EOW Raid: जानिए कौन हैं मीना रैकवार, जिसने 12 लाख की आय से बना ली 2 करोड़ की संपत्ति

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Published : Jun 22, 2022, 9:11 PM IST

EOW Raid on Director of Tikamgarh Fisheries Cooperative Society

सागर और जबलपुर की EOW (Economic Offences Wing) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में बड़ी कार्रवाई की है. टीकमगढ़ से कांग्रेस नेता और मत्स्य सहकारी समिति की डायरेक्टर मीना रैकवार (Meena Laxman Rakwar) के आवास और ठिकानों पर EOW ने छापा मारा है, जहां आय से 16 गुना अधिक संपत्ति मिली है.

जबलपुर। मत्स्योध्योग सहकारी समिति की संचालक के घर पर बुधवार की सुबह ईओडब्ल्यू की टीम ने दबिश दी. छापेमारी के दौरान ईओडब्ल्यू की टीम को आय से लगभग 16 गुना अधिक सम्पत्ति मिली है, फिलहाल निवेश तथा बैंक लॉकर के संबंध में जांच जारी है. महिला संचालक का पति कांग्रेस नेता है और उसकी शिकायत पर भाजपा विधायक की पत्नी और नगर पालिक की अध्यक्ष के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने धोखाधडी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. इसी मामले में आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने पर ईओडब्ल्यू ने छापा मारा है.

मीना रैकवार के घर ईओडब्ल्यू का छापा

क्या है मामला ? : आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) सागर इकाई को कांग्रेस नेत्री और मत्स्य सहकारी समिति टीकमगढ़ की डायरेक्टर मीना रैकवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत प्राप्त हुई थी. इस शिकायत की जांच ईओडब्ल्यू के उप निरीक्षक चंद्रजीत यादव ने की थी. जांच के दौरान पाया गया कि मीना रैकवार लगभग 22 साल से मतस्य सहकारी समिति महेंद्र सागर तालाब टीकमगढ़ की डायरेक्टर हैं. समिति के सदस्यों में लाभांश बराबर बांटा जाता है. इस अवधि में मीना रैंकवार और इनके परिजनों को अधिकतम साढ़े बारह लाख रुपए की आय इससे होना पाया गया. लेकिन इसी अवधि में इन्होंने लगभग एक करोड़ 95 लाख रुपए की अचल सम्पत्ति और वाहन खरीदने में खर्च कर दिये.

कौन हैं मीना रैकवार: मीना रैकवार पिछले 22 सालों से मत्स्योध्योग सहकारी समिति की संचालक है. उनकी तथा परिवारिक सदस्यों की कुल आय 12 लाख 50 हजार होना चाहिये थी. छापेमारी में ईओडब्ल्यू की टीम को लगभग दो करोड रूपये की सम्पत्ति, जेवरात, निवेश, वाहन आदि के दस्तावेज मिले हैं, उनके पास एक बैंक लॉकर भी है, जिसे सील कर दिया गया है. मीना रैकवार ने साल 2014 में नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लडा था, इस दौरान उन्होंने अपने हलफनामे में इंदौर, टीकमगढ सहित अन्य जगहों पर मकान होने की जानकारी दी थी, हालांकि इस संपत्ति के दस्तावेज टीम को अभी नहीं मिले हैं. इसके संबंध में भी जानकारी एकत्र की जा रही है.

कांग्रेस नेता है मीना का पति: मीना रैकवार के पति लक्ष्मण ने बताया कि "मैं साल 1999 से 2009 तक पार्षद था, और साल 2009 से 2014 तक उनकी पत्नी पार्षद थीं. साल 2014 में स्थानीय विधायक राकेश गिरी की पत्नी लक्ष्मी गिरी से मेरी पत्नी नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव हार गई थी. विधायक की पत्नी का मायका उत्तरप्रदेश का था, बावजूद इसके उन्होंने टीकमगढ से जारी जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया. उन्होंने चुनाव लड़ा भी और जीता भी. मैने इसके खिलाफ मैंने न्यायालय में परिवाद दायर किया था, न्यायालय के आदेश पर विधायक की पत्नी व नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस में प्रकरण भी दर्ज हुआ था, लेकिन बाद में उन्हे इस मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी. हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मैने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. अब उन्हें कांग्रेस पार्टी ने पार्षद पद का उम्मीदवार बना दिया है इसलिए राजनीतिक द्वेष के कारण यह कार्यवाही की गयी है."

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ठिकानों पर तलाशी जारी: मामले की विवेचना निरीक्षक स्वर्णजीत सिंह धामी प्रकोष्ठ इकाई जबलपुर के द्वारा की जा रही है. जांच के दौरान आरोपी की अचल सम्पत्ति, कृषि भूमि, भू-खंड , जेवर व वाहन, बैंक लॉकर और बीमा आदि में निवेश सहित आरोपी द्वारा अर्जित सम्पत्ति के बारे में पता लगाया जा रहा है. वहीं आरोपी के निवास स्थानों पर तलाशी कार्रवाई जारी है.

मत्स्योध्योग सहकारी समिति मेंनद्र सागर तालाब टीकमगढ की संचालक श्रीमति मीना रैकवार के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसकी जांच सागर ईओडब्ल्यू द्वारा करवाई गई थी. शिकायत सही पाये जाने पर जबलपुर में पदस्थ निरीक्षक स्वर्णजीत सिंह के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू की टीम ने उसके टीकमगढ स्थित ठिकानों में दबिश दी.
-डी एस राजपूत, पुलिस अधीक्षक, ईओडब्ल्यू

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