से जो डाटा जब्त किया गया था उसकी बारीकी से जाँच की जा रही है. जाँच के दौरान अस्पताल में भर्ती करीब डेढ़ सौ मरीज ऐसे बताए जा रहे हैं, जो कि एक ही परिवार के हैं. इस जानकारी के आधार पर जाँच टीम द्वारा सूचीबद्ध किए गए इन मरीजों को नोटिस जारी कर इलाज की फाइल लेकर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं. इन मरीजों की फाइलों व इनका क्या इलाज हुआ, इस संबंध में पूछताछ कर बयान दर्ज किए जाएंगे. डॉक्टर अश्विनी पाठक द्वारा वर्ष 2019 में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज शुरू किया था. वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक के दस्तावेजों की जाँच की गई. जिसमें करीब दो हजार मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना से होना बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाने वाले अधिकतर मरीज सामान्य बीमारियों से ग्रस्त थे. डॉक्टर दंपति ने दलालों के माध्यम से उन्हें भर्ती कर आयुष्मान योजना की राशि निकाली है. इलाज करने वाले करीब 5 विजिटिंग डॉक्टरों के नाम सामने आये थे. एसआईटी ने उन सभी डॉक्टरों से पूंछतांछ की गई है. पूंछतांछ में सभी डॉक्टरों द्वारा मरीजों की फाइलों का मुआयना कर अपने हस्ताक्षर होने से इंकार कर दिया गया है. जिससे यह साबित होता है कि विजिटिंग डॉक्टरों के नाम पर भी जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था. बहरहाल पुलिस की मानें तो इसकी जांच पूरी होने में काफी वक्त लग सकता है. (Jabalpur ayushman scheme Crores rupees frauds)

Last Updated :Sep 15, 2022, 9:53 PM IST
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